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बाढ़ पीड़ितों की करोड़ों की राशि पर जिला प्रशासन ने मारी कुंडली, BJP विधायक की पहल पर डीसी ने आशियाना बनाने का दिया आश्वासन - विधायक राज सिन्हा

धनबाद के कुमारधुबी में बाढ़ पीड़ित करीब पांच सालों से अपना घर पाने का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए न्यायालय ने बकायदा फैसला भी सुना दिया है. लेकिन न्यायालय के फैसले के बाद भी जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के लिए उनका आशियाना नहीं बनवा रही है. इसे लेकर बाढ़ पीड़ितों ने डीसी से मुलाकात की है.

Flood victims of kumardhubi dhanbad
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Published : Jul 19, 2023, 6:14 PM IST

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धनबाद: बीसीसीएल और प्रशासनिक अधिकारी और न्यायालय का चक्कर लगाने के 4 सालों बाद आखिरकार बाढ़ पीड़ितों को करोड़ों रुपए की राशि भुगतान का फैसला आया. न्यायालय का फैसला आने के बाद बीसीसीएल ने जिला प्रशासन को यह राशि स्थानांतरित कर दी. लेकिन अब जिला प्रशासन उस पर पिछले 7 महीनों से कुंडली मारकर बैठी हुई है. अभी तक यह राशि बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल सकी है. इसे लेकर बाढ़ पीड़ितों ने विधायक राज सिन्हा और भाजपा ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह की अगुवाई में धनबाद समाहरणालय पहुंचकर डीसी से मुलाकात की. डीसी ने जल्द ही बाढ़ पीड़ितों के लिए आशियाने बनवाने का आश्वासन दिया है.

यह भी पढ़ें: गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर और कटाव से लोगों में दहशत, साहिबगंज में मस्जिद जलमग्न होने की कगार पर

बता दें कि 26 जुलाई 2018 को निरसा के कुमारधुबी के झिलिया नदी में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे. जिसके लिए पूरी तरह से बीसीसीएल को जिम्मेदार ठहराया गया था. बीसीसीएल ने नेहरू रोड स्थित चितालडांगा के पास ओबी डंप गिरा कर झिलिया नदी को संकीर्ण कर दिया था. इसके कारण बारिश के दौरान झिरिया नदी का जलस्तर बढ़ गया और इलाके में बाढ़ आ गई थी. बाढ़ का पानी आसपास के कई इलाकों में घुस गया. कई घर इसके कारण ध्वस्त हो गए. घरों में रखे सामान पूरी तरह से बर्बाद हो गए. झिलिया नदी के पानी के कारण पूरे इलाके में तबाही का मंजर देखने को मिला था. बाढ़ के बाद चिरकुंडा नगर परिषद ने कुल 111 बाढ़ पीड़ितों की लिस्ट तैयार की थी. उनकी क्षतिपूर्ति के लिए बीसीसीएल और जिला प्रशासन से नगर परिषद ने मांग की थी, लेकिन किसी ने मामले को लेकर पहल नहीं की.

मानवाधिकार आयोग को लिखा गया पत्र: जिला प्रशासन और बीसीसीएल की तरफ से पहल नहीं किए जाने के 2 सालों बाद साल 2020 में ग्रामीण भाजपा के जिला उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने गंभीरता दिखाते हुए जिला प्रशासन और बीसीसीएल को बाढ़ से हुई क्षतिपूर्ति देने का निर्देश दिया था. लेकिन जिला प्रशासन और बीसीसीएल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार के निर्देशों को दरकिनार करते इसे बाढ़ आपदा मानने से साफ इंकार कर दिया.

साल 2020 में आयोग ने बीसीसीएल के सीएमडी और एरिया 12 के जीएम को एक नोटिस भेजा. लेकिन फिर से मामले का निपटारा नहीं हुआ. 16 अगस्त 2022 को आयोग के द्वारा रांची न्यायालय ने झारखंड के तत्कालीन मुख्य सचिव और कोल इंडिया के सचिव को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया. वहीं आयोग ने बीसीसीएल और सीएमडी को मामले का निपटारे करने का निर्देश दिया. जिसके बाद बीसीसीएल ने कुमारधूबी के 111 बाढ़ पीड़ितों के लिए 2 करोड़ 49 लाख 75 हजार रुपए देने पर सहमति जताई.

डीसी ने दिया आश्वासन: 5 जनवरी 2023 को बीसीसीएल द्वारा जिला प्रशासन के अकाउंट में 2 करोड़ 49 लाख 75 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए गए. लेकिन पिछले 7 महीनों में यह राशि अब तक बाढ़ पीड़ितों के उपयोग में नहीं आ सकी है. विधायक राज सिन्हा और भाजपा ग्रामीण उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह को डीसी ने आश्वासन दिया है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए जल्द ही घर निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी. रैयतों के लिए तत्काल घर का निर्माण शुरू किया जाएगा. वहीं रैयतों को छोड़ अन्य लोगों के लिए बंदोबस्ती के माध्यम से घर की निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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धनबाद: बीसीसीएल और प्रशासनिक अधिकारी और न्यायालय का चक्कर लगाने के 4 सालों बाद आखिरकार बाढ़ पीड़ितों को करोड़ों रुपए की राशि भुगतान का फैसला आया. न्यायालय का फैसला आने के बाद बीसीसीएल ने जिला प्रशासन को यह राशि स्थानांतरित कर दी. लेकिन अब जिला प्रशासन उस पर पिछले 7 महीनों से कुंडली मारकर बैठी हुई है. अभी तक यह राशि बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल सकी है. इसे लेकर बाढ़ पीड़ितों ने विधायक राज सिन्हा और भाजपा ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह की अगुवाई में धनबाद समाहरणालय पहुंचकर डीसी से मुलाकात की. डीसी ने जल्द ही बाढ़ पीड़ितों के लिए आशियाने बनवाने का आश्वासन दिया है.

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बता दें कि 26 जुलाई 2018 को निरसा के कुमारधुबी के झिलिया नदी में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे. जिसके लिए पूरी तरह से बीसीसीएल को जिम्मेदार ठहराया गया था. बीसीसीएल ने नेहरू रोड स्थित चितालडांगा के पास ओबी डंप गिरा कर झिलिया नदी को संकीर्ण कर दिया था. इसके कारण बारिश के दौरान झिरिया नदी का जलस्तर बढ़ गया और इलाके में बाढ़ आ गई थी. बाढ़ का पानी आसपास के कई इलाकों में घुस गया. कई घर इसके कारण ध्वस्त हो गए. घरों में रखे सामान पूरी तरह से बर्बाद हो गए. झिलिया नदी के पानी के कारण पूरे इलाके में तबाही का मंजर देखने को मिला था. बाढ़ के बाद चिरकुंडा नगर परिषद ने कुल 111 बाढ़ पीड़ितों की लिस्ट तैयार की थी. उनकी क्षतिपूर्ति के लिए बीसीसीएल और जिला प्रशासन से नगर परिषद ने मांग की थी, लेकिन किसी ने मामले को लेकर पहल नहीं की.

मानवाधिकार आयोग को लिखा गया पत्र: जिला प्रशासन और बीसीसीएल की तरफ से पहल नहीं किए जाने के 2 सालों बाद साल 2020 में ग्रामीण भाजपा के जिला उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने गंभीरता दिखाते हुए जिला प्रशासन और बीसीसीएल को बाढ़ से हुई क्षतिपूर्ति देने का निर्देश दिया था. लेकिन जिला प्रशासन और बीसीसीएल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार के निर्देशों को दरकिनार करते इसे बाढ़ आपदा मानने से साफ इंकार कर दिया.

साल 2020 में आयोग ने बीसीसीएल के सीएमडी और एरिया 12 के जीएम को एक नोटिस भेजा. लेकिन फिर से मामले का निपटारा नहीं हुआ. 16 अगस्त 2022 को आयोग के द्वारा रांची न्यायालय ने झारखंड के तत्कालीन मुख्य सचिव और कोल इंडिया के सचिव को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया. वहीं आयोग ने बीसीसीएल और सीएमडी को मामले का निपटारे करने का निर्देश दिया. जिसके बाद बीसीसीएल ने कुमारधूबी के 111 बाढ़ पीड़ितों के लिए 2 करोड़ 49 लाख 75 हजार रुपए देने पर सहमति जताई.

डीसी ने दिया आश्वासन: 5 जनवरी 2023 को बीसीसीएल द्वारा जिला प्रशासन के अकाउंट में 2 करोड़ 49 लाख 75 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए गए. लेकिन पिछले 7 महीनों में यह राशि अब तक बाढ़ पीड़ितों के उपयोग में नहीं आ सकी है. विधायक राज सिन्हा और भाजपा ग्रामीण उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह को डीसी ने आश्वासन दिया है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए जल्द ही घर निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी. रैयतों के लिए तत्काल घर का निर्माण शुरू किया जाएगा. वहीं रैयतों को छोड़ अन्य लोगों के लिए बंदोबस्ती के माध्यम से घर की निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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