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बीमार सिस्टम: करोड़ों की लागत से बने अस्पताल में भवन है, लेकिन डॉक्टर नहीं - गोमो का बीमार अस्पताल

धनबाद के जीतपुर में करोड़ों रुपये की लागत से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर तीस बेड का अस्पताल बनाया गया. डॉक्टर नहीं रहने के कारण यहां आ रहे मरीजों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.

Gomo Hospital
गोमो का बीमार अस्पताल
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Published : Apr 19, 2020, 8:24 PM IST

धनबाद: जिले के जीतपुर में करोड़ों रूपये की लागत से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर तीस बेड का अस्पताल, डॉक्टर नहीं रहने के कारण बीमार पड़ गया है. यहां के डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन और सफाईकर्मी को दूसरे जगह पद स्थापित कर दिया गया है. जिसके कारण यहां इलाज कराने आये लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- रांचीः कोरोना वायरस का सैंपल लेने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम का आजाद बस्ती में हुआ स्वागत, लोगों ने दिए अपने सैंपल

आसपास के लोग कराने आते हैं इलाज

अस्पताल में गोमो सहित आस पास के लोग अपना इलाज कराने आते हैं, लेकिन यहां डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी के न रहने पर इन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है. इस अस्पताल के डॉक्टर एस एन जफरुल्लाह को लगभग एक वर्ष पूर्व धनबाद में यक्ष्मा विभाग का जिला पदाधिकारी बना दिया गया था. जिसके बाद डॉक्टर जफरुल्लाह जीतपुर अस्पताल में कम आते थे, जबकि लैब टेक्नीशियन प्रमोद सिंह को अब तोपचांची के साहूबहियार स्थित सीएचसी में पदस्थापित कर दिया गया है.

पंचायत प्रतिनिधियों ने दी जानकारी

मामले का खुलासा उस समय हुआ जब कई ग्रामीण अपना इलाज कराने अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां कोई स्वास्थ्यकर्मी के न रहने पर इसकी जानकारी पंचायत प्रतिनिधियों को दी. जिसके बाद प्रतिनिधियों के पहुंचने पर मामले का खुलासा हुआ.

क्या है मुखिया का कहना

मामले के बारे में जानकारी देते हुए गोमो दक्षिण पंचायत मुखिया राजेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रखंड चिकित्सा पादाधिकारी इस अस्पताल के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार करते आ रहे है. कोरोना महामारी के इस समय में अस्पताल में डॉक्टर का न रहना बड़े ही शर्म की बात है.

धनबाद: जिले के जीतपुर में करोड़ों रूपये की लागत से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर तीस बेड का अस्पताल, डॉक्टर नहीं रहने के कारण बीमार पड़ गया है. यहां के डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन और सफाईकर्मी को दूसरे जगह पद स्थापित कर दिया गया है. जिसके कारण यहां इलाज कराने आये लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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आसपास के लोग कराने आते हैं इलाज

अस्पताल में गोमो सहित आस पास के लोग अपना इलाज कराने आते हैं, लेकिन यहां डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी के न रहने पर इन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है. इस अस्पताल के डॉक्टर एस एन जफरुल्लाह को लगभग एक वर्ष पूर्व धनबाद में यक्ष्मा विभाग का जिला पदाधिकारी बना दिया गया था. जिसके बाद डॉक्टर जफरुल्लाह जीतपुर अस्पताल में कम आते थे, जबकि लैब टेक्नीशियन प्रमोद सिंह को अब तोपचांची के साहूबहियार स्थित सीएचसी में पदस्थापित कर दिया गया है.

पंचायत प्रतिनिधियों ने दी जानकारी

मामले का खुलासा उस समय हुआ जब कई ग्रामीण अपना इलाज कराने अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां कोई स्वास्थ्यकर्मी के न रहने पर इसकी जानकारी पंचायत प्रतिनिधियों को दी. जिसके बाद प्रतिनिधियों के पहुंचने पर मामले का खुलासा हुआ.

क्या है मुखिया का कहना

मामले के बारे में जानकारी देते हुए गोमो दक्षिण पंचायत मुखिया राजेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रखंड चिकित्सा पादाधिकारी इस अस्पताल के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार करते आ रहे है. कोरोना महामारी के इस समय में अस्पताल में डॉक्टर का न रहना बड़े ही शर्म की बात है.

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