धनबाद: सिंह मेंशन समर्थक और जनता मजदूर संघ के कार्यकर्ता अमित गुप्ता की बर्बरतापूर्वक पिटाई का मामला सामने आया है. गंभीर हालत में गुप्ता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायल अमित गुप्ता ने केंदुआडीह थाना प्रभारी और उनके सहयोगी अजीत सिंह पर दारू पी पीकर पिटाई करने का आरोप लगाया है (Police Beaten Janata Mazdoor Sangh Leader). इधर, मामले की सूचना पर सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रागिनी सिंह समेत कई भाजपा समर्थक अस्पताल पहुंचे और उन्होंने मामले की निंदा की है. इस दौरान लोगों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए.
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धनबाद हावड़ा मोटर स्थित पाटलिपुत्र सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सोमवार को भाजपा नेत्री रागिनी सिंह पहुंचीं. यहां उन्होंने अमित गुप्ता से मुलाकात कर उसके स्वास्थ्य संबंधित जानकारी ली. अमित गुप्ता ने बताया कि वह शादी कार्ड बांटने केंदुआडीह गए था. इस दौरान कई गाड़ियों में आए पुलिसकर्मियों ने घेर लिया और थाने उठा ले गए. यह पूछने पर क्यों थाने लेकर आए, तो दारू पी-पीकर जमकर पीटा.
इधर, रागिनी सिंह ने मीडिया के सामने इस घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि इस मामले में वह धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार से मिलेंगी और मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग करेंगी. उन्होंने पाटलिपुत्र सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निदेशक डॉक्टर निर्मल ड्रोलिया से मुलाकात कर उनसे अमित गुप्ता के इलाज की विस्तृत जानकारी ली.
पुलिसवालों पर रंगदारी मांगने का आरोपः घायल अमित गुप्ता का आरोप है कि उससे 20 हजार रुपये महीने रंगदारी की मांग की जा रही है. रंगदारी न देने पर जान से मारने या आर्म्स एक्ट लगाकर फंसाने की धमकी दी जा रही है.
कोयला तस्करी के पैसे की वसूली का आरोपः घायल ने अजीत सिंह नाम के पुलिस वाले पर कोयला तस्करों से पैसे वसूली का भी आरोप लगाया. कहा कि इनका क्षेत्र के अपराधियों से याराना है और मोबाइल जब्त कर लिया जाए. इससे तस्दीक हो जाएगी. किसी बड़े बाबू का भी वे नाम ले रहे थे, आरोप था कि ये वसूली के लिए अजीत सिंह को लेकर घूमते हैं. आरोप था कि इन्होंने चार हाइवा, गाड़ी और बंगला समेत तमाम संपत्ति बना ली है, लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर पुलिसवाले की तनख्वाह कितनी है कि उसने इतनी संपत्ति बना ली.
थानेदार बोले-पुलिस ने छोड़कर गलती कीः वहीं इस पूरे मामले में केंदुआडीह थानेदार सुरेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अमित गुप्ता आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है. इस पर हत्या का मुकदमा दर्ज है, वह जेल भी जा चुका है. रात्रि लगभग 12 बजे संदिग्ध अवस्था में देखने के बाद जब पुलिस उसके पास पहुंची तो वह भागने लगा. दौड़ने के क्रम में वह गिर गया. जिससे उसे चोटे आई है. पुलिस ने मारपीट नहीं की है.
प्रत्यक्षदर्शियों के कहने पर उन्हें छोड़ दिया गया. जिन व्यक्तियों ने उन्हें पुलिस से छुड़ाया है, बाकी जानकारी अगर उनसे लिया जाए तो ज्यादा बेहतर है कि दोषी कौन है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उसे छोड़कर गलती की है, मामले को झूठ मूठ का राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.