धनबाद: जिले में कोरोना वॉरियर्स अपने परिवार से दूर रहकर कोविड मरीजों की जान बचाने में जुटे हैं. इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा रहा है, लेकिन इसकी दूसरी तस्वीर जिले के कोविड अस्पतालों में देखने को मिल रही हैं.
दरअसल, कोविड अस्पताल में कोरोना मरीजों की इलाज करने वाले डॉक्टरों को न तो खाना ही सही मिल रहा है और न ही उनके रहने के स्थान पर साफ-सफाई की कोई व्यवस्था है. इसके साथ ही नाइट ड्यूटी करने के बाद बिजली की आंख मिचौली से वे आराम भी नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन इनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है.
- रात के खाने में दिए जा रहे हैं समोसा
- डॉक्टरों के आवास पर नहीं कराया जा रहा सेनेटाइजेशन
क्या है मामला
कोविड-19 अस्पताल में सेवा देने वाले डॉक्टरों को कोयला नगर स्थित आवास में उन्हें अस्थायी तौर पर ठहराया गया है. कुल 6 डॉक्टर यहां रहकर कोविड अस्पताल में ड्यूटी कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि रात में ड्यूटी के बाद जब वे अपने आवास पहुंचे, तो रात भोजन के लिए महज 6 समोसे दिए गए.
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उनका कहना है कि आवास का सेनेटाइज किया जाना चाहिए, लेकिन सेनेटाइज तो दूर की बात है. आवास की साफ-सफाई का कार्य भी नहीं कराया जा रहा है. बाथरूम का भी बुरा हाल है, बिजली की काफी समस्या है. रात में ड्यूटी से आने के बाद आराम नहीं कर पा रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि डयूटी के बाद वे भीड़-भाड़ वाले इलाके या बाजारों में नहीं जा सकते हैं. अस्पताल से लौटने के बाद आवास में ही रहना पड़ता है, लेकिन इस समस्या के बारे में सुध लेने वाला कोई नहीं जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.