धनबाद: कोयलांचल धनबाद में मंगलवार को चाल धंसने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई. इसी के साथ ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया है. एसपी इस मामले की जांच करेंगे. धनबाद उपायुक्त ने प्रेस वार्ता के माध्यम से इसकी जानकारी दी. इसके साथ ही उपायुक्त ने कहा कि निरसा इलाके के ईसीएल गोपीनाथपुर कोलियरी में जो दुर्घटना हुई है, उसमें 4 महिला और एक पुरुष की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से मौत का अलग-अलग आंकड़ा सामने आ रहा है. जो बिल्कुल गलत है. कापासारा ओर दहीबाड़ी कोलियरी में कोई दुर्घटना नहीं हुई है.
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धनबाद उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि मीडिया से कहा कि आज डीजीएमएस की टीम के साथ उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और वास्तविक स्थिति की जानकारी ली है. उन्होंने बताया कि एक फरवरी को ईसीएल मुगमा के गोपीनाथपुर कोलियरी के प्रतिबंधित क्षेत्र में कुछ लोग कोयला चुनने के लिए गए थे. इसी क्रम में एक दुर्घटना घटी, जिसमें 5 लोगों की मृत्यु हुई. घटना की जांच के लिए ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया है. जांच के क्रम में संगठित तरीके से अवैध माइनिंग के साक्ष्य प्राप्त होंगे तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कर, चार्जशीट दायर कर उसे जेल भेजा जाएगा.
सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ कीः मीडिया से बात करते हुए धनबाद उपायुक्त ने संदीप सिंह ने कहा कि कोलियरी की सुरक्षा की प्रथम जिम्मेदारी कोल कम्पनी के स्थानीय प्रबंधन एवं सीआईएसएफ की है. अगर उनके पास सुरक्षा के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं तो स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी है. वह इस कार्य के लिए स्थानीय पुलिस से सहयोग ले सकते हैं लेकिन कहीं से भी पुलिस की पहली जिम्मेदारी नहीं बनती है. कोलियरी की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के अधीन होता है. जिले में कोलियरी की सुरक्षा के लिए 2500 के संख्या में सीआईएसएफ की सुरक्षा टीम भी मौजूद है. उन्होंने कहा कि कोलियरी में अवैध उत्खनन का कार्य ना हो सके इसके लिए जिले की तमाम कोल कंपनियों को विशेष दिशा निर्देश भी दिया गया है.
उपायुक्त और डीजीएमएस के बयान अलगः उपायुक्त ने बताया कि दो वर्ष पूर्व ही वह कोलियरी बंद हो चुकी है. उन्हें उसकी भराई की जानी चाहिए थी. बाकी अन्य जगहों की भराई हो चुकी है, कुछ स्थान पर भराई अभी नहीं हो सकी है. हालांकि डीजीएमएस के अधिकारी मुकेश कुमार सिन्हा ने यह स्पष्ट करते हुए कहा है कि अभी उस क्षेत्र में पूरी तरह से कोयला नहीं निकाला जा सका है जिस कारण उक्त स्थल पर मुहाने की भराई नहीं की गई है.
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गिरोह रडार परः एसएसपी संजीव कुमार ने कहा कि मामले में कांड दर्ज कर लिया गया है. ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. साथ ही उन्होंने आम लोगों से अपील की कि जांच में सहयोग किया जाए. कोल कम्पनियों को अवैध कोयला उत्खनन के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.ग्रामीण एसपी रेशमा रमेशन ने बताया है कि निरसा थाने में जो एफआईआर दर्ज कराई गई है, उसमें फिलहाल किसी का नाम शामिल नहीं है. अगर किसी संगठित गिरोह के द्वारा अवैध कोयला उत्खनन के लिए मजदूरों को खदान के अंदर भेजा गया हो तो उसकी भी जांच कराई जा रही है.
खुद लाश लेकर भाग जाते हैं परिजनः गौरतलब है कि अवैध उत्खनन के दौरान लोगों की जान जाने के बावजूद भी कानून के भय से लोग खुद अपने परिजन की लाश लेकर भाग खड़े होते हैं जिस कारण छोटी मोटी घटना दब जाती है. बड़ी घटना होने पर हाय तौबा जरूर मचती है लेकिन कुछ दिनों में सब कुछ फिर शांत हो जाता है.
निरीक्षण में डीसी के साथ ये भी रहेः निरसा इलाके में खदान धंसने में लोगों की मौत मामले को लेकर धनबाद उपायुक्त और डीजीएमएस के अधिकारी मुकेश कुमार सिन्हा ने गोपीनाथपुर ओसीपी में दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान उपायुक्त ने अधिकारियों को मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. निरीक्षण के दौरान निरसा पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी एसडीपीओ, जीएम मुगमा, बीडीओ, सीओ, निरसा थाना प्रभारी मौजूद थे.