धनबाद: स्थानीय बेरोजगारों को भी अपने गांव में ही रोजगार मिल सके इसको लेकर सरकार ने बड़े ही जोर शोर से बिरसा हरित क्रांति योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत लगाए गए फलदार पौधे अब सूखने लगे हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. बुधवार को मनरेगा उपनिदेशक के नेतृत्व में तीन दिवसीय टीम जांच के लिए धनबाद पहुंची.
किसानों की चिंता बढ़ी
धनबाद के गोविंदपुर प्रखंड के मधुबनी पंचायत में 954 आम्रपाली आम के पौधे लगाए गए. पौधे की आपूर्ति प्रकाश नर्सरी रांची के द्वारा की गई लेकिन किसानों के उम्मीदों पर उस वक्त पानी फिरने लगा जब 954 पौधों में से लगभग 463 पौधे सूख गए. इसके बाद स्थानीय ने इसकी शिकायत वीडियो एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों से की जिसके बाद बुधवार को रांची से मनरेगा उपनिदेशक के साथ 3 सदस्य टीम पहुंची. जिसमें कृषि वैज्ञानिक भी शामिल थे और उन्होंने पौधे सूखने के जांच शुरू कर दी है.
वहीं मनरेगा उपनिदेशक अनुपम भारती ने बताया कि मनरेगा के तहत बिरसा हरित क्रांति योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत लगाए गए पौधों के सूखने की शिकायत मिली थी, उसी शिकायत पर जांच करने पहुंचे हैं जांच उपरांत जांच प्रतिवेदन सरकार को सौंप दी जाएगी.
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कृषि के मामले में दूसरे संपन्न राज्यों की तरह झारखंड में भी फलदार पौधे किसानों के आय का स्रोत बन सके एवं प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार का अवसर अपने ही गृह जिले में उपलब्ध हो सके, इसको लेकर प्रदेश की हेमंत सरकार ने बिरसा हरित क्रांति योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत फलदार पौधे एवं इमारती पौधे बड़े पैमाने पर पूरे झारखंड में लगाए गए.