धनबाद: तीरंदाजी, बैडमिंटन, हॉकी, वेटलिफ्टिंग जैसी कई खेल प्रतिस्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ी कारनामा करते रहे हैं. लेकिन कराटे जैसे खेल में जहां अभी भारत काफी पिछड़ा हुआ है उसमें अपना करियर बनाने का सपना देखने वाले खिलाड़ी मुफलिसी के शिकार हैं. ऐसे खिलाड़ियों को राज्य सरकार से वैसी सहायता नहीं मिलती है, जिनके वे हकदार हैं. ऐसे में ये खेल प्रतिभा दबकर रह जाती है. हम बात कर रहे हैं निरसा के एग्यारकुण्ड के रहने वाले सौरभ भारती की. जिनका बचपन से सपना था कि मार्शल आर्ट में वे देश का नाम रौशन करे. शुरुआत में उसे कामयाबी भी मिली, लेकिन आर्थिक तंगी और घर की मजबूरियों ने उसके हाथ और पैर को जकड़ दिया है.
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कई बार कर चुका है कारनामा
सौरभ भारती मार्शल आर्ट, कराटे, मुक्केबाजी और ठानटा का होनहार खिलाड़ी है. अपनी प्रतिभा के बल पर उसने कई मेडल, ट्रॉफियां और सर्टिफिकेट भी हासिल किए हैं. कई राज्यों में खेलकर उसने अपनी प्रतिभा से सबको चौंकाया भी है. 2017 में सौरभ रांची में आयोजित मार्शल आर्ट के राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में शामिल हुआ था. इसके अलावे 2018 में मणिपुर, असम और कोलकाता में भी मार्शल आर्ट के कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुका है. जिसमें उसे कई बार सफलता भी मिली है.
खिलाड़ी बन गया गार्ड
सौरभ के मुताबिक आर्थिक तंगी के कारण वे आगे का खेल जारी नहीं रख पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण मुझे कराटे के लिए जितनी डायट की जरूरत है वो पूरा नहीं हो पाता. पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, वहीं मां सिलाई-कढ़ाई कर कुछ पैसे कमा लेती है. जिससे परिवार मुश्किल से चल रहा है. सौरभ ने बताया कि पैसे की कमी के कारण वे भी गार्ड का काम करते हैं और उससे जो पैसा मिलता है उसी से वे अपने सपने को पूरा करने की कोशिश करते हैं. सौरभ कहते हैं कि अगर उन्हें सरकार से मदद मिलती है तो वे सिर्फ राज्य का ही नहीं देश का नाम भी रौशन करने की क्षमता रखते हैं. वहीं उनकी मां सावित्री देवी कहती हैं कि उनका बेटा होनहार खिलाड़ी है. अब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. जिसके कारण सौरभ की खेल प्रतिभा गरीबी में दबती जा रही है. उन्होंने झारखंड सरकार से सौरभ की मदद करने की मांग की है.
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मदद से मिल सकता है अंतरराष्ट्रीय कराटेबाज
मार्शल आर्ट और कराटेबाजी के क्षेत्र में भारत अभी काफी पिछड़ा हुआ है. अब तक इस खेल अंतरराष्ट्रीय पर देश को खास कामयाबी नहीं मिली है. ऐसे में निरसा का ये होनहार कुछ कमाल कर सकता है. जरूरत है उसे सरकारी मदद की ताकि एक उभरते खिलाड़ी को उसके असली मुकाम तक पहुंचाया जा सके.