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धनबाद में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन, स्थानीय लोगों ने किया विरोध

धनबाद में आद्रा रेलवे डिवीजन की जमीन पर अतिक्रमण कर कई घर और दुकान बनाए गए हैं. जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सोमवार को आरपीएफ और स्थानीय पुलिस लोदना मोड़ पहुंची, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया. काफी हंगामा होने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने वरिष्ठ लोगों के साथ वार्ता की, जिसके बाद वहां रहने वाले लोगों को कुछ दिनों का मोहलत दिया है.

Oppose of administration reached to remove encroachment on railway land in Dhanbad
अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन
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Published : Jan 18, 2021, 8:55 PM IST

धनबाद: आद्रा रेलवे डिवीजन की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों और दुकानों को हटाने के लिए आरपीएफ और स्थानीय पुलिस लोदना मोड़ पहुंची, जिसका स्थानीय लोगों ने गोलबंद होकर विरोध करना शुरू कर दिया. इस दौरान रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई. स्थानीय लोगों में आक्रोश को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने कई वरिष्ठ लोगों के साथ वार्ता की, जिसके बाद कुछ दिनों का समय रेलवे ने लोगों को दिया है.

देखें पूरी खबर



रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक रेलवे की जमीन को खाली करने के लिए कई बार लोगों को नोटिस दिया गया है, बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया, जिसके कारण रेलवे को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है, रेलवे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पुलिस और आरपीएफ के जवान के साथ पहुंचे हैं. वही अतिक्रमण हटाने की खबर पाकर स्थानीय लोग गोलबंद हो गए और इसका विरोध करने लगे. लोगों का कहना है कि लगभग 30 सालों से यहां रह रहे हैं, रेलवे मनमानी कर रहा है, एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार 2022 तक सभी लोगों को घर देने की बात करती है, दूसरी तरफ इस करोना काल में हमलोगों के दुकान और आशियाने को उजाड़ा जा रहा है.

इसे भी पढे़ं: धनबाद में कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों का अनशन खत्म, एक सप्ताह से हड़ताल पर थे किसान

कांग्रेस नेता का मोदी सरकार पर निशाना

मामले की जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस नेता शमशेर आलम मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि रेलवे के अधिकारी गरीब लोगों के लिए डेथ वारंट लेकर पहुंचे हैं, कोरोना काल में वैसे ही गरीब परेशान हैं और इस दौरान रेलवे के ओर से डोजर और भारी पुलिस बल लेकर दुकान, घर खाली कराने पहुंचना निंदनीय है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार गरीबी हटाने और रोजगार देने की बात करती है, लेकिन स्थानीय गरीब लोगों और दुकानदारों को परेशान किया जा रहा है.

धनबाद: आद्रा रेलवे डिवीजन की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों और दुकानों को हटाने के लिए आरपीएफ और स्थानीय पुलिस लोदना मोड़ पहुंची, जिसका स्थानीय लोगों ने गोलबंद होकर विरोध करना शुरू कर दिया. इस दौरान रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई. स्थानीय लोगों में आक्रोश को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने कई वरिष्ठ लोगों के साथ वार्ता की, जिसके बाद कुछ दिनों का समय रेलवे ने लोगों को दिया है.

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रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक रेलवे की जमीन को खाली करने के लिए कई बार लोगों को नोटिस दिया गया है, बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया, जिसके कारण रेलवे को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है, रेलवे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पुलिस और आरपीएफ के जवान के साथ पहुंचे हैं. वही अतिक्रमण हटाने की खबर पाकर स्थानीय लोग गोलबंद हो गए और इसका विरोध करने लगे. लोगों का कहना है कि लगभग 30 सालों से यहां रह रहे हैं, रेलवे मनमानी कर रहा है, एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार 2022 तक सभी लोगों को घर देने की बात करती है, दूसरी तरफ इस करोना काल में हमलोगों के दुकान और आशियाने को उजाड़ा जा रहा है.

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मामले की जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस नेता शमशेर आलम मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि रेलवे के अधिकारी गरीब लोगों के लिए डेथ वारंट लेकर पहुंचे हैं, कोरोना काल में वैसे ही गरीब परेशान हैं और इस दौरान रेलवे के ओर से डोजर और भारी पुलिस बल लेकर दुकान, घर खाली कराने पहुंचना निंदनीय है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार गरीबी हटाने और रोजगार देने की बात करती है, लेकिन स्थानीय गरीब लोगों और दुकानदारों को परेशान किया जा रहा है.

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