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नाबालिग युवती की मौत मामले में बाल संरक्षण आयोग की टीम पहुंची धनबाद, आरोपी डॉक्टर के घर जाकर की जांच

धनबाद में पिछले दिनों डॉक्टर के घर काम करने वाली नौकरानी की संदिग्ध मौत हो गई थी. इस मामले की जांच करने झारखंड बाल संरक्षण आयोग (Jharkhand Child Protection Commission) की टीम धनबाद पहुंची है. आयोग की अध्यक्ष काजल यादव ने बताया कि जांच में कोताही बरती गई है.

Jharkhand Child Protection Commission
नाबालिक युवती की मौत मामले में बाल संरक्षण आयोग की टीम पहुंची धनबाद
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Published : Dec 10, 2022, 7:21 AM IST

Updated : Dec 10, 2022, 1:29 PM IST

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धनबाद: 5 दिसंबर को डॉक्टर के घर में रहकर काम करने वाली नाबालिग युवती की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच करने झारखंड बाल संरक्षण आयोग (Jharkhand Child Protection Commission) की टीम धनबाद पहुंची. आयोग की टीम पीड़ित परिवार से पूछताछ करने के साथ साथ आरोपी डॉक्टर अभिजीत के आवास पर जाकर जांच की है.

यह भी पढ़ेंः धनबाद में आरोपी सरकारी डॉक्टर की गिरफ्तारी को लेकर सड़क जाम, टायर जलाकर किया विरोध

धनबाद सर्किट हाउस में आयोग की अध्यक्ष काजल यादव ने बताया कि अनुसंधान में बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती गई है. उन्होंने कहा कि मृतक बच्ची नाबालिग थी. इसके बावजूद बालिग बताकर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच डीएसपी स्तर के पदाधिकारी को करना चाहिए था. लेकिन अनुसंधान इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा प्राथमिकी दर्ज होने से पहले और बाद में लगातार पीड़ित परिवार को धमकी दी जा रही है. इससे पीड़ित परिवार भयभीत है, उन्हें तत्काल सुरक्षा मिलनी चाहिए.


आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि मृतक बच्ची के शरीर पर अलग-अलग जगहों पर जख्म के निशान थे. इन चीजों की जांच आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया है. डॉक्टर के बहनोई राजेश कुमार सिंह ने बताया कि डॉक्टर हर मामले में निर्दोष है. घटना के वक्त डॉक्टर अपने सरकारी अस्पताल में मौजूद थे. उनके दोनों बच्चे घर पर नहीं थे. घटना के संबंध में उनके बच्चों का नाम जोड़ना डॉक्टर के साथ नाइंसाफी होगी. उन्होंने कहा कि बच्ची का किसी लड़के के साथ अवैध संबंध था, जिसकी वजह से आत्महत्या की है. उन्होंने बच्ची के मोबाइल का रिकॉर्ड निकालने की मांग की, ताकि सत्य सामने आ सके.

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धनबाद: 5 दिसंबर को डॉक्टर के घर में रहकर काम करने वाली नाबालिग युवती की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच करने झारखंड बाल संरक्षण आयोग (Jharkhand Child Protection Commission) की टीम धनबाद पहुंची. आयोग की टीम पीड़ित परिवार से पूछताछ करने के साथ साथ आरोपी डॉक्टर अभिजीत के आवास पर जाकर जांच की है.

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धनबाद सर्किट हाउस में आयोग की अध्यक्ष काजल यादव ने बताया कि अनुसंधान में बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती गई है. उन्होंने कहा कि मृतक बच्ची नाबालिग थी. इसके बावजूद बालिग बताकर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच डीएसपी स्तर के पदाधिकारी को करना चाहिए था. लेकिन अनुसंधान इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा प्राथमिकी दर्ज होने से पहले और बाद में लगातार पीड़ित परिवार को धमकी दी जा रही है. इससे पीड़ित परिवार भयभीत है, उन्हें तत्काल सुरक्षा मिलनी चाहिए.


आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि मृतक बच्ची के शरीर पर अलग-अलग जगहों पर जख्म के निशान थे. इन चीजों की जांच आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया है. डॉक्टर के बहनोई राजेश कुमार सिंह ने बताया कि डॉक्टर हर मामले में निर्दोष है. घटना के वक्त डॉक्टर अपने सरकारी अस्पताल में मौजूद थे. उनके दोनों बच्चे घर पर नहीं थे. घटना के संबंध में उनके बच्चों का नाम जोड़ना डॉक्टर के साथ नाइंसाफी होगी. उन्होंने कहा कि बच्ची का किसी लड़के के साथ अवैध संबंध था, जिसकी वजह से आत्महत्या की है. उन्होंने बच्ची के मोबाइल का रिकॉर्ड निकालने की मांग की, ताकि सत्य सामने आ सके.

Last Updated : Dec 10, 2022, 1:29 PM IST
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