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बाघमारा कॉलेज को नैक की मान्यता दिलाने को लेकर बैठक, प्राचार्य की लापरवाही आई सामने

कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से बाघमारा कॉलेज का खस्ता हाल हो गया है. नैक की मान्यता के लिए कॉलेज प्रशासन के साथ बैठक हुई, जिसमें कॉलेज कर्मियों ने प्राचार्य की पोल खोलकर रख दी. नैक के सचिव ने प्राचार्य को सारी व्यवस्थाओं में जल्द सुधार करने का निर्देश दिया है.

कॉलेज में हुई बैठक
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Published : Aug 4, 2019, 10:04 PM IST

धनबाद: बाघमारा कॉलेज को नैक की मान्यता दिलवाने को लेकर बैठक की गई. मान्यता के लिए कॉलेज की कमियों को दूर करने को लेकर बैठक में चर्चा हुई. नैक द्वारा प्रतिनियुक्त प्रो. डॉ के बंधोपाध्याय ने मान्यता को लेकर सभी संसाधनों का निरीक्षण किया.

देखें पूरी खबर

शासी निकाय के सचिव जे एन सिंह ने गवर्निंग बॉडी के साथ बैठक की. बैठक के बाद सभी ने पुस्तकालय, प्रयोगशाला, क्रीड़ा मैदान, कर्मियों और छात्र- छात्राओं की संख्या सहित अन्य आवश्यक चीजों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की, जिसके बाद नैक के सदस्यों ने कॉलेज में संसाधनों की कमी होने की बात कही. जे एन सिंह ने कहा कि जब तक कमियों को दूर नहीं किया जाएगा तबतक मान्यता नहीं मिल सकती है.

इसे भी पढे़ं:- ETV BHARAT IMPACT: पीएमसीएच अधीक्षक को स्वास्थ्य विभाग ने दिया निर्देश, कहा- लापरवाह कर्मियों पर करें सख्त कार्रवाई

कॉलेज कर्मियों ने खोली प्राचार्य की पोल
बैठक में शामिल प्रोफेसर और नन टीचिंग कर्मियों ने अपनी बात सचिव के सामने रखी. जिससे प्रचार्य अशोक सिंह के कार्यों की पोल खुल गयी. प्रोफेसरों ने सचिव को बताया कि कॉलेज में जो सुविधा उपलब्ध है उसका लाभ किसी को नहीं मिल रहा है.

वहीं, सचिव ने कहा कि कॉलेज की सभी कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कॉलेज को मान्यता दिलवाने के लिए प्रयास जारी रहेगा. सचिव ने जानकारी दी कि कॉलेज में जो राशि उपलब्ध है, उसी से सारे कमियों को दूर किया जाएगा. कॉलेज की समस्याओं के समाधान के लिए सचिव ने प्राचार्य को कई दिशा निर्देश दिए.

धनबाद: बाघमारा कॉलेज को नैक की मान्यता दिलवाने को लेकर बैठक की गई. मान्यता के लिए कॉलेज की कमियों को दूर करने को लेकर बैठक में चर्चा हुई. नैक द्वारा प्रतिनियुक्त प्रो. डॉ के बंधोपाध्याय ने मान्यता को लेकर सभी संसाधनों का निरीक्षण किया.

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शासी निकाय के सचिव जे एन सिंह ने गवर्निंग बॉडी के साथ बैठक की. बैठक के बाद सभी ने पुस्तकालय, प्रयोगशाला, क्रीड़ा मैदान, कर्मियों और छात्र- छात्राओं की संख्या सहित अन्य आवश्यक चीजों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की, जिसके बाद नैक के सदस्यों ने कॉलेज में संसाधनों की कमी होने की बात कही. जे एन सिंह ने कहा कि जब तक कमियों को दूर नहीं किया जाएगा तबतक मान्यता नहीं मिल सकती है.

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कॉलेज कर्मियों ने खोली प्राचार्य की पोल
बैठक में शामिल प्रोफेसर और नन टीचिंग कर्मियों ने अपनी बात सचिव के सामने रखी. जिससे प्रचार्य अशोक सिंह के कार्यों की पोल खुल गयी. प्रोफेसरों ने सचिव को बताया कि कॉलेज में जो सुविधा उपलब्ध है उसका लाभ किसी को नहीं मिल रहा है.

वहीं, सचिव ने कहा कि कॉलेज की सभी कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कॉलेज को मान्यता दिलवाने के लिए प्रयास जारी रहेगा. सचिव ने जानकारी दी कि कॉलेज में जो राशि उपलब्ध है, उसी से सारे कमियों को दूर किया जाएगा. कॉलेज की समस्याओं के समाधान के लिए सचिव ने प्राचार्य को कई दिशा निर्देश दिए.

Intro:स्लग -- बाघमारा कॉलेज को नेक की मान्यता दिलाने को लेकर सचिव ने की बैठक
पूर्व के सचिव एडीएम सप्लाई ने नेक मान्यता को लेकर करवाये थे लाखो खर्च
एंकर -- बाघमारा कॉलेज बाघमारा को नेक की मान्यता दिलवाने को लेकर शाशी निकाय के सचिव जे एन सिंह ने रविवार को गवर्निंग बॉडी के साथ बैठक किये।नेक की मान्यता के लिये कॉलेज की कमियों को दूर करने को लेकर बैठक में चर्चा किये।उन कमियों को दूर करने के लिये खर्च किये जाने वाले राशि पर भी चर्चा किया गया।नेक द्वारा प्रतिनियुक्त प्रो0 डा के बंधोपाध्याय ने मान्यता को लेकर संसाधनों का निरक्षण किये।पुस्तकालय,प्रयोगशाला, क्रीड़ा मैदान,कर्मियों तथा छात्र छात्राओं की संख्या,स्थिति सहित अन्य आवश्यक चीजों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए भौतिक निरीक्षण भी किया गया। बाघमारा कालेज संसाधनों की कमी होने की बात कही। जब तक कमियों को दूर नही किया जायेगा मान्यता नही मिल सकती है।निरक्षण के दौरान कई चौकाने वाले तथ्य प्रतिनियुक्त सदस्य के सामने आये।बैठक में शामिल प्रोफेसर तथा नन टीचिंग कर्मियों ने अपनी बात सचिव के सामने रखे।सभी ने प्रचार्य अशोक सिंह के कार्य की पोल खोल कर रख दिये।बैठक में सचिव को बताया गया कि कॉलेज में जो सुविद्या उपलब्ध है उसका लाभ किसी को नही मिल पाता है।प्रोफेसर नन टीचिंग कर्मी यहां तक कि छात्र छात्राओं को भी नही। कर्मियों को उनके कार्य के अनुरूप वेतन  नही दिया जाता है।कॉलेज द्वारा जो जानकारी कर्मियों सम्बंधित विश्वविद्यालय को भेजा गया उसमे कई गलतियां है।Body:वही सचिव ने कहा कि सभी कमियों को दूर करने का प्रयास होगा। सचिव ने कहा कि वे कॉलेज को मान्यता दिलवा कर ही रहेंगे।जो राशि उपलब्ध है उसी से सारे कमियो को दूर किया जायेगा। वेसे ही इवेंट्स किया जायेगा जिससे कि अधिक नम्बर मिल सके।इसके लिये प्रचार्य को निर्देश दिया गया है। कॉलेज को मान्यता दिलाने को लेकर गम्भीर है।वही सभी कमियों तथा कॉलेज प्रोफेसर नन टीचिंग कर्मियों की बात को सुनकर कहा कि कॉलेज को रसातल में ले जाने का काम इतने दिनों से किया गया है।इसको लेकर सचिव ने प्रचार्य पर नाराजगी जताते हुए सख्त निर्देश दिये।प्रचार्य को अपने क्रिया कलाप में बदलाव लाने को कहा।व्यवस्था में सुधार लाने को कहे।
(नेक मान्यता को लेकर तत्कालीन सचिव ने लाखों करवाये थे खर्च)शाशी निकाय सचिव ने पूर्व के सचिव शशि प्रकाश झा द्वारा  मान्यता को लेकर किये गए खर्च पर जानकारी नही होने की बात कही।उन्होंने कहा कि नेक मान्यता को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा किया गया।पूर्व के सचिव के लाखों खर्च करवाने के सवाल पर कहा कि क्या खर्च हुए पता नही।वे शिक्षण संस्थान से है।इसकारण नेक मान्यता को लेकर क्या क्या जरूरत हो सकता वह उन्हें पता है।कॉलेज को रसातल में ले जाया गया है।पहले इसको लेकर जो भी खर्च हुआ है इसकी कोई जानकारी नही है।जब उनसे पूछा गया कि जिन बिंदुओं पर वे चर्चा किये है उन्ही बिंदुओं पर पूर्व के सचिव ने खर्च करवाये थे।उन्होंने कम्प्यूटर लेने सहित अन्य कमी दूर करने को कहा था।10 कम्प्यूटर लिया भी गया।वे लेपटॉप लेने को कह रहे।सचिव बदलने से चीजे बदल जाती है।खर्च पहले मान्यता को लेकर किया गया था तो जानकारी नही होने की बात बताया।परीक्षा में अंधेरे में परीक्षार्थियों परीक्षा देने के सवाल पर कहा कि अब ऐसा नही होगा।प्रचार्य को सख्त निर्देश दिये गया है।
(सचिव के आने की सूचना पर आवभगत की पूरी व्यवस्था)शाशी निकाय के सचिव के आने की सूचना पर कॉलेज प्रचार्य द्वारा पूरी आवभगत की व्यवस्था किया गया।परीक्षा में जनरेटर नही चलाने वाले जब तक सचिव कॉलेज में रहे बिजली रहने के बाउजूद जनरेटर की सुविधा  दिए।टीम को खुश करने के लिये पूरा आवभगत किया गया।लजीज व्यंजन की पूरी व्यवस्था किया गया।कॉलेज में यह व्यवस्था चर्चा का विषय बना रहा।
बाइट --  जे एन सिंह(बाघमारा कॉलेज शाशी निकाय सचिव)Conclusion:पूर्व के शाशी निकाय सचिव धनबाद के पूर्व एडीएम सप्लाई पदाधिकारी के द्वारा नेक की मान्यता को लेकर लाखो खर्च करवाया गया।इस बार सचिव  बदलने पर दुबारा उन्ही बिन्दुओ पर चर्चा कर लाखो खर्च होने की बात की गई।जबकि प्रोफेसर को समय पर न वेतन मिल पा रहा न नन टीचिंग को।आखिर पूर्व में जो खर्च हुए वह किस कमी को।दूर करने के लिये किया गया।जबकि दुबारा उन्ही कमियों को दूर करने के लिये फिर से खर्च करने की बात सामने आ रही।क्या पहले जो कमियों में खर्च हुए वह कागजो तक ही रह गया या सच मे धरातल में भी कोई काम हुआ था।यह जांच का विषय बना हुआ है।
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