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Navratri 2023: जानिए, धनबाद के प्रसिद्ध शक्ति मंदिर का हिमाचल प्रदेश की ज्वाला देवी से क्या है संबंध

धनबाद का प्रसिद्ध शक्ति मंदिर, जहां नवरात्रि के अवसर पर धूमधाम से पूजा होती है. कोयलांचल के इस मंदिर का संबंध हिमाचल प्रदेश की ज्वाला देवी मंदिर से है. ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट से जानिए, इन दोनों में क्या संबंध है. Relation of Himachal Pradesh Jwala Devi with Shakti Temple of Dhanbad.

Know Relation of Himachal Pradesh Jwala Devi with Shakti Temple of Dhanbad
धनबाद के प्रसिद्ध शक्ति मंदिर का हिमाचल प्रदेश की ज्वाला देवी से संबंध
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 15, 2023, 7:29 PM IST

Updated : Oct 15, 2023, 7:40 PM IST

धनबाद के प्रसिद्ध शक्ति मंदिर का हिमाचल प्रदेश की ज्वाला देवी से संबंध

धनबादः जिले में नवरात्रि के पहला दिन मंदिरों में कलश स्थापना के साथ मां भगवती की आराधना शुरू हो गयी है. इसके अलावा कोयलांचल के सभी पंडाल और माता के मंदिरों में कलश स्थापना कर ली गई है. अगले 9 दिनों तक माता के सभी रूपों की पूजा की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- Navratri 2023: रजरप्पा में धूमधाम से हो रही मां शैलपुत्री की पूजा, छिन्नमस्तिका मंदिर में 9 दिनों तक बनारस की तर्ज पर होगी गंगा आरती

धनबाद में जोड़ाफाटक स्थित प्रसिद्ध शक्ति मंदिर में रविवार को कलश स्थापना के साथ नवरात्रि की पूजा शुरू हो गई है. यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर में ज्योत अनवरत जलती रहती है और उनके दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस ज्योत का सीधा संबंध हिमाचल प्रदेश की ज्वाला देवी मंदिर से है.

धनबाद के शक्ति मंदिर की स्थापना 7 दिसंबर 1989 को हुई थी. 19 फरवरी 1997 को हिमाचल प्रदेश स्थित शक्तिपीठ ज्वाला देवी मंदिर से ज्योत लाकर पूरे क्षेत्र में भ्रमण कराया गया था. इसके बाद शक्ति मंदिर में ज्योत को स्थापित किया गया, जिसके बाद से ज्वाला जी की कृपा धनबाद के शक्ति मंदिर पर हमेशा बनी रही और तब से ज्वाला जी ये ज्योत अनवरत जल रही है. ऐसी मान्यता है कि इस ज्योत के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

इस वर्ष नवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ काफी है. इसको लेकर मंदिर कमेटी उपाध्यक्ष राजीव सचदेवा ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस साल भी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. इसके लिए मंदिर के स्टाफ, सेवादार श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हैं. मंदिर प्रांगण को सीसीटीवी कैमरा से भी मॉनिटर किया जा रहा है. भक्तों की भीड़ प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी उमड़ी है और सभी ने शांतिपूर्वक लाइन में लगकर माता के दर्शन और पूजा अर्चना कर रहे हैं.

राजीव सचदेवा ने बताया कि शक्ति मंदिर प्रांगण में आम दिनों के मुकाबले नवरात्रि के 9 दिन माता की आरती सुबह 5:00 बजे, सुबह 7:00 बजे और संध्या आरती 8:00 बजे होती है. इस समय में श्रद्धालुओं की काफई भीड़ होती है. इसके अलावा यहां आने वाले भक्त को किसी प्रकार की कठिनाई न हो इसके लिए स्वास्थ्य सुविधा का भी इंतजाम किया गया है.

धनबाद के प्रसिद्ध शक्ति मंदिर का हिमाचल प्रदेश की ज्वाला देवी से संबंध

धनबादः जिले में नवरात्रि के पहला दिन मंदिरों में कलश स्थापना के साथ मां भगवती की आराधना शुरू हो गयी है. इसके अलावा कोयलांचल के सभी पंडाल और माता के मंदिरों में कलश स्थापना कर ली गई है. अगले 9 दिनों तक माता के सभी रूपों की पूजा की जाएगी.

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धनबाद में जोड़ाफाटक स्थित प्रसिद्ध शक्ति मंदिर में रविवार को कलश स्थापना के साथ नवरात्रि की पूजा शुरू हो गई है. यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर में ज्योत अनवरत जलती रहती है और उनके दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस ज्योत का सीधा संबंध हिमाचल प्रदेश की ज्वाला देवी मंदिर से है.

धनबाद के शक्ति मंदिर की स्थापना 7 दिसंबर 1989 को हुई थी. 19 फरवरी 1997 को हिमाचल प्रदेश स्थित शक्तिपीठ ज्वाला देवी मंदिर से ज्योत लाकर पूरे क्षेत्र में भ्रमण कराया गया था. इसके बाद शक्ति मंदिर में ज्योत को स्थापित किया गया, जिसके बाद से ज्वाला जी की कृपा धनबाद के शक्ति मंदिर पर हमेशा बनी रही और तब से ज्वाला जी ये ज्योत अनवरत जल रही है. ऐसी मान्यता है कि इस ज्योत के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

इस वर्ष नवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ काफी है. इसको लेकर मंदिर कमेटी उपाध्यक्ष राजीव सचदेवा ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस साल भी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. इसके लिए मंदिर के स्टाफ, सेवादार श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हैं. मंदिर प्रांगण को सीसीटीवी कैमरा से भी मॉनिटर किया जा रहा है. भक्तों की भीड़ प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी उमड़ी है और सभी ने शांतिपूर्वक लाइन में लगकर माता के दर्शन और पूजा अर्चना कर रहे हैं.

राजीव सचदेवा ने बताया कि शक्ति मंदिर प्रांगण में आम दिनों के मुकाबले नवरात्रि के 9 दिन माता की आरती सुबह 5:00 बजे, सुबह 7:00 बजे और संध्या आरती 8:00 बजे होती है. इस समय में श्रद्धालुओं की काफई भीड़ होती है. इसके अलावा यहां आने वाले भक्त को किसी प्रकार की कठिनाई न हो इसके लिए स्वास्थ्य सुविधा का भी इंतजाम किया गया है.

Last Updated : Oct 15, 2023, 7:40 PM IST
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