ETV Bharat / state

सैकड़ों एकड़ खेत में लगी धान की फसल बर्बाद, पैक्स के जरिए किसानों ने खरीदे थे बीज - Dudhiya Panchayat of Balliapur Block

धनबाद के बलियापुर प्रखंड के दूधिया पंचायत के किसानों ने पैक्स से धान के बीच की खरीदारी की और खेतों में लगया, ताकि खेती अच्छी हो. लेकिन, धान की फसल बर्बाद हो रहा है. किसान मांग कर रहे हैं कि लागत की भरपाई सरकार करें.

paddy-crop-destroyed-in-hundreds-of-acres-of-field-in-dhanbad
सैकड़ों एकड़ खेत में लगी धान की फसल बर्बाद
author img

By

Published : Sep 19, 2021, 10:27 AM IST

धनबादः सरकारी अनुदान पर जिले के किसानों ने पैक्स के जरिए धान के बीज की खरीदारी की, ताकि खेती अच्छी हो. लेकिन, पैक्स से खरीदे गए धान के बीज ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. किसानों ने अपने-अपने खेतों में धान का बिचड़ा लगाया, जिसमें सिर्फ 12 दिनों में बाली आ गई और सूख कर झड़ने लगी. स्थिति यह है कि सैकड़ों एकड़ खेतों में लगे धान के फसल बर्बाद हो रहे हैं.

यह भी पढ़ेंःधान की अच्छी पैदावार से किसानों के चेहरे खिले, 20 से 25% अधिक फसल होने की है संभावना

सैकड़ों एकड़ में धान की फसल बर्बाद होते देख किसानों ने मामले की सूचना कृषि विभाग को दी. किसानों की सूचना पर कृषि निदेशालय हजारीबाग के संयुक्त सचिव राजेश्वर दुबे के नेतृत्व में बीएयू , एनएसी, केबीके सहित पांच कृषि विश्वविधालय के वैज्ञानिक धनबाद पहुंचे और बलियापुर प्रखंड के दूधिया पंचायत के खेतों में लगी धान की फसल की जांच की है. टीम के सदस्य फसल के नमूने अपने साथ ले गए हैं. नमूनों की जांच रिपोर्ट कृषि निदेशालय को सौंपी जाएगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

देखें पूरी रिपोर्ट


लागत की भरपाई की मांग

किसान अखलाक अंसारी ने बताया कि जून महीने में DRRH-3 और IR-64 धान के बीज की खरीदारी दूधिया पैक्स से की थी. 15 जुलाई को बीज को खेतों में लगाया, जिसमें 12 दिनों में ही बाली निकल आई. इतना ही नहीं धान की बाली भी सूख रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी को मामले की सूचना दी. कृषि पदाधिकारी ने बाली के वीडियो और फोटो की मांग की. इसके बाद प्रखंड पदाधिकारी ने खेतों में पहुंचकर निरीक्षण किया. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि हमारी लागत की भरपाई कर दें. जांच की प्रकिया चलती रहेगी.

धान की फलस के नमूने की जांच

कृषि निदेशालय के संयुक्त निदेशक राजेश्वर दुबे ने कहा कि धान की फसल के नमूने लिए गए हैं. लैब में इनकी जांच की जाएगी. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

धनबादः सरकारी अनुदान पर जिले के किसानों ने पैक्स के जरिए धान के बीज की खरीदारी की, ताकि खेती अच्छी हो. लेकिन, पैक्स से खरीदे गए धान के बीज ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. किसानों ने अपने-अपने खेतों में धान का बिचड़ा लगाया, जिसमें सिर्फ 12 दिनों में बाली आ गई और सूख कर झड़ने लगी. स्थिति यह है कि सैकड़ों एकड़ खेतों में लगे धान के फसल बर्बाद हो रहे हैं.

यह भी पढ़ेंःधान की अच्छी पैदावार से किसानों के चेहरे खिले, 20 से 25% अधिक फसल होने की है संभावना

सैकड़ों एकड़ में धान की फसल बर्बाद होते देख किसानों ने मामले की सूचना कृषि विभाग को दी. किसानों की सूचना पर कृषि निदेशालय हजारीबाग के संयुक्त सचिव राजेश्वर दुबे के नेतृत्व में बीएयू , एनएसी, केबीके सहित पांच कृषि विश्वविधालय के वैज्ञानिक धनबाद पहुंचे और बलियापुर प्रखंड के दूधिया पंचायत के खेतों में लगी धान की फसल की जांच की है. टीम के सदस्य फसल के नमूने अपने साथ ले गए हैं. नमूनों की जांच रिपोर्ट कृषि निदेशालय को सौंपी जाएगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

देखें पूरी रिपोर्ट


लागत की भरपाई की मांग

किसान अखलाक अंसारी ने बताया कि जून महीने में DRRH-3 और IR-64 धान के बीज की खरीदारी दूधिया पैक्स से की थी. 15 जुलाई को बीज को खेतों में लगाया, जिसमें 12 दिनों में ही बाली निकल आई. इतना ही नहीं धान की बाली भी सूख रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी को मामले की सूचना दी. कृषि पदाधिकारी ने बाली के वीडियो और फोटो की मांग की. इसके बाद प्रखंड पदाधिकारी ने खेतों में पहुंचकर निरीक्षण किया. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि हमारी लागत की भरपाई कर दें. जांच की प्रकिया चलती रहेगी.

धान की फलस के नमूने की जांच

कृषि निदेशालय के संयुक्त निदेशक राजेश्वर दुबे ने कहा कि धान की फसल के नमूने लिए गए हैं. लैब में इनकी जांच की जाएगी. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.