धनबादः जिले में ईटीवी भारत की खबर का एक फिर असर हुआ है. ईटीवी भारत ने आद्रा रेल डिवीजन के महुदा और खानुडीह स्टेशन के बीच के रेल पटरियों पर मजबूरन पढ़ाई के लिए आने जाने की खबर दिखाई थी. खबर में यह दिखाया गया था कि किस कदर बेटियां पढ़ाई पूरी करने के लिए मौत से दो दो हाथ कर रही हैं. खबर प्रकाशित होने के बाद झारखंड बाल संरक्षण आयोग की टीम ने संज्ञान लिया है(Child Protection Commission team reached Dhanbad). आयोग की टीम शुक्रवार को मौके पर पहुंची. दो सदस्यीय टीम में आयोग की सदस्य आभा वीरेंद्र अकिंचन और सुनील कुमार वर्मा ने रेल पटरियों पर चलकर बेटियों की समस्या को समझा. उनसे हर दिन स्कूल जाने में होने वाली समस्याओं के बारे में जाना.
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आयोग की सदस्य आभा वीरेंद्र अकिंचन ने कहा कि यह काफी संवेदनशील मामला है. जैसे ही यह मामला संज्ञान आया, फौरन निरीक्षण के लिए पहुंचे हैं. समस्या का हल फौरन निकल सके इसके लिए आगे कदम उठाएंगे. बेटियां भारत की भविष्य हैं, भारत सरकार ने इस मंच के माध्यम से भेजा है तो यह हमारा अब अपना मुद्दा है, उन्होंने कहा कि इसके लिए आद्रा रेल डिवीजन के साथ बैठक कर समस्या का यथा शीघ्र निदान करने का काम करेंगे.
आयोग के सदस्य सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि बेटियों के लिए यहां ग्रामीणों के द्वारा जो पहाड़ का सीना चीर कर सड़क बनाने का काम कर रहे हैं, माउंटेन मैन दशरथ मांझी की याद उन्होंने एक बार फिर से ताजा किया है. उनका यह संघर्ष भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और रेलवे दोनों मिलकर सड़क बनाने का काम करेंगे. इसके लिए हम पहल करेंगे. यहां के ग्रामीण हमसे ज्यादा अच्छा जानते हैं और समझते हैं. गांव वालों ने जो हल निकाला है, ज्यादा संभावना है कि उस पर काम किया जाय. वहीं गांव की बेटियों ने कहा कि जितनी जल्दी सड़क बन जाए हमारे लिए अच्छा रहेगा. हमें पढ़ाई के लिए आने जाने में कठिनाई नहीं होगी.