ETV Bharat / state

धनबाद में नक्सली वारदात पर लगा विराम, स्थानीय लोगों की मदद से मिली सफलता - helping local people

धनबाद में नक्सली वारदतों पर लगभग विराम लग गया है. एसएसपी संजीव कुमार ने कहा कि स्थानीय लोगों की मदद से जिला पुलिस और सीआरपीएफ ने मिलकर काम किया, जिससे यह सफलता मिली है.

naxalite-incident-stopped-in-dhanbad
धनबाद में नक्सली वारदात पर लगा विराम
author img

By

Published : Sep 22, 2021, 12:39 PM IST

धनबादः कोयला राजधानी के रूप में जाना जाने वाला धनबाद धीरे-धीरे नक्सल प्रभावित भी हो गया था. जिले के टुंडी, पूर्वी टुंडी, तोपचांची, मानियाडीह और हरिहरपुर थाना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में नक्सली मूवमेंट होने लगे थे. स्थिति यह थी कि रात की बात तो दूर दिन में भी लोग इन इलाकों में जाने से डरते थे. लेकिन अब हालात बदले हैं. नक्सली गतिविधियों पर लगभग रोक लग चुकी है. जिला पुलिस को यह सफलता स्थानीय लोगों की मदद से मिली है.

यह भी पढ़ेंः'बिना पूछे काम किया तो सतीश सिंह की तरह होगा हश्र', पोस्टर ने फैलाई दहशत

जिले में नक्सली घटना लगभग समाप्त हो गई है. यही वजह है कि वर्ष 2020 और 2021 में अब तक जिले के किसी थाने में नक्सली घटना से संबंधित प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. पुलिस ने वरीय अधिकारियों ने बताया कि जिला पुलिस और सीआरपीएफ की टीम स्थानीय लोगों से बेहतर तालमेल की और नक्सली संगठनों से जुड़े युवाओं को मुख्यधारा में लाया. इसका परिणाम है कि धीरे-धीरे नक्सली वारदात कम होने लगे.

जानकारी देते एसएसपी


आधा दर्जन थाना क्षेत्र था नक्सल प्रभावित

टुंडी, पूर्वी टुंडी, तोपचांची, मानियाडीह और हरिहरपुर थाना क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ था. स्थिति यह थी कि प्रत्येक महीने एक-दो नक्सली घटनाएं होती, जिसमें कभी स्थानीय लोग तो कभी पुलिस वाले शिकार होते थे. जिले में नक्सली पोस्टर चिपकाना आम बात थी. लेकिन, पिछले दो वर्षों के आंकड़े देखने से पता चलता है कि एक भी नक्सली घटना नहीं हुई है और ना हीं कोई नक्सली वारदात से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह सिर्फ धनबाद के लिए नहीं, बल्कि झारखंड के लिए अच्छी खबर है. एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि स्थानीय लोगों की मदद से जिला पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन ने सराहनीय काम किया है.

चाईबासा में सबसे अधिक नक्सली वारदात

धनबाद के पड़ोसी जिलों में भी नक्सली घटनाएं ज्यादा नहीं है. देवघर, जामताड़ा और पाकुड़ में पिछले दो वर्षों में एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है. हालांकि, गिरीडीह में 9 और बोकारो में छह नक्सली वारदात से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गई है. हालांकि, चाईबासा में सबसे अधिक नक्सली वारदात की प्राथमिकी दर्ज की गई है, जहां दो वर्षों में 118 केस दर्ज किए हैं. इतना ही नहीं, लातेहार में 77, खूंटी में 59, चतरा में 46 और रांची में 37 मामले नक्सलियों के खिलाफ दर्ज किए गये हैं. एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों के स्थानीय लोगों से बात की. सरकार की योजना पहुंचाने के साथ साथ गांव के विकास का काम किया. उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को रोजगार के अवसर दिया.

दर्जनों केस के आरोपियों ने किया सरेंडर

जैप कैंप पर हमला कर 13 जवानों की हत्या के आरोपित तूफान मांझी को 2020 में गिरफ्तार किया गया. धनबाद और गिरीडीह पुलिस की टीम ने पीरटांड़ के झरहा गांव में छापेमारी कर तूफान मांझी को गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही 12 जून 2021 को पांच लाख के इनामी नक्सली सब जोनल कमांडर नुनूचंद महतो उर्फ गांधी ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था. नुनूचंद के खिलाफ तोपचांची, हरिहरपुर, राजगंज और टुंडी थाना के साथ साथ गिरिडीह के मधुबन, पीरटांड़, डुमरी, निमियाघाट थाने में दर्जनों मामले दर्ज हैं.

धनबादः कोयला राजधानी के रूप में जाना जाने वाला धनबाद धीरे-धीरे नक्सल प्रभावित भी हो गया था. जिले के टुंडी, पूर्वी टुंडी, तोपचांची, मानियाडीह और हरिहरपुर थाना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में नक्सली मूवमेंट होने लगे थे. स्थिति यह थी कि रात की बात तो दूर दिन में भी लोग इन इलाकों में जाने से डरते थे. लेकिन अब हालात बदले हैं. नक्सली गतिविधियों पर लगभग रोक लग चुकी है. जिला पुलिस को यह सफलता स्थानीय लोगों की मदद से मिली है.

यह भी पढ़ेंः'बिना पूछे काम किया तो सतीश सिंह की तरह होगा हश्र', पोस्टर ने फैलाई दहशत

जिले में नक्सली घटना लगभग समाप्त हो गई है. यही वजह है कि वर्ष 2020 और 2021 में अब तक जिले के किसी थाने में नक्सली घटना से संबंधित प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. पुलिस ने वरीय अधिकारियों ने बताया कि जिला पुलिस और सीआरपीएफ की टीम स्थानीय लोगों से बेहतर तालमेल की और नक्सली संगठनों से जुड़े युवाओं को मुख्यधारा में लाया. इसका परिणाम है कि धीरे-धीरे नक्सली वारदात कम होने लगे.

जानकारी देते एसएसपी


आधा दर्जन थाना क्षेत्र था नक्सल प्रभावित

टुंडी, पूर्वी टुंडी, तोपचांची, मानियाडीह और हरिहरपुर थाना क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ था. स्थिति यह थी कि प्रत्येक महीने एक-दो नक्सली घटनाएं होती, जिसमें कभी स्थानीय लोग तो कभी पुलिस वाले शिकार होते थे. जिले में नक्सली पोस्टर चिपकाना आम बात थी. लेकिन, पिछले दो वर्षों के आंकड़े देखने से पता चलता है कि एक भी नक्सली घटना नहीं हुई है और ना हीं कोई नक्सली वारदात से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह सिर्फ धनबाद के लिए नहीं, बल्कि झारखंड के लिए अच्छी खबर है. एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि स्थानीय लोगों की मदद से जिला पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन ने सराहनीय काम किया है.

चाईबासा में सबसे अधिक नक्सली वारदात

धनबाद के पड़ोसी जिलों में भी नक्सली घटनाएं ज्यादा नहीं है. देवघर, जामताड़ा और पाकुड़ में पिछले दो वर्षों में एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है. हालांकि, गिरीडीह में 9 और बोकारो में छह नक्सली वारदात से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गई है. हालांकि, चाईबासा में सबसे अधिक नक्सली वारदात की प्राथमिकी दर्ज की गई है, जहां दो वर्षों में 118 केस दर्ज किए हैं. इतना ही नहीं, लातेहार में 77, खूंटी में 59, चतरा में 46 और रांची में 37 मामले नक्सलियों के खिलाफ दर्ज किए गये हैं. एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों के स्थानीय लोगों से बात की. सरकार की योजना पहुंचाने के साथ साथ गांव के विकास का काम किया. उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को रोजगार के अवसर दिया.

दर्जनों केस के आरोपियों ने किया सरेंडर

जैप कैंप पर हमला कर 13 जवानों की हत्या के आरोपित तूफान मांझी को 2020 में गिरफ्तार किया गया. धनबाद और गिरीडीह पुलिस की टीम ने पीरटांड़ के झरहा गांव में छापेमारी कर तूफान मांझी को गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही 12 जून 2021 को पांच लाख के इनामी नक्सली सब जोनल कमांडर नुनूचंद महतो उर्फ गांधी ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था. नुनूचंद के खिलाफ तोपचांची, हरिहरपुर, राजगंज और टुंडी थाना के साथ साथ गिरिडीह के मधुबन, पीरटांड़, डुमरी, निमियाघाट थाने में दर्जनों मामले दर्ज हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.