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बीसीसीएल में भी दिखा हड़ताल का असर, कोलियरी में कामकाज ठप

केंद्र सरकार के खिलाफ आज पूरे देश में मजदूर यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल किया है. इस हड़ताल का असर धनबाद के बीसीसीएल खदानों में भी देखा गया.

Impact of strike in BCCL dhanbad
बीसीसीएल में भी दिखा हड़ताल का असर
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Published : Jan 8, 2020, 4:27 PM IST

धनबाद: पब्लिक सेक्टर के निजीकरण के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल किया है. इसका असर बीसीसीएल कोलियरियों में भी देखने को मिला. बीसीसीएल एरिया वन और ब्लॉक दो में यह बंदी असरदार रही.

देखें पूरी खबर

बीसीसीएल में कर्मियों की संख्या न के बराबर रही. बीसीसीएल कर्मियों ने इस बंदी को अपना पूर्ण समर्थन दिया है. खदानों में कामकाज को ठप कर दिया है. केंद्र सरकार की नीतियों और कोलियरियों में निजीकरण के मुद्दे को लेकर मजदूर यूनियनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. हड़ताल के मद्देनजर कोलियरियों में कर्मी तो आए, लेकिन कामकाज बाधित रहने के कारण कार्यस्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

इसे भी पढ़ें:- मजदूर संगठनों के हड़ताल और प्रदर्शन को लेकर रांची पुलिस हाई अलर्ट पर, एक हजार अतिरिक्त पुलिस बल तैनात

वहीं इस बंदी से बीसीसीएल के कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है. कंपनी को इससे करोड़ों का नुकसान हुआ है. मजदूर प्रतिनिधियों का कहना है कि केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर का निजीकरण करना चाहती है, जो किसी कीमत पर होने नही देंगे.

धनबाद: पब्लिक सेक्टर के निजीकरण के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल किया है. इसका असर बीसीसीएल कोलियरियों में भी देखने को मिला. बीसीसीएल एरिया वन और ब्लॉक दो में यह बंदी असरदार रही.

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बीसीसीएल में कर्मियों की संख्या न के बराबर रही. बीसीसीएल कर्मियों ने इस बंदी को अपना पूर्ण समर्थन दिया है. खदानों में कामकाज को ठप कर दिया है. केंद्र सरकार की नीतियों और कोलियरियों में निजीकरण के मुद्दे को लेकर मजदूर यूनियनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. हड़ताल के मद्देनजर कोलियरियों में कर्मी तो आए, लेकिन कामकाज बाधित रहने के कारण कार्यस्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

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वहीं इस बंदी से बीसीसीएल के कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है. कंपनी को इससे करोड़ों का नुकसान हुआ है. मजदूर प्रतिनिधियों का कहना है कि केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर का निजीकरण करना चाहती है, जो किसी कीमत पर होने नही देंगे.

Intro:स्लग -- देशव्यापी हड़ताल का कोलियरियों में दिखा असर।
एंकर -- पब्लिक सेक्टर को निजीकरण करने के विरोध में ट्रेड यूनियनों द्वारा भारत बंद का असर बीसीसीएल कोलयरीयो में सफल रहा।बीसीसीएल एरिया वन तथा ब्लॉक दो में यह बन्दी असरदार रहा है।बीसीसीएल में काम करने वाले कर्मियों की संख्या न के बराबर रही।बीसीसीएल कर्मियों ने इस बन्दी को अपना पूर्ण समर्थन दिया है।खदानों में कामकाज को ठप कर रखा है।केंद्र सरकार की नीतियों और कोलियरियों में निजीकरण के मुद्दे को लेकर मजदूर यूनियनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है।हड़ताल के मद्देनजर कोलियरियों में कर्मी तो आ रहे हैं पर कामकाज बाधित रहने की वजह से कार्यस्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।वही इस बन्दी से बीसीसीएल के कोयला उत्पादन पर असर पड़ा साथ ही कम्पनी को करोड़ो का नुकसान हुआ है।Body:मजदूर प्रतीनिधियो का कहना है कि केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर को निजीकरण करना चाहती है।जो किसी कीमत पर होने नही देंगे।मजदूरों के अहित की कोई भी नियम को लागू नही होने दिया जाएगा।

Conclusion:नो
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