धनबाद: कांग्रेस ने धनबाद लोकसभा सीट पर कीर्ति झा आजाद को प्रत्याशी घोषित किया है. 1983 विश्व कप के विजेता टीम के सदस्य रहे कीर्ति झा आजाद अब लगातार दो बार सांसद रहे पीएन सिंह को टक्कर देंगे. कीर्ति आजाद का धनबाद से कोई सीधा कनेक्शन नहीं है, इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने उनपर विश्वास जताया है.
कांग्रेस ने ददई दुबे, राजेंद्र सिंह, अभय दुबे, मयूर शेखर झा जैसे स्थानीय और बड़े कांग्रेसी नेताओं को दरकिनार कर कीर्ति झा आजाद को धनबाद लोकसभा सीट से टिकट दिया है, जिसके बाद बोकारो जिले के कांग्रेसी नाराज हैं, कार्यकर्ताओं का मानना है कि पैराशूट से उतारे गए इस उमीदवार का यहां कोई जगह नहीं है. अल्पसंख्यक समुदाय में कांग्रेस के इस फैसले से काफी नाराजगी देखी जा रही है.
अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कहना है कि कीर्ति झा आजाद सेकुलर नेता नहीं हो सकते हैं, उनके पिता भागवत झा आजाद दंगाई चरित्र के व्यक्ति थे, उनके ऊपर भागलपुर दंगा का दाग है तो कीर्ति झा आजाद भी कुछ दिनों पहले तक आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा के पोषक थे, ऐसे में वो एकाएक सेकुलर कैसे हो सकते हैं.
क्या है क्षेत्र में जातीय समीकरण
- धनबाद में करीब ढाई लाख ब्राह्मण मतदाता हैं.
- अल्पसंख्यक आबादी भी करीब 5 लाख है.
- मांझी-महतो जेएमएम का कोर वोट बैंक माना जाता है-और इनकी आबादी भी 200000 से ज्यादा है.
ऐसे में वोटों के समीकरण से कीर्ति झा आजाद पीएन सिंह से कहीं आगे दिख रहे हैं, लेकिन कीर्ति आजाद अपने संगठन को कैसे मजबूत कर पाएंगे ये सबसे बड़ा सवाल होगा. महागठबंधन के वोट समीकरण का वह कितना फायदा उठा पाते हैं ये अहम बात है.
वहीं, बीजेपी में भी ब्रह्मण वोटरों की नाराजगी देखी जा रही है, गिरिडीह से रविंद्र पांडे और देश में करीब 12 ब्राह्मण नेताओं के टिकट कटने से ब्राह्मण समुदाय बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. ब्रह्मण बीजपी के कोर वोटर माने जाते रहे हैं. ऐसे में कीर्ति झा आजाद उनका फायदा उठा सकते हैं. मुस्लिम मतदाता कीर्ति झा आजाद के बैकग्राउंड से जरूर नाराज हैं, लेकिन उनके पास झा के अलावा कोई विकल्प नहीं है, तो जेएमएम का कांग्रेस में वोट शिफ्ट कराने का है भी चैलेंज महागठबंधन के नेताओं पर है. मांझी, महतो जेएमएम का आधारभूत माना जाता है, अगर यह वोट कांग्रेस में शिफ्ट हो जाता है तो कीर्ति आजाद के लिए फायदा हो सकता है.
राजनीतिक जानकरों का कहना है कि कांग्रेस ने बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया है, और यह बात पीएन सिंह के बयान से स्पष्ट भी हो रहा है. पी एन सिंह ने कहा है कि वह धनबाद के पिच पर अकेले बल्लेबाज हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि 23 मई को कांग्रेस के उम्मीदवार चल उड़ जा रे पंछी देश हुआ बेगाना गीत गाते नजर आएंगे.
पीएन सिंह भले ही बाहर बेफिक्र और बड़ी जीत का दावा कर रहे हों, लेकिन मुकाबला इतना आसान भी नहीं होगा. एक तरफ जहां 10 साल का एंटी इनकंबेंसी है तो वहीं जातिय समीकरण महागठबंधन के पक्ष में है. लेकिन मोदी के धनबाद और बोकारो में सभा करने के बाद वोटरों का मिजाज मोदी मय हो सकता है और पीएन सिंह अपनै हैट्रिक बना सकते हैं.