धनबाद: ईस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के बैनर तले इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन ने गुरुवार को गांधी सेवा सदन में 11-12 दिसंबर को होने वाले राष्ट्रीय महाधिवेशन की जानकारी (National Convention Of Rail Employees Federation) दी. इस मौके पर फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ कमल उसरी ने बताया कि अधिवेशन के माध्यम से पुरानी पेंशन योजना की पुनर्बहाली की मांग और रेलवे के निजीकरण के विरोध में रेलवे के खिलाफ शुरु किए गए आंदोलन को आम जनता के बीच ले जाने का प्रयास किया जाएगा.
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केंद्र सरकार की नीतियां रेल मजदूरों के खिलाफः इस दौरान उन्होंंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां रेल मजदूरों और आम जनता के खिलाफ है. रेलवे का निजीकरण कर केंद्र सरकार पूंजीपतियों की मदद कर रही है और उन्हें आगे बढ़ा रही है. वहीं केंद्र सरकार की इस नीति के कारण गरीब जनता हाशिए पर चली गई है. इस पर रोक लगाने के लिए कर्मचारियों और आम जनता को एक मंच पर आना होगा. केंद्र सरकार की इन योजनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय महाधिवेशन में ऐलान करना होगा.
रेलवे आम जनता की सवारीः यूनियन नेताओं ने कहा कि रेलवे आम जनता की सवारी है. ज्यादातर गरीब तबके के लोग ट्रेनों में सफर करते हैं, ताकि कम किराए पर ज्यादा दूरी तक सफर कर सकें. जिसे एक सुनियोजित तरीके से व्यवसायियों और पूंजीपतियों के एक वर्ग को बेचा जा रहा है. इसका फेडरेशन पुरजोर विरोध (Oppose Of Privatization Of Railways) करता है.
बबलू धर्मशाला हीरापुर में होगा जुटानः इन्हीं मुद्दों को लेकर रेलवे ने इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के बैनर तले पंचम वार्षिक अधिवेशन 11-12 दिसंबर को बबलू धर्मशाला हीरापुर में आयोजित करने का निर्णय लिया है. कार्यक्रम में बगोदर विधायक महेंद्र सिंह समेत कई बुद्धिजीवी और मजदूर नेता शिरकत करेंगे.