धनबाद: कोयलांचल के मशहूर पर्यटन स्थल (famous tourist place) तोपचांची झील को देखने हर साल काफी संख्या में सैलानी आते हैं. इसके लिए विशेष प्रमंडल विभाग की ओर से तोपंचांची वाटर बोर्ड परिसर में 36 लाख रुपए की लागत से शौचालय का निर्माण (construction of toilet) कराया गया है. लेकिन नाम पर मत जाइए इसे बेशकीमती शौचालय में पानी भी नहीं मिलेगा. हालांकि टंकी रख दी गई है. बहरहाल बिना पानी वाले इस शौचालय का दो साल से इसका उद्घाटन तक नहीं हो सका है.
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दो साल से नहीं है पानी का कनेक्शन
सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि जिस झील से कोयलांचल के लोगों की प्यास बुझती है, उसी झील के पानी की सप्लाई व्यवस्था वहां के परिसर में बने शौचालय में नहीं है. पिछले दो सालों से पानी की सप्लाई के लिए कनेक्शन की शौचालय बाट जो रहा है. बड़ी-बड़ी टंकियां शौचालय भवन के छत पर लगी हैं, लेकिन सिर्फ दिखावे की वस्तु बनकर रह गईं हैं. आज तक इन टंकियों में पानी नहीं भरा गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से सटे होने के चलते सैलानियों के लिए ये शुरू से ही आकर्षण का केंद्र रहा है.
सैलानियों के लिए झील आकर्षण का केंद्र
झील के चारों ओर पहाड़ों की छटा सैलानियों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है. झील का निर्माण अंग्रेजों के समय में कराया गया था. सैलानियों की परेशानियों को देखते हुए शौचालय का निर्माण किया गया, लेकिन अब तक इसका उद्घाटन नहीं हो पाया.
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स्थानीय लोगों का छलका दर्द
परिसर में छोटी सी दुकान चलाने वाले दुकानदार कहते हैं कि सैलानी उनकी पास समस्या लेकर पहुंचते थे. शौचालय का निर्माण होने के बाद खुशी भी हुई कि अब सैलानियों को शौचालय के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. लेकिन अब इसको ऐसे ही नजरअंदाज देखकर मन उतना ही दुखी है. दुकानदार का कहना है कि एंट्री की राशि सैलानियों से ली जाती है, लेकिन सुविधा शून्य है. वहीं, स्थानीय दुमदुमी पंचायत के मुखिया मुकेश महतो ने बताया कि इच्छा शक्ति की कमी के चलते पानी का कनेक्शन शौचालय में नहीं करवाया गया है. ऊपर से अब तो शौचालय भवन टूटने की कगार पर भी है. मरम्मत के नाम पर फिर से टेंडर निकाला जाएगा और एक बार फिर से पैसों का बंदरबाट होगा. स्थानीय टुंडी विधायक मथुरा महतो का कहना है कि अभी विकास योजनाओं पर ध्यान नहीं देना है. फिलहाल मुख्यमंत्री ने कोरोना से बचाने के लिए टिकाकरण पर विशेष ध्यान देने की बात कही है.