धनबाद: पेड़-पौधे, रंग बिरंगे फूल, झूले और इन सबके बीच बहती हुई जल धारा. खूबसूरती ऐसी कि मन मुग्ध हो जाए. जिस खूबसूरती का जिक्र हो रहा है, उस स्थान का नाम है मैथन डैम. इस जगह की खूबसूरती आम दिनों में भी दिल में घर करने वाली होती है. लेकिन क्रिसमस और नव वर्ष को लेकर मैथन डैम को पूरी तरह से दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. इससे इसकी खूबसूरती में और भी चार चांद लग गए हैं. अब बस इंतजार है तो बस सैलानियों का, जो यहां आएं और इस जगह का आनंद उठाएं.
डीवीसी और जिला प्रशासन की संयुक्त पहल: नया साल 2024 आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, जिसके चलते डीवीसी और जिला प्रशासन मैथन की साज-सज्जा को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है. क्रिसमस और नये साल के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक मैथन डैम की ओर रुख करते हैं. साल के हर महीने पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन दिसंबर से जनवरी महीने में लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं, जिसके लिए डीवीसी और प्रशासन संयुक्त पहल कर रहा है. इसके लिए मैथन के प्रशासनिक भवन में बैठक भी हो चुकी है. डीवीसी और प्रशासन की बैठक में मैथन डैम को दुल्हन की तरह सजाने-संवारने का निर्णय लिया गया, जिसकी तैयारी युद्ध स्तर पर की जा रही है.
जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर प्रकृति की गोद में स्थित यहां का दृश्य अद्भुत है. जिससे पर्यटक आकर्षित होते हैं. मैथन डैम, मिलेनियम पार्क, गोल्डन पार्क, नेहरू पार्क में विभिन्न कृत्रिम जंगली जानवरों, रंग-बिरंगे फूलों के बगीचों को साफ-सफाई और आकर्षक डिजाइनों से सजाया जा रहा है ताकि पर्यटक अपना सारा तनाव भूलकर इस खूबसूरत घाटी में मंत्रमुग्ध हो जाएं. इस हसीन वादी में आप प्रकृति की अद्भुत सुंदरता का लुत्फ उठा सकते हैं.
कल्याणेश्वरी मंदिर में भक्तों की होती है मुराद पूरी: आखिर पर्यटकों की पहली पसंद मैथन डैम ही है और हो भी क्यों नहीं, क्योंकि डैम से कुछ ही दूरी पर शक्तिपीठ माता कल्याणेश्वरी मंदिर है, जो यहां का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद मां कल्याणेश्वरी देवी पूरी करती हैं. यह प्रकृति और भक्ति का अनोखा संगम है. झारखंड, बंगाल, बिहार और ओडिशा राज्यों से पर्यटक प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने आते हैं. शीत ऋतु प्रारम्भ होते ही पर्यटक अपने पूरे परिवार के साथ मैथन डैम जाने से खुद को रोक नहीं पाते हैं.
यह भी पढ़ें: रांची के धुर्वा डैम में राज्य स्तरीय मॉक एक्सरसाइजः प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए जवानों को दिए गए टिप्स
यह भी पढ़ें: करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं बदली लतरातू डैम की तश्वीर, रखरखाव का अभाव, सैलानी हो जाते हैं मायूस
यह भी पढ़ें: कोडरमा राजगीर रेलवे लाइनः दोनों राज्यों के पर्यटन स्थलों को मिलेगा बढ़ावा, रमणीक होगा ट्रेन का सफर