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अब कुछ सेकेंड में कोरोना संक्रमित व्यक्ति का मिलेगा इतिहास, BIT सिंदरी के छात्रों ने ईजाद की ये तकनीक

धनबाद बीआईटी सिंदरी के तीन छात्रों ने मिलकर एक ऐसा रिस्ट बैंड ईजाद किया है. जिससे कोरोना से संक्रमित व्यक्ति किन लोगों से मिला है इस बात की जानकारी कुछ सेकंड में मिल जाएगी.

corona infected person will be identified
BIT सिंदरी के छात्र
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Published : Apr 4, 2020, 8:38 AM IST

Updated : Apr 5, 2020, 7:30 PM IST

धनबादः देश और दुनिया में कोरोना के खिलाफ जंग जारी है. खासकर इसके उपचार के लिए युद्धस्तर पर प्रयास हो रहा है. इसकी वैक्सीन तैयार करने में वैज्ञानिक दिन रात लगे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमित व्यक्ति किन-किन लोगों से मिला है, यह सिर्फ पूछताछ या जांच के बाद ही पता लगाया जा सकता है. इसके लिए फिलहाल कोई तकनीक नहीं मिल पाई है, लेकिन बीआईटी सिंदरी के तीन छात्रों ने मिलकर एक ऐसा रिस्ट बैंड ईजाद किया है. जिससे कोरोना से संक्रमित व्यक्ति किन लोगों से मिला है इस बात की जानकारी कुछ सेकंड में मिल जाएगी.

corona infected person will be identified
BIT सिंदरी के छात्र


बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सिंदरी के तीन छात्र अनिकेत कुमार, अभिनीत मिश्रा और अमरदीप कुमार ने मिलकर एक रिस्ट बैंड ईजाद किया है. अनिकेत और अमरदीप मैकेनिकल इंजीनियरिंग तीनों कर चुके हैं, अभिनीत बीटेक थर्ड ईयर का छात्र हैं. सभी कोर ब्रांच के साथ इलेक्ट्रानिक्स भी पढ़ रहें हैं.

corona infected person will be identified
BIT सिंदरी के छात्र

तीनों ने मिलकर एक ऐसा रिस्ट बैंड बनाया है जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति किन-किन लोगों से मिला है. इसकी पूरी जानकारी महज 5 सेकंड में ही मिल जाएगी.

corona infected person will be identified
BIT सिंदरी के छात्रों ने ईजाद की नई तकनीक

यह तकनीक कोरोना के संक्रमण को रोकने में बहुत हद तक मददगार साबित हो सकती है. संक्रमण की जद में आ चुका व्यक्ति किन लोगों से मिल चुका है. यह सिर्फ पूछताछ और जांच से ही पता लगाया जा सकता है. अब तक इसके लिए कोई तकनीक विकसित नहीं हुई है. अब तक पूछताछ के माध्यम से ही कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की खोजबीन की जाती रही है.
मात्र 400 रुपए कीमत

corona infected person will be identified
अपने शिक्षकों के साथ छात्र


छात्रों द्वारा ईजाद की गई महज 400 रुपए के रिस्ट बैंड वैसे संक्रमित लोगों का बड़ी ही आसानी से पता लगाया जा सकता है. इस रिस्ट बैंड में दो डिवाइस का उपयोग किया गया है, जीएसएम और ब्लूटूथ मॉडल.

जीएसएम मॉडल में सिंपल 2 जी नेटवर्क पाया जाता है. ब्लूटूथ मॉडल मोबाइल में उपयोग किया जाता है. किसी भी मोबाइल में ब्लूटूथ स्कैन करने पर आसपास के सभी ब्लूटूथ डिवाइस उस मोबाइल फोन में नजर आने लगते हैं.

ठीक इसी प्रकार इस रिस्ट बैंड में लगी ब्लूटूथ डिवाइस भी काम करेगा, लेकिन इसकी दूरी डेढ़ मीटर निर्धारित कर दी जाएगी. रिस्ट को पहनने वाले व्यक्ति के डेढ़ मीटर के दायरे में जो भी ब्लू टूथ डिवाइस आएंगे उसे यह रजिस्टर्ड कर लेगा.

क्लाउड सर्वर में उस व्यक्ति का पूरा इतिहास खुद ब खुद रजिस्टर्ड हो जाएगा. इस क्लाउड सर्वर से व्यक्ति किन लोगों से मिला है. इस बात की पूरी जानकारी सर्वर के प्रशासक को मिल जाएगी. यह रिस्ट बैंड पहनने वाले व्यक्ति के आधार से कनेक्ट रहेगा. हर बैंड की अलग अलग आईडी रहेगी.

ये भी पढ़ें- खूंटी में 1500 लोग होम क्वॉरेंटाइन में, संदिग्धों की जांच जारी, मजदूरों पर विशेष नजर

बताया जा रहा कि कोरोना की चेन को तोड़ने में यह फायदेमंद हो सकता है. इन रिस्ट बैंड में लॉक लगाया गया है. इस लॉक के सहारे वह हाथों में हमेशा बंधा हुआ रहेगा. इसे पहनने के बाद हर काम आसानी से कर सकेगा.

लॉक तोड़कर इसे हाथ से निकालकर फेंक देने पर सर्वर प्रशासक को यह तुरंत मैसेज के माध्यम से सूचित करेगा. बैंड की आईडी सर्वर प्रशासक के पास सेव रहेगी. छात्रों ने इस रिस्ट बैंड का नाम दी विसिनिटी बैंड रखा है. इसका अर्थ होता है पास, पड़ोसी या नजदीकी अनिकेत का दावा है कि सरकार यदि पहल करें तो 22 दिनों में 75 संक्रमित शहरों को काफी हद तक कवर किया जा सकता है.

धनबादः देश और दुनिया में कोरोना के खिलाफ जंग जारी है. खासकर इसके उपचार के लिए युद्धस्तर पर प्रयास हो रहा है. इसकी वैक्सीन तैयार करने में वैज्ञानिक दिन रात लगे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमित व्यक्ति किन-किन लोगों से मिला है, यह सिर्फ पूछताछ या जांच के बाद ही पता लगाया जा सकता है. इसके लिए फिलहाल कोई तकनीक नहीं मिल पाई है, लेकिन बीआईटी सिंदरी के तीन छात्रों ने मिलकर एक ऐसा रिस्ट बैंड ईजाद किया है. जिससे कोरोना से संक्रमित व्यक्ति किन लोगों से मिला है इस बात की जानकारी कुछ सेकंड में मिल जाएगी.

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BIT सिंदरी के छात्र


बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सिंदरी के तीन छात्र अनिकेत कुमार, अभिनीत मिश्रा और अमरदीप कुमार ने मिलकर एक रिस्ट बैंड ईजाद किया है. अनिकेत और अमरदीप मैकेनिकल इंजीनियरिंग तीनों कर चुके हैं, अभिनीत बीटेक थर्ड ईयर का छात्र हैं. सभी कोर ब्रांच के साथ इलेक्ट्रानिक्स भी पढ़ रहें हैं.

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BIT सिंदरी के छात्र

तीनों ने मिलकर एक ऐसा रिस्ट बैंड बनाया है जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति किन-किन लोगों से मिला है. इसकी पूरी जानकारी महज 5 सेकंड में ही मिल जाएगी.

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BIT सिंदरी के छात्रों ने ईजाद की नई तकनीक

यह तकनीक कोरोना के संक्रमण को रोकने में बहुत हद तक मददगार साबित हो सकती है. संक्रमण की जद में आ चुका व्यक्ति किन लोगों से मिल चुका है. यह सिर्फ पूछताछ और जांच से ही पता लगाया जा सकता है. अब तक इसके लिए कोई तकनीक विकसित नहीं हुई है. अब तक पूछताछ के माध्यम से ही कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की खोजबीन की जाती रही है.
मात्र 400 रुपए कीमत

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अपने शिक्षकों के साथ छात्र


छात्रों द्वारा ईजाद की गई महज 400 रुपए के रिस्ट बैंड वैसे संक्रमित लोगों का बड़ी ही आसानी से पता लगाया जा सकता है. इस रिस्ट बैंड में दो डिवाइस का उपयोग किया गया है, जीएसएम और ब्लूटूथ मॉडल.

जीएसएम मॉडल में सिंपल 2 जी नेटवर्क पाया जाता है. ब्लूटूथ मॉडल मोबाइल में उपयोग किया जाता है. किसी भी मोबाइल में ब्लूटूथ स्कैन करने पर आसपास के सभी ब्लूटूथ डिवाइस उस मोबाइल फोन में नजर आने लगते हैं.

ठीक इसी प्रकार इस रिस्ट बैंड में लगी ब्लूटूथ डिवाइस भी काम करेगा, लेकिन इसकी दूरी डेढ़ मीटर निर्धारित कर दी जाएगी. रिस्ट को पहनने वाले व्यक्ति के डेढ़ मीटर के दायरे में जो भी ब्लू टूथ डिवाइस आएंगे उसे यह रजिस्टर्ड कर लेगा.

क्लाउड सर्वर में उस व्यक्ति का पूरा इतिहास खुद ब खुद रजिस्टर्ड हो जाएगा. इस क्लाउड सर्वर से व्यक्ति किन लोगों से मिला है. इस बात की पूरी जानकारी सर्वर के प्रशासक को मिल जाएगी. यह रिस्ट बैंड पहनने वाले व्यक्ति के आधार से कनेक्ट रहेगा. हर बैंड की अलग अलग आईडी रहेगी.

ये भी पढ़ें- खूंटी में 1500 लोग होम क्वॉरेंटाइन में, संदिग्धों की जांच जारी, मजदूरों पर विशेष नजर

बताया जा रहा कि कोरोना की चेन को तोड़ने में यह फायदेमंद हो सकता है. इन रिस्ट बैंड में लॉक लगाया गया है. इस लॉक के सहारे वह हाथों में हमेशा बंधा हुआ रहेगा. इसे पहनने के बाद हर काम आसानी से कर सकेगा.

लॉक तोड़कर इसे हाथ से निकालकर फेंक देने पर सर्वर प्रशासक को यह तुरंत मैसेज के माध्यम से सूचित करेगा. बैंड की आईडी सर्वर प्रशासक के पास सेव रहेगी. छात्रों ने इस रिस्ट बैंड का नाम दी विसिनिटी बैंड रखा है. इसका अर्थ होता है पास, पड़ोसी या नजदीकी अनिकेत का दावा है कि सरकार यदि पहल करें तो 22 दिनों में 75 संक्रमित शहरों को काफी हद तक कवर किया जा सकता है.

Last Updated : Apr 5, 2020, 7:30 PM IST
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