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मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज, धनबाद पुलिस पर माहौल बिगाड़ने का आरोप

मूर्ति विसर्जन के दौरान धनबाद पुलिस (Dhanbad Police) पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगा है. आरोप है कि पुलिस द्वारा मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज (Lathi charge during idol immersion) कर शांति भंग की गई है. मामला जिला के झरिया थाना क्षेत्र का है, जहां स्टेशन रोड दुर्गा पूजा समिति ने पुलिस पर आरोप लगाया है.

Lathi charge during idol immersion
Lathi charge during idol immersion
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Published : Oct 6, 2022, 3:32 PM IST

Updated : Oct 6, 2022, 4:45 PM IST

धनबाद: कोयलांचल धनबाद में दुर्गोत्सव धूमधाम से मनाई गई. आम लोगों ने 2 साल के कोरोना प्रतिबंध के बाद इस बार के पूजा और मेला को लेकर उत्साहित रहे. पुलिस प्रशासन ने आमलोगों से शांति सौहार्द के साथ पूजा मनाने की अपील की थी. आम लोगों ने भी पुलिस प्रशासन के निर्देश का बखूबी पालन किया लेकिन, अब आरोप है कि पुलिस खुद शांति भंग करने का काम कर रही है. दरअसल, पुलिस द्वारा मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज (Lathi charge during idol immersion) करने का आरोप लगाया गया है. लोगों का आरोप है कि पुलिस ने मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज कर खुद माहौल बिगाड़ा है.

इसे भी पढ़ें: मां दुर्गा की विदाई की तैयारी पूरी, नदी-तालाबों में पुलिस के साथ एनडीआरएफ भी तैनात

क्या है पूरा मामला: झरिया थाना क्षेत्र के स्टेशन रोड दुर्गा पूजा समिति 5 अक्टूबर की रात मूर्ति विसर्जन कर रही थी (Idol immersion in Jharia Dhanbad). इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई. विसर्जन में शामिल सभी लोग मूर्ति छोड़ कर भाग गए. लाठीचार्ज से कई लोग घायल भी हुए. इससे लोगों में काफी आक्रोश देखा गया. मौके पर डीएसपी अभिषेख सिन्हा, सीओ परमेश कुशवाहा और शांति समिति के लोगों के समझाने के बाद मूर्ति विसर्जन किया गया.

देखें पूरी खबर

समिति के लोगों ने क्या कहा: समिति के लोगों ने बताया कि वे स्टेशन रोड पूजा पंडाल से मूर्ति विसर्जन के लिए राजा तालाब जा रहे थे. तभी बाटा मोड़ में पुलिस ने उन्हें रोक लिया और कहने लगे रात 10 बजे के बाद विसर्जन के लिए कैसे निकले. 10 बजे के बाद विसर्जन नहीं करना है, तभी कुछ लोगों ने कहा सप्तमी बेलभर्नी के दौरान नो एंट्री के बावजूद ट्रक कैसे आ गया और पंडित जी को कुचल दिया उस समय आप लोग कहां थे. इसपर बकझक शुरू हो गई, मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया. समिति की महिला सदस्य गीता देवी ने बताया की पंडाल से ही साथ में पुलिस थी. अगर रोकना था तो वहीं पर रोक देते. बीच में रोका गया और पुलिस द्वारा जमकर लाठीचार्ज किया गया, जिसमे 8 से 10 लोग घायल हुए हैं. गीता देवी ने बताया कि सड़क पर भीड़ होने के कारण वे देर से निकले थे और पुलिस के लाठीचार्ज कारण भगदड़ की स्थिति हो गई.

प्रशासन क्या कहती है: घटना की सूचना पर डीएसपी अभिषेक सिन्हा और सीओ प्रमेश कुशवाहा मौके पर पहुंचे और समिति के लोगों को समझाकर मूर्ति विसर्जन करवाया. मामले में डीएसपी ने कहा कि बकझक हुई थी, लाठीचार्ज नहीं हुआ. अगर बात आ रही है तो मामले की जांच की जाएगी. वहीं सीओ प्रमेश कुशवाहा ने कहा की मामले की जानकारी ली जा रही है लाठीचार्ज और नो एंट्री में ट्रक घुसने और दुर्घटना होने की भी जांच की जायेगी.

धनबाद: कोयलांचल धनबाद में दुर्गोत्सव धूमधाम से मनाई गई. आम लोगों ने 2 साल के कोरोना प्रतिबंध के बाद इस बार के पूजा और मेला को लेकर उत्साहित रहे. पुलिस प्रशासन ने आमलोगों से शांति सौहार्द के साथ पूजा मनाने की अपील की थी. आम लोगों ने भी पुलिस प्रशासन के निर्देश का बखूबी पालन किया लेकिन, अब आरोप है कि पुलिस खुद शांति भंग करने का काम कर रही है. दरअसल, पुलिस द्वारा मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज (Lathi charge during idol immersion) करने का आरोप लगाया गया है. लोगों का आरोप है कि पुलिस ने मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज कर खुद माहौल बिगाड़ा है.

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क्या है पूरा मामला: झरिया थाना क्षेत्र के स्टेशन रोड दुर्गा पूजा समिति 5 अक्टूबर की रात मूर्ति विसर्जन कर रही थी (Idol immersion in Jharia Dhanbad). इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई. विसर्जन में शामिल सभी लोग मूर्ति छोड़ कर भाग गए. लाठीचार्ज से कई लोग घायल भी हुए. इससे लोगों में काफी आक्रोश देखा गया. मौके पर डीएसपी अभिषेख सिन्हा, सीओ परमेश कुशवाहा और शांति समिति के लोगों के समझाने के बाद मूर्ति विसर्जन किया गया.

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समिति के लोगों ने क्या कहा: समिति के लोगों ने बताया कि वे स्टेशन रोड पूजा पंडाल से मूर्ति विसर्जन के लिए राजा तालाब जा रहे थे. तभी बाटा मोड़ में पुलिस ने उन्हें रोक लिया और कहने लगे रात 10 बजे के बाद विसर्जन के लिए कैसे निकले. 10 बजे के बाद विसर्जन नहीं करना है, तभी कुछ लोगों ने कहा सप्तमी बेलभर्नी के दौरान नो एंट्री के बावजूद ट्रक कैसे आ गया और पंडित जी को कुचल दिया उस समय आप लोग कहां थे. इसपर बकझक शुरू हो गई, मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया. समिति की महिला सदस्य गीता देवी ने बताया की पंडाल से ही साथ में पुलिस थी. अगर रोकना था तो वहीं पर रोक देते. बीच में रोका गया और पुलिस द्वारा जमकर लाठीचार्ज किया गया, जिसमे 8 से 10 लोग घायल हुए हैं. गीता देवी ने बताया कि सड़क पर भीड़ होने के कारण वे देर से निकले थे और पुलिस के लाठीचार्ज कारण भगदड़ की स्थिति हो गई.

प्रशासन क्या कहती है: घटना की सूचना पर डीएसपी अभिषेक सिन्हा और सीओ प्रमेश कुशवाहा मौके पर पहुंचे और समिति के लोगों को समझाकर मूर्ति विसर्जन करवाया. मामले में डीएसपी ने कहा कि बकझक हुई थी, लाठीचार्ज नहीं हुआ. अगर बात आ रही है तो मामले की जांच की जाएगी. वहीं सीओ प्रमेश कुशवाहा ने कहा की मामले की जानकारी ली जा रही है लाठीचार्ज और नो एंट्री में ट्रक घुसने और दुर्घटना होने की भी जांच की जायेगी.

Last Updated : Oct 6, 2022, 4:45 PM IST
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