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World Environment Day 2023: इस प्रदूषण का कैसे हो समाधान, जब कंपनियां ही उड़ा रही नियमों की धज्जियां! - झारखंड न्यूज

कोयला की नगरी धनबाद, जहां प्रदूषण का आलम ऐसा है कि कण-कण में धूल और हवा में राख तैरती है. आउटसोर्सिंग कंपनियों को निर्देश है कि प्रदूषण नियंत्रण के मानकों के साथ काम करे. लेकिन ये कंपनियां ही नियमों को ताक पर रखकर ओबी डंप कर और ज्यादा प्रदूषण फैला रही हैं.

Jharia coal mines blasting outsourcing companies spreading pollution in Dhanbad
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Published : Jun 5, 2023, 5:15 PM IST

Updated : Jun 5, 2023, 5:42 PM IST

देखें पूरी खबर

धनबादः देखिए इन तस्वीरों को, ऐसा लग रहा है जैसे यहां कोई बम ब्लास्ट हुआ हो. लेकिन ऐसा नहीं है, यहां कोई बम बलास्ट नहीं हुआ है बल्कि उत्खनन के दौरान निकाली गई ओबी है. राख का ये गुबार किसी बम जैसा ही लगता है.

इसे भी पढ़ें- ETV Bharat Ground Report: प्रदूषण की जद में राजधानी के जलाशय! ईटीवी भारत की पड़ताल में देखिए कांके डैम का हाल

आउटसोर्सिंग कंपनियां नियमों को ताक पर रखकर उत्खनन कर यहां ओबी डंप करा रही है. ओबी डंप से प्रदूषण का असर ऐसा कि आसपास की आबादी प्रभावित हो रही है. इतना ही नहीं आसपास के पशु पक्षी और जीव जंतु भी इससे खासे प्रभावित हो रहे हैं.

ये तस्वीरें हैं झरिया के भौरा इलाके की. बीसीसीएल के मेगा प्रोजेक्ट के तहत ऐटीदेव प्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी यहां कोयला उत्खनन का कार्य कर रही है. आउटसोर्सिंग कंपनी के कोयला उत्खनन के कारण भौरा जहाज टांड़ 6 नंबर और यहां का बाजार पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. धूलकण उड़कर लोगों के घरों में आ रहे हैं और घरों के अंदर धूलकणों की मोटी परत जमा हो जा रही है. इस धूल से लोग बीमार हो रहे हैं. ओबी डंप के कारण लगातार इसके क्षेत्र दायरा बढ़ता ही जा रहा है. प्रदूषण के बढ़ते दायरे के कारण आसपास के जंगलों के जीव जंतु और पशु पक्षियों पड़ रहा है. पशु पक्षी यहां से पलायन कर रहे हैं और ओबी डंप के दौरान पत्थरों से चोटिल होकर पशुओं की मौत भी हो रही है.

भौरा 6 नंबर के तालाब में हमेशा पानी भरा रहता था. यह तालाब भौरा बाजार और आसपास के लिए लाइफ लाइन माना जाता था. ग्रामीण इस तालाब में मछली पालन किया करते थे. लेकिन आउटसोर्सिंग की हैवी ब्लास्टिंग के कारण यह तालाब पूरी तरह से सुख चुकी है. जिसका सीधा असर यहां के लोगों और जीवों पर पड़ा है.

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धनबादः देखिए इन तस्वीरों को, ऐसा लग रहा है जैसे यहां कोई बम ब्लास्ट हुआ हो. लेकिन ऐसा नहीं है, यहां कोई बम बलास्ट नहीं हुआ है बल्कि उत्खनन के दौरान निकाली गई ओबी है. राख का ये गुबार किसी बम जैसा ही लगता है.

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आउटसोर्सिंग कंपनियां नियमों को ताक पर रखकर उत्खनन कर यहां ओबी डंप करा रही है. ओबी डंप से प्रदूषण का असर ऐसा कि आसपास की आबादी प्रभावित हो रही है. इतना ही नहीं आसपास के पशु पक्षी और जीव जंतु भी इससे खासे प्रभावित हो रहे हैं.

ये तस्वीरें हैं झरिया के भौरा इलाके की. बीसीसीएल के मेगा प्रोजेक्ट के तहत ऐटीदेव प्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी यहां कोयला उत्खनन का कार्य कर रही है. आउटसोर्सिंग कंपनी के कोयला उत्खनन के कारण भौरा जहाज टांड़ 6 नंबर और यहां का बाजार पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. धूलकण उड़कर लोगों के घरों में आ रहे हैं और घरों के अंदर धूलकणों की मोटी परत जमा हो जा रही है. इस धूल से लोग बीमार हो रहे हैं. ओबी डंप के कारण लगातार इसके क्षेत्र दायरा बढ़ता ही जा रहा है. प्रदूषण के बढ़ते दायरे के कारण आसपास के जंगलों के जीव जंतु और पशु पक्षियों पड़ रहा है. पशु पक्षी यहां से पलायन कर रहे हैं और ओबी डंप के दौरान पत्थरों से चोटिल होकर पशुओं की मौत भी हो रही है.

भौरा 6 नंबर के तालाब में हमेशा पानी भरा रहता था. यह तालाब भौरा बाजार और आसपास के लिए लाइफ लाइन माना जाता था. ग्रामीण इस तालाब में मछली पालन किया करते थे. लेकिन आउटसोर्सिंग की हैवी ब्लास्टिंग के कारण यह तालाब पूरी तरह से सुख चुकी है. जिसका सीधा असर यहां के लोगों और जीवों पर पड़ा है.

Last Updated : Jun 5, 2023, 5:42 PM IST
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