धनबाद: जिले के गोविंदपुर प्रखंड के दामकडा बरवा में भवन निर्माण के दो सालों बाद भी स्वास्थ्य केंद्र शुरू नहीं हो सका है. दीवारों पर दरारें पड़ने लगी है. असमाजिक तत्वों के द्वारा खिड़की दरवाजों के शीशे क्षतिग्रस्त कर दिए गए हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग बेखबर है. ग्रामीणों की उम्मीद भी अब जवाब देने लगी है.
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जिले में स्वास्थ्य विभाग उदासीन बनी हुई है. मामला गोविंदपुर प्रखंड के दामकडा बरवा पंचायत के पांडे बरवा का है. लगभग पांच हजार आबादी वाले इस गांव में लोगों की उम्मीदें उस समय काफी जागी थी, जब गांव में स्वास्थ केन्द्र का निर्माण हो रहा था. उन्हें लगा था कि अब इलाज के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा, पर जितनी उम्मीदें लोगों ने सरकारी अस्पताल बनने के समय लगायी थी और सहयोग भी किया था, वह उमीद अब टूटने लगी है.
दो साल पहले ही अस्पताल का निर्माण कार्य हो चुका है पूरा: लगभग दो साल पहले ही अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. भवन पूरी तरह तैयार है, पर कोई सुध लेने वाला नहीं है. अस्पताल में असामाजिक तत्वों के द्वारा दरवाजों के कांच तोड़ दिए गए हैं. दीवारो में दरारें आनी शुरू हो गई है. लाखों रुपये की लागत से बना भवन बेकार पड़ा हुआ है. सरकारी पैसे का दुरुपयोग हो रहा है. जिले में कई ऐसे स्वास्थ्य केंद्र भवन है, जो जर्जर हो चुके हैं. ऐसे में लगता है कि निर्माण हुए भवन को भी जर्जर होने का इंतजार विभाग कर रहा है.
इलाज के लिए निजी अस्पताल में जाने को मजबूर लोग: ग्रामीणों की मानें तो भवन बने दो साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक ना ही जिला प्रशासन और ना ही स्वास्थ्य विभाग की नजर इस ओर पड़ी है. ठेकेदार अपना काम जैसे तैसे कर निकल गए. जिला प्रशासन अपने स्तर से अस्पताल में डॉक्टर नियुक्त नहीं करा रही है. ग्रामीणों ने कहा कि उमीद थी कि नजदीक में स्वास्थ्य केंद्र बनने से उनलोगों को इलाज के धनबाद मुख्यालय अस्पताल या निजी अस्पताल नहीं जाना होगा, लेकिन वह उमीद अब स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता के कारण खत्म हो रही है.