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धनबाद में बिजली पर सियासत सरगर्म, भाजपा, जेएमएम-कांग्रेस का एक-दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन

बिजली के मुद्दे को लेकर कोयलांचल में राजनीति शुरू हो गई है. बीते दिन झारखंड में सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दल ने एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन किया.

Politics over electricity in Dhanbad
धनबाद में बिजली पर सियासत
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Published : Jan 29, 2022, 12:08 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 12:52 PM IST

धनबादः बिजली के मुद्दे को लेकर कोयलांचल में राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी बीजेपी हो या फिर सत्तासीन कांग्रेस-जेएमएम, इसको लेकर हर कोई जनता का मन अपने पक्ष में करने में जुटा है. एक ओर बीजेपी विधायक राज सिन्हा बिजली की लचर व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और जेएमएम द्वारा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का पुतला दहन कर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की गई.

ये भी पढ़ें-Jharkhand Government And DVC Chairman Meeting: नरम पड़ी डीवीसी, कमांड एरिया में रात 12 बजे से करेगी बिजली सप्लाई

बीजेपी जेएमएम और कांग्रेस तीनों ने शुक्रवार को एक ही मुद्दे पर आंदोलन किया, लेकिन सब का अलग-अलग ढंग रहा. जिले के रणधीर वर्मा चौक पर एक तरफ से हेमंत सोरेन हाय हाय तो दूसरी तरफ ऊर्जा मंत्री हाय-हाय की नारेबाजी हुई. जेएमएम नेताओं ने बीजेपी विधायक राज सिन्हा और कार्यकर्ताओं के सामने ही ऊर्जा मंत्री का पुतला भी फूंका. पुतला फूंकने के दौरान बीजेपी नेता और जेएमएम नेता एक दूसरे के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाते रहे. यहां सभी के कार्यकर्ताओं के एक साथ प्रदर्शन के कारण यहां घंटों तनावपूर्ण स्थिति बनी रही.

इधर, बिजली को लेकर विधायक द्वारा किए जा रहे 72 घंटे के धरने को जेएमएम के जिलाध्यक्ष रमेश टुडू ने नौटंकी बताया है. उन्होंने कहा कि डीवीसी द्वारा बिजली नहीं दी जा रही है. केंद्र सरकार की इच्छा झारखंड को अस्थिर करने की है. झारखंड की भोली भाली जनता को बरगलाने का काम केंद्र सरकार कर रही है. यहां के जनप्रतिनिधियों को डीवीसी पर दबाव बनाना चाहिए न कि झारखंड सरकार पर.

देखें पूरी खबर
वहीं जिले के सिटी सेंटर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का पुतला दहन कर बीजेपी के 72 घंटे के धरने का विरोध जताया. कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि धरने के माध्यम से बीजेपी लोगों को गुमराह कर रही है. डीवीसी द्वारा बिजली कटौती सरकार को बदनाम करने की एक सोची समझी साजिश है. झारखंड में पूर्व की रघुवर सरकार के कार्यकाल में 53 सौ करोड़ का बिजली बिल बकाया था. वर्तमान हेमंत सरकार में भुगतान के बाद महज 2175 करोड़ रुपये ही बकाया है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विधायक राज सिन्हा दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देना चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री और ऊर्जा मंत्री को डीवीसी के रवैये से अवगत कराना चाहिए.वहीं जिले के रणधीर वर्मा चौक पर धरने पर समर्थकों के साथ 72 घंटे धरने पर बैठे विधायक राज सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री का पुतला दहन करने का कोई मतलब नहीं है. सत्ता के लोग समस्या से मुंह फेर ले रहे हैं. जनता को गुमराह किया जा रहा है. समस्या झारखंड की है और ऊर्जा मंत्री का पुतला फूंका जा रहा है. यह कहीं से सही नहीं है. डीवीसी के पदाधिकारी कुछ कह रहे हैं और सरकार में बैठे लोग कुछ कह रहे हैं. सरकार सिर्फ जनता को बरगलाने का काम कर रही है.

धनबादः बिजली के मुद्दे को लेकर कोयलांचल में राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी बीजेपी हो या फिर सत्तासीन कांग्रेस-जेएमएम, इसको लेकर हर कोई जनता का मन अपने पक्ष में करने में जुटा है. एक ओर बीजेपी विधायक राज सिन्हा बिजली की लचर व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और जेएमएम द्वारा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का पुतला दहन कर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की गई.

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बीजेपी जेएमएम और कांग्रेस तीनों ने शुक्रवार को एक ही मुद्दे पर आंदोलन किया, लेकिन सब का अलग-अलग ढंग रहा. जिले के रणधीर वर्मा चौक पर एक तरफ से हेमंत सोरेन हाय हाय तो दूसरी तरफ ऊर्जा मंत्री हाय-हाय की नारेबाजी हुई. जेएमएम नेताओं ने बीजेपी विधायक राज सिन्हा और कार्यकर्ताओं के सामने ही ऊर्जा मंत्री का पुतला भी फूंका. पुतला फूंकने के दौरान बीजेपी नेता और जेएमएम नेता एक दूसरे के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाते रहे. यहां सभी के कार्यकर्ताओं के एक साथ प्रदर्शन के कारण यहां घंटों तनावपूर्ण स्थिति बनी रही.

इधर, बिजली को लेकर विधायक द्वारा किए जा रहे 72 घंटे के धरने को जेएमएम के जिलाध्यक्ष रमेश टुडू ने नौटंकी बताया है. उन्होंने कहा कि डीवीसी द्वारा बिजली नहीं दी जा रही है. केंद्र सरकार की इच्छा झारखंड को अस्थिर करने की है. झारखंड की भोली भाली जनता को बरगलाने का काम केंद्र सरकार कर रही है. यहां के जनप्रतिनिधियों को डीवीसी पर दबाव बनाना चाहिए न कि झारखंड सरकार पर.

देखें पूरी खबर
वहीं जिले के सिटी सेंटर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का पुतला दहन कर बीजेपी के 72 घंटे के धरने का विरोध जताया. कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि धरने के माध्यम से बीजेपी लोगों को गुमराह कर रही है. डीवीसी द्वारा बिजली कटौती सरकार को बदनाम करने की एक सोची समझी साजिश है. झारखंड में पूर्व की रघुवर सरकार के कार्यकाल में 53 सौ करोड़ का बिजली बिल बकाया था. वर्तमान हेमंत सरकार में भुगतान के बाद महज 2175 करोड़ रुपये ही बकाया है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विधायक राज सिन्हा दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देना चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री और ऊर्जा मंत्री को डीवीसी के रवैये से अवगत कराना चाहिए.वहीं जिले के रणधीर वर्मा चौक पर धरने पर समर्थकों के साथ 72 घंटे धरने पर बैठे विधायक राज सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री का पुतला दहन करने का कोई मतलब नहीं है. सत्ता के लोग समस्या से मुंह फेर ले रहे हैं. जनता को गुमराह किया जा रहा है. समस्या झारखंड की है और ऊर्जा मंत्री का पुतला फूंका जा रहा है. यह कहीं से सही नहीं है. डीवीसी के पदाधिकारी कुछ कह रहे हैं और सरकार में बैठे लोग कुछ कह रहे हैं. सरकार सिर्फ जनता को बरगलाने का काम कर रही है.
Last Updated : Jan 29, 2022, 12:52 PM IST
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