धनबाद: बीसीसीएल सीबी एरिया 12 चिरकुंडा थाना क्षेत्र के डुमरीजोड़ में अचानक जोरदार आवाज के साथ 50 की सड़क धंस गई. इसके आसपास के इलाके में करीब 10 फीट जमीन धंस गई. घटनास्थल से 15 फीट की दूरी पर अवैध खनन के लिए कई मुहाने चल रहे थे. भू-धसान से कई लोगों के दबे होने की आशंका पर बीसीसीएल की टीम रेस्क्यू अभियान शुरू किया, इस दौरान कोई भी व्यक्ति खदान के अंदर दबा हुआ नहीं मिला. घटना के बाद कई मुहानों को बंद कर दिया गया था, जिसे रेस्क्यू टीम के द्वारा खोला जा रहा है. पुलिस की टीम मौके पर तैनात है. स्थानीय लोगों की भीड़ मौके पर इकट्ठा है. बीसीसीएल के जीएम एके दत्ता एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी, एसडीपीओ पीताम्बर सिंह खरवार समेत अन्य अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर चुके हैं.
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चिरकुंडा थाना क्षेत्र स्थित डुमरीजोड़ में करीब 50 फीट लंबी कच्ची सड़क धंस गई है. ग्रामीणों का कहना है कि जहां भू-धसान हुआ है, उस क्षेत्र में काफी समय से अवैध खनन हो रहा है. इसी वजह से जमीन धंसी है. खास बात यह है कि जमीन करीब दस फीट तक धंस गई है. ग्रामीणों ने आशंका जतायी है कि घटना के वक्त कई मजदूर आस-पास के इलाके में अवैध खनन कर रहे थे. ऐसे में कुछ लोगों के दबे होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि अभी तक घटनास्थल पर किसी ने अपनों के दबे होने का दावा नहीं किया है.
इस बीच घटनास्थल पर पहुंचे चिरकुंडा के थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि 21 अप्रैल को सुबह करीब साढ़े आठ बजे कच्ची सड़क धंस गई. सड़क में दरार भी पड़ी है. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी सीसीएल को भी दे दी गई है. हालाकि किसी भी तरह से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. वहीं धनबाद के डीसी ने कहा कि इस घटना में किसी के दबने या मरने या फिर घायल होने की सूचना नहीं है.
बीसीसीएल के जीएम एके दत्ता ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान जीएम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जीएम ने कहा कि यहां करीब 70 से 80 साल पुरानी बंद पड़ी माइंस थी. 1975 के बाद से ही बंद कर दी गई थी. यह पिछले कई सालों से बंद पड़ी हुई है. अवैध माइंस चलाए जाने को लेकर जीएम ने कहा कि इस तरह की सूचना मिलती है तो वहां मुहाने को बंद कर कार्रवाई की जाती है. क्षेत्र काफी बड़ा होने के कारण हर स्थानों का निरीक्षण करना संभव नहीं है. लेकिन फिर भी जो सूचनाएं मिलती है उसके आलोक में कार्रवाई की जाती है. माइंस अंदर किसी के दबे होने की बात को लेकर उन्होंने कहा कि रेस्क्यू के बाद ही मामले को लेकर कुछ कहा जा सकता है.
बीसीसीएल जिस माइंस को बंद कर चुकी थी. वैसे माइंस के मुहाने को एक बार फिर से खोल दिया गया था. घटना के बाद कई मुहानों को ऊपर से बंद कर दिया गया था. महज 10 से 15 फीट के दूरी पर मुहाने चल रहे थे. मुहानों के सामने हजारों बोरे पड़े हुए हैं. स्थिति को देखते हुए ऐसा लगा जैसे ट्रकों के माध्यम से कोयले को लोड किया जा रहा था. 35 से 40 अवैध मुहाने खोले गए हैं. इन्हीं मुहानों के कारण यह हादसा हुआ है.