धनबादः केंद्र सरकार का एक फैसला फिर विवाद (HUID controversy) में है. अब ज्वैलरी पर एचयूआईडी (HUID) नंबर के प्रस्ताव पर सर्राफा व्यवसायियों का पारा चढ़ा हुआ है. केंद्र सरकार का कहना है कि इससे सोने की शुद्धता सुनिश्चित की जा सकेगी तो सर्राफा व्यवसायियों का कहना है कि सोने की शुद्धता से इसका कोई लेना-देना नहीं है. बल्कि सरकार सोने की ट्रैकिंग भर करना चाह रही है. इसके विरोध में मंगलवार को धनबाद के करीब 400 सर्राफा व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं.
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चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सह सर्राफा व्यवसायी चेतन गोयनका ने बैंक मोड़ स्थिति के एक निजी होटल में सर्राफा व्यवसायियों के साथ बैठक की. इस दौरान कहा कि पूर्व में आभूषणों पर हॉल मार्क की अनिवार्यता का कानून लागू किया गया था, जिसका हम सभी सर्राफा व्यवसायियों ने स्वागत किया था. लेकिन अब सरकार की ओर से एचयूआईडी नामक नये प्रारूप और प्रक्रिया की अनिवार्यता की घोषणा की गई है. इससे व्यवसायियों की परेशानी बढ़ जाएगी.
उन्होंने कहा की एचयूआईडी की प्रक्रिया के लिए उन्हें अलग से स्टाफ रखना पड़ेगा. इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इसे वापस लिया जाए. इसकी अनिवार्यता के विरोध में जिले के करीब 300 से 400 सराफा व्यवसायियों ने आज अपनी दुकानों को बंद रखा है. चेतन गोयनका ने कहा कि सरकार यदि इसकी अनिवार्यता के प्रस्ताव को वापस नहीं लेती तो देश भर के सर्राफा व्यवसायी हड़ताल पर चले जाएंगे.
किस बात पर आपत्ति
केंद्र सरकार ने ज्वैलरी व्यापार को पारदर्शी बनाने के लिए बीते दिनों ज्वैलरी पर हॉलमार्क (hallmark on jewelry in india) अनिवार्य कर दिया था. इसके तहत कुछ नए नियम बनाए जा रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि सरकार दो ग्राम से अधिक की जो भी ज्वैलरी है, उस पर एक एचयूआईडी (हॉलमार्क यूनिक आईडी) दर्शाने का प्रस्ताव ला रही है.
इससे कारोबार में समय की बर्बादी होगी और सरकार भले यह कह रही है कि एचयूआईडी से सोने की शुद्धता में सुधार होगा, लेकिन प्रस्ताव का क्वॉलिटी से कोई संबंध नहीं है. बल्कि वह व्यापार पर नजर रखने के लिए ट्रैकिंग व्यवस्था खड़ी कर रही है. इसके अलावा कोई ग्राहक ज्वैलरी वापस करना चाहता है या उसमें नया परिवर्तन चाहता है तो फिर से एचयूआईडी जनरेट करना होगा.
देश भर में विरोध
नए नियमों का सिर्फ झारखंड ही नहीं पूरे देश के सर्राफा कारोबारी विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर सोमवार को झारखंड के साथ यूपी, जम्मू-कश्मीर गुजरात तक सर्राफ हड़ताल पर रहे. उन्होंने सरकार से नए एचयूआईडी नियमों को वापस लेने की मांग की.