धनबादः शहीद निर्मल महतो मेमोरियल अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों का बुरा हाल है. मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण उन्हें बेड नहीं उपलब्ध हो पा रहा है. जिस कारण मरीज को घंटों फर्श पर बिताना पड़ रहा है. यही नहीं मरीज को व्हील चेयर या फिर स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण मरीज को गोद में उठाकर परिजन इमरजेंसी वार्ड तक ले जाने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
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एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में बेड नहीं मिलने की वजह से कई मरीज व उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज और उनके साथ आए परिजन बेड के इंतजार में फर्श पर बैठने को विवश हैं. दर्द और तकलीफ में मरीज फर्श पर इंतजार करने को मजबूर हैं. कुछ मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण, उनके परिजन के द्वारा उन्हें इमरजेंसी वार्ड तक उठाकर ले जाया गया.
बता दें कि हाल ही में इमरजेंसी वार्ड को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जा चुका है. जहां मरीज के लिए 100 बेड की व्यवस्था की गई है. इसके बावजूद कई मरीज स्ट्रेचर पर बैठकर बेड मिलने का इंतजार करते हैं. फिलहाल अस्पताल के 60 से 70 बेड को सुचारू रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में बाकी मरीजों को बेड के लिए परेशान होना पड़ रहा है.
शहीद निर्मल महतो मेमोरियल अस्पताल में इलाज के लिए आयीं गंगा देवी को हार्ट और किडनी में समस्या है. इलाज के लिए परिजन उन्हें लेकर यहां पहुंचे लेकिन बेड के इंतजार में उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा फिर भी उन्हें एक अदद बेड नहीं मिल पाया. मरीज गंगा देवी के पुत्र राकेश कुमार ने कहा कि वे धैया से आए हैं, यहां बेड की कमी के कारण उनकी माता को बेड नहीं मिल सका.
इसी तरह संजीत कुमार अपने चाचा का इलाज करवाने शहीद निर्मल महतो मेमोरियल अस्पताल में पहुंचे. मरीज की हालत नाजुक है, कुछ भी खाने पर उन्हें उल्टी हो रही रही है. इसके बावजूद बेड के इंतजार में उन्हें स्ट्रेचर पर ही बीताना पड़ रहा है. मरीज के परिजन ने कहा कि अधिकारियों से बेड की समस्या पर बात करने पर उन्होंने बेड की कमी का हवाला दिया है. मरीज की स्थिति को देखते हुए चिकित्सक भी बेड के अभाव में व्हील चेयर या स्ट्रेचर पर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं ताकि उन्हें थोड़ी राहत मिल सके.
शहीद निर्मल महतो मेमोरियल अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार बर्नवाल ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड को अपग्रेड करके लगभग दोगुने बेड का इंतजाम किया गया है. यहां इलाज करने के लिए आ रहे मरीजों का विश्वास हम पर बढ़ा है, जिस कारण यहां भीड़ भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हम इस पर भी प्रयास कर रहे हैं कि ऊपर के फ्लोर को भी चालू किया जाए जिससे भविष्य में मरीज को बेड की समस्या ना हो.
एसएनएमएमसीएच अधीक्षक डॉ अनिल कुमार बर्नवाल ने कहा कि एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में लगभग दर्जन भर स्ट्रेचर हैं, इसके बावजूद परिजन अपने मरीज को जल्दी से इलाज करने के लिए गोद में उठाकर इमरजेंसी वार्ड में ले जाते हैं. वहीं स्टाफ की कमी पर उन्होंने कहा कि जो परिजन अपने मरीज को उठाकर ले जा सकते हैं तो वे स्ट्रेचर पर मरीज को बैठाकर खींच भी सकते हैं. परिजन इलाज की जल्दी के कारण अस्पताल में रखे स्ट्रेचर का इस्तेमाल नहीं करते हैं.