धनबाद: जिले में सरकारी योजनाओं के तहत कई काम ट्रांसपोर्ट कंपनियों को दिया गया है, जिसमें पीडीएस सिस्टम के तहत डोर स्टेप डिलीवरी (PDS Door Step Delivery) की व्यवस्था भी शामिल है. राज्य के अलग-अलग प्रखंडों में अलग-अलग ट्रांसपोर्टरों को डोर स्टेप डिलीवरी का काम सौंपा गया है, लेकिन जो तय मानदंड है, उसकी सरकारी बाबुओं की मदद से धज्जियां उड़ाई जा रही है, जिसके कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.
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धनबाद के निरसा में डोर स्टेप डिलीवरी के लिए लगे वाहनों में ओवर लोड माल की ढुलाई की जा रही है. निरसा में ग्यारह 407 वैन डोर स्टेप डिलीवरी के लिए लगाए गए हैं. 407 वैन के लिए 2.25 टन माल ढुलाई का परमिट होता है, जबकि निरसा के ट्रांसपोर्टर गंगा कंस्ट्रक्शन एंड ट्रांसपोर्ट के द्वारा 5 टन से अधिक माल ढोया जा रहा है. परमिट से दोगुना से भी अधिक माल की ढुलाई की जा रही है. निरसा में यह खेल काफी दिनों से चलते आ रहा है, लेकिन सरकारी बाबुओं की मिलीभगत के कारण यह सब आज तक उजागर नहीं हो सका.
कांग्रेस नेता ने की कार्रवाई की मांग
निरसा में प्रत्येक 407 वैन पर 100 बोरा अनाज लोड किया जाता है और प्रत्येक बोरा 50 किलो का होता है. यानी हर वैन में 5 टन माल की ढुलाई होती है, जबकि 407 वैन को 2.25 टन माल ढुलाई का ही परमिट प्राप्त है. इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता बबलू दास ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह खेल हो रहा है. उन्होंने सरकार से मामले की जांच की मांग की है. बबलू दास ने कहा कि सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाकर ट्रांसपोर्टर मालामाल हो रहे हैं. वहीं इस मामले पर धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और इसके लिए सप्लाई विभाग के अधिकारियों को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है.