धनबाद: जिले के गोविंदपुर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय बिराजपुर का हाल बेहाल है. यहां पर लगभग 775 छात्रों का नामांकन है, लेकिन उच्च विद्यालय का अपना भवन नहीं है. आदिवासी छात्रावास में बच्चों की क्लास ली जाती है. विद्यालय में चारदीवारी भी नहीं है, जिससे विद्यालय प्रबंधन को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अब स्कूल की नई बिल्डिंग निर्माण में भी अनियमितता खुलकर सामने आई है.
प्रधानाचार्य ने बताया कि आदिवासी छात्रावास में बच्चों की क्लास ली जाती है, कोरोना काल के कारण इस साल जैसे तैसे बीत गया, लेकिन अब आने वाले समय में विद्यालय प्रबंधन को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, इस समस्या से निपटने के लिए बन रहे विद्यालय भवनों में भी अनियमितताओं बरती जा रही है. उत्क्रमित उच्च विद्यालय बिलासपुर में बन रहे नए भवन में शुरू से ही दिक्कतें सामने आई है. प्रथम तल्ले की बिल्डिंग बनने के बाद आधे अधूरे में ही ठेकेदार छोड़कर चला गया. वहीं दूसरे तल्ले की बिल्डिंग अभी बनाई जा रही है. इस बिल्डिंग निर्माण का जिम्मा विभागीय जेई तज्जिमुल हसन के जिम्मे है. उन्होंने ठेकेदार भी अपने एक रिश्तेदार को ही बना दिया है. प्रधानाचार्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि जितना पैसा इनको अब तक दिया गया है, उतना कार्य नहीं किया गया है, उसके बावजूद और पैसे देने का अक्सर दबाव बनाया जा रहा है.
जेई के खिलाफ प्रधानाचार्य ने विभाग को लिखा पत्र
प्रधानाचार्य ने जेई और ठेकेदार के रवैया से तंग आकर विभाग को पत्र लिखकर पूरे मामले में कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जितना पैसा का भुगतान अब तक किया गया है उतना काम नहीं हुआ है और बराबर पैसे देने का दबाव बनाया जा रहा है, यह न्यायोचित नहीं है. उन्होंने कहा कि विभागीय जेई को विद्यालय प्रबंधन समिति के सामने बैठकर सभी बातों को रखने के लिए भी कहा गया है, लेकिन वह विद्यालय भी नहीं आते हैं. विभागीय जेई पर एक दो नहीं बल्कि 5 साइड का जिम्मा है, जिसमें पथुरिया, जमडीहा, दामोदरपुर, रेलवे कॉलोनी भागा और बिराजपुर इन सभी जगहों का काम यही विभागीय जेई देखते हैं और लगभग सभी जगह उन्होंने अपने एक करीबी रिश्तेदार को ठेका भी दे दिया है.
इसे भी पढ़ें: धनबाद: एसएसएलएनटी कॉलेज के पास दुकानदारों का कब्जा, छात्राओं और अभिभावकों को हो रही परेशानी
दोषी जेई पर कार्रवाई के निर्देश
जानकारी के अनुसार रेलवे कॉलोनी भागा के प्रधानाचार्य ने इनके कारनामों से तंग आकर अपने जेब से रुपए लगाकर वहां विद्यालय भवन का निर्माण कार्य किसी तरह पूरा करवाया और अपना पिंड छुड़ाया है. प्रधानाचार्य ने कहा कि अत्यधिक राशि की भुगतान नहीं करने पर जेई के निर्देश पर ठेकेदार के ओर से काम रोक दिया जाता है, इस चक्कर में कई बार बिराजपुर में लगभग काम रोका गया, जिससे 50 बोरा से अधिक सीमेंट भी बर्बाद हो चुका है. वहीं इस पूरे मामले में जब ईटीवी भारत ने विभागीय कनीय अभियंता तजीमूल हसन और ठेकेदार से उनका पक्ष जानना चाहा तो, उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया. वहीं इस पूरे मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह मामला सामने आया है, बिराजपुर समेत कई उच्च विद्यालयों में निर्माण कार्य अधूरा है. उन्होंने कहा कि फिलहाल दोषी जेई को शो कॉज करते हुए उनका वेतन बंद करने का निर्देश दिया गया है और आगे की कार्रवाई के लिए विभाग से निर्देश मांगा गया है.