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ट्रेनों में आग लगते ही थम जाएंगे पहिए, यात्री सुरक्षित निकल सकेंगे बाहर, किया जा रहा फायर सेफ्टी डिवाइस का इस्तेमाल - dhanbad news

ट्रेन में आग लगते ही रेल गाड़ी के पहिए थम जाएंगे. इसके लिए ट्रेनों में फायर सेफ्टी डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके जरिए ट्रेन में आग लगते के साथ ही अनाउंसमेंट शुरू हो जाएगी और ट्रेन के पहिए थम जाएंगे.

Fire safety devices installed in trains
Fire safety devices installed in trains
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 22, 2023, 7:16 PM IST

ट्रेन में लगा फायर सेफ्टी डिवाइस

धनबाद: ट्रेन में आग से होने वाले हादसों पर विराम लगाने के लिए रेलवे नई तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. ट्रेनों में पहचान प्रणाली यानी फायर सेफ्टी डिवाइस के जरिए आग से सुरक्षा के उपकरण लगाए गए हैं. फायर सेफ्टी डिवाइस आग पर काबू पाने के साथ ही यात्रियों को आग से आगाह करेगा और रेल कर्मचारियों को भी सूचित करेगा. धनबाद रेल मंडल के अंतर्गत चलने वाली ट्रेनों में फायर सेफ्टी डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे आग लगने से पहले ही उसकी सूचना रेल कर्मचारियों को भेजी जा सकेगी. एसी कोच, द्वितीय श्रेणी, गार्ड वैन और पैंट्री कार में फायर सेफ्टी डिवाइस लगाई गई है.

यह भी पढ़ें: Giridih To Ranchi Train: खबसूरत वादियों से गुजरी इंटरसिटी एक्सप्रेस, विधायक ने टाइमिंग में सुधार की रखी मांग, मंत्री ने कहा- होगा प्रयास

कोचिंग यार्ड के अधिकारी सौरभ कुमार ने बताया कि फायर सेफ्टी डिवाइस धुआं होने पर उसे सेंस कर लेता है. जिसके बाद अलर्ट अलार्म बजना शुरू हो जाता है. पैंट्री कार, पावर कार और एसी कोच में आग की सुगबुगाहट होने पर अलार्म बज उठेगा. अलार्म बजने के साथ ही ट्रेन के पहिए भी थम जाएंगे.

एलएसपी ट्रेनों में अपनाया गया ये तकनीक: एलएसपी ट्रेनों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. पैसेंजर ट्रेनों में इस तकनीक को अभी नहीं अपनाया गया है. एलएसपी ट्रेनों के एसी कोच, पैंट्री कार और पावर कार को इस तकनीक से लैस किया गया है. इन तीनों स्थानों पर फायर सेफ्टी डिवाइस और आग पर काबू पाने के उपकरण लगाए गए हैं. पावर कार से इलेक्ट्रिक की सप्लाई होती है. शॉट सर्किट के कारण यहां आग लगने की आशंका अधिक रहती है, जिस कारण आग से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सात फायर बॉल ऊपर लगाए गए हैं. इसके अलावे पानी के पाइप कनेक्शन भी हैं. फायर सेफ्टी सुरक्षा उपकरण भी रखी गई है.

हल्का धुआं उठने के बाद पहले एसी कोच और पैंट्री कार में लगे डिवाइस में सिग्नल देना शुरू करेगा. उससे ज्यादा धुआं होने के बाद अलार्म बज उठेगा. अलार्म बजने के साथ ही फायर बॉल फटना शुरू हो जाएगा. जिसमें आग बुझाने के लिए केमिकल का उपयोग किया गया है. अलार्म बजने के साथ ही ऑपरेटर भी मौके पर पहुंचकर फायर सेफ्टी उपकरण के जरिए आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट जाएंगे. अलार्म बजने के बाद स्वतः ही अनाउंसमेंट शुरू हो जाएगी. अनाउंसमेंट में पहले से ही एक ऑडियो फीड डाला गया है. अनाउंसमेंट के जरिए यात्रियों को आगाह करेगा कि सभी यात्रियों को सूचित किया जाता है कि ट्रेन में आग लगी है, आराम से ट्रेन की बोगी से बाहर निकलकर अपनी सुरक्षा करें.

खुद ही रुक जाएगा ट्रेन: अनाउंसमेंट के पहले यानी अलार्म बजने के साथ ही ट्रेन के पहिए थम जाएंगे. ट्रेन पूरी तरह से खड़ी हो जाएगी. जिससे कि यात्री सुरक्षित तरीके से ट्रेन से बाहर निकल सकें. एसी कोच और पैंट्री कार में भी फायर सिस्टम डिवाइस लगाया गया है. अलार्म बजने के साथ ही ट्रेन में सवार कर्मचारी अपने अधिकारियों को घटना कि सूचना देंगे.

ट्रेन में लगा फायर सेफ्टी डिवाइस

धनबाद: ट्रेन में आग से होने वाले हादसों पर विराम लगाने के लिए रेलवे नई तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. ट्रेनों में पहचान प्रणाली यानी फायर सेफ्टी डिवाइस के जरिए आग से सुरक्षा के उपकरण लगाए गए हैं. फायर सेफ्टी डिवाइस आग पर काबू पाने के साथ ही यात्रियों को आग से आगाह करेगा और रेल कर्मचारियों को भी सूचित करेगा. धनबाद रेल मंडल के अंतर्गत चलने वाली ट्रेनों में फायर सेफ्टी डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे आग लगने से पहले ही उसकी सूचना रेल कर्मचारियों को भेजी जा सकेगी. एसी कोच, द्वितीय श्रेणी, गार्ड वैन और पैंट्री कार में फायर सेफ्टी डिवाइस लगाई गई है.

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कोचिंग यार्ड के अधिकारी सौरभ कुमार ने बताया कि फायर सेफ्टी डिवाइस धुआं होने पर उसे सेंस कर लेता है. जिसके बाद अलर्ट अलार्म बजना शुरू हो जाता है. पैंट्री कार, पावर कार और एसी कोच में आग की सुगबुगाहट होने पर अलार्म बज उठेगा. अलार्म बजने के साथ ही ट्रेन के पहिए भी थम जाएंगे.

एलएसपी ट्रेनों में अपनाया गया ये तकनीक: एलएसपी ट्रेनों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. पैसेंजर ट्रेनों में इस तकनीक को अभी नहीं अपनाया गया है. एलएसपी ट्रेनों के एसी कोच, पैंट्री कार और पावर कार को इस तकनीक से लैस किया गया है. इन तीनों स्थानों पर फायर सेफ्टी डिवाइस और आग पर काबू पाने के उपकरण लगाए गए हैं. पावर कार से इलेक्ट्रिक की सप्लाई होती है. शॉट सर्किट के कारण यहां आग लगने की आशंका अधिक रहती है, जिस कारण आग से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सात फायर बॉल ऊपर लगाए गए हैं. इसके अलावे पानी के पाइप कनेक्शन भी हैं. फायर सेफ्टी सुरक्षा उपकरण भी रखी गई है.

हल्का धुआं उठने के बाद पहले एसी कोच और पैंट्री कार में लगे डिवाइस में सिग्नल देना शुरू करेगा. उससे ज्यादा धुआं होने के बाद अलार्म बज उठेगा. अलार्म बजने के साथ ही फायर बॉल फटना शुरू हो जाएगा. जिसमें आग बुझाने के लिए केमिकल का उपयोग किया गया है. अलार्म बजने के साथ ही ऑपरेटर भी मौके पर पहुंचकर फायर सेफ्टी उपकरण के जरिए आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट जाएंगे. अलार्म बजने के बाद स्वतः ही अनाउंसमेंट शुरू हो जाएगी. अनाउंसमेंट में पहले से ही एक ऑडियो फीड डाला गया है. अनाउंसमेंट के जरिए यात्रियों को आगाह करेगा कि सभी यात्रियों को सूचित किया जाता है कि ट्रेन में आग लगी है, आराम से ट्रेन की बोगी से बाहर निकलकर अपनी सुरक्षा करें.

खुद ही रुक जाएगा ट्रेन: अनाउंसमेंट के पहले यानी अलार्म बजने के साथ ही ट्रेन के पहिए थम जाएंगे. ट्रेन पूरी तरह से खड़ी हो जाएगी. जिससे कि यात्री सुरक्षित तरीके से ट्रेन से बाहर निकल सकें. एसी कोच और पैंट्री कार में भी फायर सिस्टम डिवाइस लगाया गया है. अलार्म बजने के साथ ही ट्रेन में सवार कर्मचारी अपने अधिकारियों को घटना कि सूचना देंगे.

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