धनबादः निरसा में बीते दिन हुए चाल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. बीते दिन 12 शव निकाले जा चुके हैं. लेकिन अब भी आसपास के इलाकों के दर्जनों लोगों के फंसे होने की आशंका है. आसपास के ऐसे लोग जिनके परिजन रात को घर नहीं लौटे, वे बुधवार सुबह चाल तक परिजनों की तलाश में पहुंचे. हालांकि वे खदान एरिया में प्रवेश नहीं कर पाए. यहां पुलिस और सुरक्षा बलों ने बैरिकेडिंग कर दी है. कोई रेस्क्यू भी नहीं किया जा रहा है. इससे लोग परेशान हैं.
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बता दें कि धनबाद के निरसा थाना क्षेत्र में गोपीनाथपुर ओसीपी में मंगलवार सुबह-सुबह अवैध उत्खनन के दौरान कोयले की चाल धंस गई थी. जिसमें कई ग्रामीण दब गए थे, सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू चलाया. देर रात तक 12 शव निकाले जा चुके थे, मगर आसपास के दर्जनों लोग अब भी लापता हैं. जिनके परिजनों को शक है कि ये मजदूर खदान में ही फंसे हैं.
पुलिस-प्रशासन ने की बैरिकेडिंगः इधर मंगलवार रात तक कई लोगों के परिजन घर नहीं पहुंचे तो सुबह वे कोलियरी के पास आ धमके, हालांकि वे चाल के आसपास नहीं पहुंच सके. ईसीएल और प्रशासन की ओर से पूरे कोलियरी क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है. बाहरी लोगों का प्रवेश पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. खदान के मुहाने के पास अब भी कई कोयले की बोरिया बिखरी हुई हैं और क्षेत्र वीरान पड़ा हुआ है. इधर जिला प्रशासन ने बीते दिन हुए हादसा के लिए जांच टीम का गठन किया है. उम्मीद जताई जा रही हैं जांच टीम हादसा की तह तक पहुंचेगी. मगर आज रेस्क्यू ऑपरेशन बंद है.
हादसे पर राजनीतिः निरसा कोलियरी क्षेत्र में अवैध उत्खनन के दौरान हादसे के बाद एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है. बुधवार को कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शकील अख्तर यहां पहुंचे, उन्होंने दुर्घटना के लिए ईसीएल और सीआईएसएफ को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इनकी मिलीभगत से ही अवैध उत्खनन चल रहा था. इसी के कारण हादसा हुआ. उन्होंने कहा कि हादसे से राज्य सरकार का कोई लेना देना नहीं है. इन्होंने पूर्व विधायक अरूप चटर्जी पर भी इसके लिए सवाल उठाए. इससे पहले पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने सत्ता और प्रशासन की मिलीभगत से उत्खनन के आरोप लगाए थे.