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आखिर कौन होगा बेजुबानों की मौत का जिम्मेदार ?

धनबाद के पशु पालक इन दिनों बेहद परेशान हैं. पशुओं में होने वाले घातक संक्रमित बीमारी का टीकाकरण अब तक नहीं हो सका है. यह टीकाकरण जून तक होना था लेकिन पशुपालन विभाग में अब तक टिका उपलब्ध नही हो सका है.

पशुपालन विभाग
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Published : Jul 19, 2019, 7:53 AM IST

Updated : Aug 3, 2019, 10:01 PM IST

धनबाद: जिले के पशु पालक इन दिनों बेहद चिंतित हैं. उन्हें अपने पशुओं के मौत की चिंता सताने लगी है. बरसात के दिनों में पशुओं में होने घातक संक्रमित बीमारी का अब तक टीकाकरण नहीं हो सका है. दो संक्रमित बीमारी ऐसे हैं, जिससे प्रभावित होने पर 24 से 48 घंटे में पशुओं की मौत हो जाती है. जून माह में ही पशुओं का टीकाकरण हो जाना चाहिए था, लेकिन अब तक पशुपालन विभाग में टीका उपलब्ध नहीं हो सका है.

देखें वीडियो


संक्रमित बीमारियों से 24 से 48 घंटे के भीतर हो जाती है मौत


गला घोटू यानी एचएस और लंगड़ा यानी बिक्यु ये दो ऐसे संक्रमित बीमारी है, जो बरसात के दिनों में पशुओं में बड़ी ही तेजी के साथ अपना पांव पसारता है. इन संक्रमित बीमारियों से ग्रसित होने वाले पशुओं की मौत 24 से 48 घंटे के भीतर हो जाती है. इससे रोकथाम के लिए बारिश शुरू होने से पहले ही पशुओं को टीकाकरण किया जाता है. लेकिन बारिश का मौसम शुरू हो जाने के बाद भी विभाग द्वारा अब तक पशुओं का टीकाकरण नहीं किया जा सका है.


टीके के लिए विभाग से मांग


इस मामले के संबंध में पशुपालन विभाग के शल्य चिकित्सक डॉ बिपिन बिहारी महथा ने कहा कि जून माह में ही पशुओं में टीकाकरण कर दिया जाता था, लेकिन अबतक विभाग को टीका उपलब्ध नहीं हो सका है. टीके के लिए विभाग से मांग की गई है. टीका आने के बाद टीकाकरण कर दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कुछ स्थानों में पशुओं की मौत की सूचना मिली है. वैसे स्थानों में लोगों को बाजार से वैक्सीन खरीदकर टीकाकरण करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

धनबाद: जिले के पशु पालक इन दिनों बेहद चिंतित हैं. उन्हें अपने पशुओं के मौत की चिंता सताने लगी है. बरसात के दिनों में पशुओं में होने घातक संक्रमित बीमारी का अब तक टीकाकरण नहीं हो सका है. दो संक्रमित बीमारी ऐसे हैं, जिससे प्रभावित होने पर 24 से 48 घंटे में पशुओं की मौत हो जाती है. जून माह में ही पशुओं का टीकाकरण हो जाना चाहिए था, लेकिन अब तक पशुपालन विभाग में टीका उपलब्ध नहीं हो सका है.

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संक्रमित बीमारियों से 24 से 48 घंटे के भीतर हो जाती है मौत


गला घोटू यानी एचएस और लंगड़ा यानी बिक्यु ये दो ऐसे संक्रमित बीमारी है, जो बरसात के दिनों में पशुओं में बड़ी ही तेजी के साथ अपना पांव पसारता है. इन संक्रमित बीमारियों से ग्रसित होने वाले पशुओं की मौत 24 से 48 घंटे के भीतर हो जाती है. इससे रोकथाम के लिए बारिश शुरू होने से पहले ही पशुओं को टीकाकरण किया जाता है. लेकिन बारिश का मौसम शुरू हो जाने के बाद भी विभाग द्वारा अब तक पशुओं का टीकाकरण नहीं किया जा सका है.


टीके के लिए विभाग से मांग


इस मामले के संबंध में पशुपालन विभाग के शल्य चिकित्सक डॉ बिपिन बिहारी महथा ने कहा कि जून माह में ही पशुओं में टीकाकरण कर दिया जाता था, लेकिन अबतक विभाग को टीका उपलब्ध नहीं हो सका है. टीके के लिए विभाग से मांग की गई है. टीका आने के बाद टीकाकरण कर दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कुछ स्थानों में पशुओं की मौत की सूचना मिली है. वैसे स्थानों में लोगों को बाजार से वैक्सीन खरीदकर टीकाकरण करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

Intro:ANCHOR:-जिले के पशु पालक इन दिनों बेहद परेशान हैं।उन्हें अपने पशुओं के मौत की चिंता सताने लगी है।बरसात के दिनों में पशुओं में होने घातक संक्रमित बीमारी का अब तक टीकाकरण नही हो सका है।दो संक्रमित बीमारी ऐसे हैं,जिससे प्रभावित होने पर 24 से 48 घन्टे में पशुओं की मौत हो जाती है।जून माह में ही पशुओं को टीकाकरण हो जाना चाहिए था।लेकिन अबतक पशुपालन विभाग को टिका उपलब्ध नही हो सका है।


Body:VO 01:-गला घोटू यानी एचएस और लंगड़ा यानी बिक्यु ये दो ऐसे संक्रमित बीमारी है।जो बरसात के दिनों में पशुओं में बड़ी ही तेजी के साथ अपना पांव पसारता है।इन संक्रमित बीमारियों से ग्रसित होने वाले पशुओं की मौत 24 से 48 घन्टे के भीतर हो जाती है।इससे रोकथाम के लिए बारिश शुरू होने से पहले ही पशुओं को टीकाकरण किया जाता है।लेकिन बारिश का मौसम शुरू हो जाने के बाद भी विभाग द्वारा अबतक पशुओं का टीकाकरण नही किया जा सका है।पशु पालक दशरथ यादव कहते हैं कि पशु पालन कार्यालय का कई बार चक्कर लगा चुके हैं।लेकिन अबतक निराशा ही हांथ लगी है।विभाग के पदाधिकारी टीका उपलब्ध नही होने की बात कह रहे हैं।

BYTE 01:-DASHRATH YADAV,PASHUPALAK
BYTE 02:-SUNIL

VO 02:-वहीं इस संबंध में जब पशुपालन विभाग के शल्य चिकित्सक डॉ बिपिन बिहारी महथा से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि जून माह में ही पशुओं में टीकाकरण कर दिया जाता था।लेकिन अबतक विभाग को टिका उपलब्ध नही हो सका है।टिके के लिए विभाग से मांग की गई है।टिका आने के बाद टीकाकरण कर दी जाएगी।उन्होंने यह भी कहा कुछ स्थानों में पशुओं की मौत की सूचना मिली है।वैसे स्थानों में लोगों को बाजार से वैक्सीन खरीदकर टीकाकरण करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।एचएसबिक्यु के लिए 50 हजार, एमएफडी के लिए 3 हजार और एंटी रैबीज के लिए 2 हजार टिके की मांग के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा गया है।

BYTE:-DR BIPIN BIHARI MAHATHA,SHALYA CHIKITSAK


Conclusion:हालांकि बरसात आने के पूर्व ही पशुपालन विभाग को इस खतरे से निबटने की तैयारी कर लेनी चाहिए थी।अधिकारी अपने कार्यों में यदि थोड़ी सी तत्परता दिखाए हो तो कई पशु पालकों की परेशानी कम हो गई होती।
नरेन्द्र कुमार, ईटीवी भारत ,धनबाद
Last Updated : Aug 3, 2019, 10:01 PM IST
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