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नीरज हत्याकांड: नहीं मिलेगी सवालों की लिस्ट, अदालत में होगा विधायक और अन्य आरोपियों का बयान दर्ज

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Published : May 2, 2022, 6:57 PM IST

पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड मामले (Neeraj Singh murder case) में सोमवार को सुनवाई हुई. आरोपी के अधिवक्ता ने कोर्ट से प्रश्‍नों की सूची उपलब्ध कराने के लिए आवेदन दिया था. जिसपर सोमवार को सुनवाई हुई. वहीं सफाई बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट ने अगली तारीख निर्धारित की.

neeraj murder case hearing
neeraj murder case hearing

धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत अन्य आरोपियों को आज (02 मई) जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने प्रश्‍नों की सूची सौंपने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही उनके आवेदन को खारिज भी कर दिया गया. अदालत ने आरोपियों के सफाई बयान दर्ज करने के लिए अगली तारीख निर्धारित की है.


इसे भी पढ़ें: नीरज हत्याकांड: संजीव सिंह ने राजनीतिक फायदे के लिए फंसाने का लगाया आरोप, कहा- CBI करे जांच तो होगा खुलासा

06 मई को दर्ज किया जाएगा सफाई बयान: सफाई बयान दर्ज करने की अगली तारीख 06 मई की है. इस दिन संजीव सिंह समेत अन्य आरोपियों का अदालत में सफाई बयान दर्ज किया जाएगा. जेल प्रशासन को अदालत ने 6 मई को सभी आरोपियों को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है. इससे पहले 25 अप्रैल को संजीव सिंह, पंकज सिंह, डब्लू मिश्रा और 27 अप्रैल को अमन सिंह, सागर सिंह, संजय सिंह, कुर्बान अली, विनोद सिंह और धनजी सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता मोहम्मद जावेद, पंकज प्रसाद और देवी शरण सिन्हा ने आवेदन देकर अभियुक्तों से पूछे जाने वाले प्रश्‍नों की पूरी सूची उपलब्ध कराने की मांग की थी. जिससे की वह उसका जवाब लिखित रूप में दे सकें.


अभियुक्तों को प्रश्‍नों की सूची देने का कोई प्रावधान नहीं: अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने दलील देते हुए कहा था कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है कि अपना बयान वह अपने अधिवक्ताओं से संपर्क कर और सोच-विचार कर दें. इसलिए वर्ष 2009 में सीआरपीसी की धारा 313 की उप धारा 5 में इसे संशोधित कर लाया गया है. इसलिए उनके अधिकार से उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता. इसका अभियोजन ने विरोध किया और कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि बयान दर्ज किए जाने से पहले अभियुक्तों को प्रश्‍नों की सूची दे दी जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी.



क्या है पूरा मामला: 21 मार्च 2017 की शाम 7 बजे नीरज सिंह अपनी फाॅर्च्‍यूनर कार (जेएच10एआर-4500) से सरायढ़ेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे. वह ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे. पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढ़ेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी बैठे थे. स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की रफ्तार कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया और कार पर गोलियों की बरसात कर दी थी. चारों तरफ से 9 एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई. घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी. गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो की मौत मौके पर ही हो गई थी.

धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत अन्य आरोपियों को आज (02 मई) जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने प्रश्‍नों की सूची सौंपने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही उनके आवेदन को खारिज भी कर दिया गया. अदालत ने आरोपियों के सफाई बयान दर्ज करने के लिए अगली तारीख निर्धारित की है.


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06 मई को दर्ज किया जाएगा सफाई बयान: सफाई बयान दर्ज करने की अगली तारीख 06 मई की है. इस दिन संजीव सिंह समेत अन्य आरोपियों का अदालत में सफाई बयान दर्ज किया जाएगा. जेल प्रशासन को अदालत ने 6 मई को सभी आरोपियों को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है. इससे पहले 25 अप्रैल को संजीव सिंह, पंकज सिंह, डब्लू मिश्रा और 27 अप्रैल को अमन सिंह, सागर सिंह, संजय सिंह, कुर्बान अली, विनोद सिंह और धनजी सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता मोहम्मद जावेद, पंकज प्रसाद और देवी शरण सिन्हा ने आवेदन देकर अभियुक्तों से पूछे जाने वाले प्रश्‍नों की पूरी सूची उपलब्ध कराने की मांग की थी. जिससे की वह उसका जवाब लिखित रूप में दे सकें.


अभियुक्तों को प्रश्‍नों की सूची देने का कोई प्रावधान नहीं: अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने दलील देते हुए कहा था कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है कि अपना बयान वह अपने अधिवक्ताओं से संपर्क कर और सोच-विचार कर दें. इसलिए वर्ष 2009 में सीआरपीसी की धारा 313 की उप धारा 5 में इसे संशोधित कर लाया गया है. इसलिए उनके अधिकार से उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता. इसका अभियोजन ने विरोध किया और कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि बयान दर्ज किए जाने से पहले अभियुक्तों को प्रश्‍नों की सूची दे दी जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी.



क्या है पूरा मामला: 21 मार्च 2017 की शाम 7 बजे नीरज सिंह अपनी फाॅर्च्‍यूनर कार (जेएच10एआर-4500) से सरायढ़ेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे. वह ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे. पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढ़ेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी बैठे थे. स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की रफ्तार कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया और कार पर गोलियों की बरसात कर दी थी. चारों तरफ से 9 एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई. घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी. गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो की मौत मौके पर ही हो गई थी.

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