धनबाद: जिले के गोविंदपुर प्रखंड के दो मुखिया पर कार्रवाई के बाद मुखिया संघ भी आंदोलन के मूड में दिख रहा है. दरअसल, बीते दिनों गोविंदपुर प्रखंड में मनरेगा में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने कार्रवाई की. पहली कार्रवाई सहराज पंचायत के मुखिया का वित्तीय अधिकार वापस लेने का अनुमोदन किया गया है. वहीं, दूसरी कार्रवाई बड़ा पिछड़ी के पंचायत की मुखिया पर हुई और उनका भी वित्तीय अधिकार वापस लेने का अनुमोदन किया गया है. जिसके बाद मुखिया संघ अब सड़क पर उतरने की बात कह रहे हैं उनका कहना है कि इस मामले की उचित जांच होनी चाहिए.
जांच कमेटी बनाई जाए
मुखिया संघ के गोविंदपुर प्रखंड अध्यक्ष और पथुरिया पंचायत के मुखिया मोबिन अंसारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि रातों-रात 24 घंटे के अंदर सैकड़ों-हजारों डोभा बनाने को कह दिया जाता है और मुखिया उसे किसी तरह पूरा भी करते हैं, लेकिन उसके बावजूद इस प्रकार की कार्रवाई गलत है. उन्होंने कहा कि इसकी एक जांच कमेटी बननी चाहिए और जांच में स्थानीय मुखिया को भी रखना चाहिए.
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मामले की उचित जांच जरूरी
वहीं, गोविंदपुर पूर्वी पंचायत के मुखिया नीलू मुखर्जी का कहना है कि मुखिया सिर्फ अकेले ही दोषी कभी नहीं हो सकता बगैर सरकारी अधिकारियों के मुखिया कुछ भी नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि अगर मुखिया दोषी है, तो इसमें प्रखंड स्तर के प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ-साथ अनेकों लोग भी दोषी हैं. इस पर उचित जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जांच के पश्चात मुखिया या अधिकारी जो कोई भी दोषी पाया जाए उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
जांच कमेटी बनाई जाए
मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष मोबिन अंसारी ने कहा कि मुखिया संघ का एक प्रतिनिधि मंडल विभागीय मंत्री से मिलकर इस पर उचित जांच की बात कहेगी और इस पर एक जांच कमेटी बनाए जाने पर भी जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर एक तरफा मुखिया पर कार्रवाई हुई तो मुखिया संघ भी चुपचाप नहीं बैठेगा और आगे आने वाले दिनों में मुखिया संघ जोरदार आंदोलन करेगा. उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार के एकतरफा कार्रवाई होती रही, तो मुखिया संघ सड़क पर उतरने को भी बाध्य होगा.