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नौकरी के नाम पर ठगी फिर पुत्र की बिगड़ी मानसिक स्थिति, अब पुलिस की कोताही पर पिता ने लगाई न्याय की गुहार

नौकरी की चाह में रिटायर्ड बीसीसीएलकर्मी ने बेटे की नौकरी के लिए जीवन भर गाढ़ी कमाई गंवा दी. नौकरी ना मिलने के सदमे के कारण बेटे की मानसिक स्थिति बिगड़ गयी. लाचार पिता की बेबसी देखकर भी न्यायालय के आदेश का पालन करने में पुलिस कोताही बरत रही है. नौकरी के नाम पर ठगी के बाद लाचार पिता ने न्याय की गुहार (Father pleaded for justice) लगाई है.

Father appealed for justice after son mental condition deteriorated due to cheating in name of job in Dhanbad
धनबाद
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Published : Jun 11, 2022, 8:21 PM IST

धनबादः बेटे की नौकरी लगाने के लिए रिटायर्ड बीसीसीएलकर्मी अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई गंवा चुका है. यही नहीं रुपए चले जाने के बाद जिस पुत्र की नौकरी वह लगाना चाहता था. लेकिन नौकरी ना मिलने के सदमे से उसका मानसिक संतुलन अब बिगड़ (son mental condition deteriorated) चुका है, जिसका इलाज रांची के एक मानसिक अस्पताल से चल रहा है. ठगी के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए एक पिता न्याय की गुहार लगा रहा है.

क्या है मामलाः नौकरी के नाम पर ठगी में करीब 26 लाख की रकम पिता से ली गई है, यही नहीं बतौर फर्जी तौर पर नियुक्ति पत्र भी उसे दिया गया. उस पिता से ठगी करने वाले कोई और नहीं बल्कि पूर्व जिला परिषद सदस्य और उसका एक साथी ही है. जिला परिषद सदस्य ने अपने पद पर काबिज रहते हुए यह ठगी की है. पुलिस से न्याय की गुहार (Father pleaded for justice) लगाकर थक चुके पिता ने अंततः न्यायालय की शरण ली. सीपी केस के बाद न्यायालय ने स्थानीय थाना को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. लेकिन ठगों की पुलिस में पैठ देखिए न्यायालय के आदेश 25 दिन दिन बीत जाने के बाद भी थाना में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है.

देखें पूरी खबर
महुदा के भाटडीह, परजोड़िया बस्ती के रहने वाले रिटायर्ड बीसीसीएलकर्मी हरिगोपाल राय के इकलौते बेटे राकेश राय कभी अपने दोस्तों और परिवार के साथ हंसी ठिठोली करते समय बीतता था. लेकिन आज ना तो यह किसी के साथ बैठता है और ना ही यह कुछ बोलता है. यह युवक अकेले में ही यूं बैठा रहता है, युवक का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है. जिसका इलाज रांची के एक मानसिक अस्पताल से चल रहा है. राकेश के पिता हरिगोपाल राय का कहना है कि नौकरी नहीं लगने की वजह से बेटे को सदमा लगा है. उसे लगता है कि मेरी नौकरी लगाने के लिए पिता ने अपनी जिंदगी भर की खून पसीने की कमाई गंवा दी है.पिता हरिगोपाल राय ने जीवन भर की कमाई गंवाने (cheating in name of job in Dhanbad) की पूरी कहानी बताई. हरिगोपाल ने बताया कि बीसीसीएल से रिटार्यड होने के बाद एक मोटी रकम मिली थी, जिसे पुत्र की नौकरी लगाने में लगा दी लेकिन नौकरी नहीं हो सकी. महुदा राधा नगर के रहने वाले संतोष महतो जिला परिषद सदस्य रहते नौकरी लगाने के नाम पर कुल 26 लाख की ठगी कर ली. ठगी में उसका एक और साथी रुद्र प्रताप ग्याली भी शामिल है. रूढ़ प्रताप ब्राम्हणडीह बस्ती का रहने वाला है. दोनों ने मिलकर बेटे को नौकरी लगाने के नाम 26 लाख की ठगी कर ली.
Father appealed for justice after son mental condition deteriorated due to cheating in name of job in Dhanbad
आरोपी संतोष महतो

माडा में बाजार सर्वेक्षक के रूप नौकरी लगाने की बात कही गई थी. पैसे लेने के बाद इन लोगों ने सरकारी दस्तावेजों की फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिया. ज्वाइनिंग के लिए नक्सल इलाका टुंडी दर्शाया गया था, बाद में संतोष महतो ने यह कहा कि टुंडी नक्सल इलाका है वो उसका ट्रांसफर महुदा करा देंगे. ट्रांसफर के लिए फिर उसने एक लाख रुपए झटक लिए. लेकिन आज तक नौकरी नहीं लगी, ठगी का यह सिलसिला साल 2018 से चल रहा है.

जब पैसे लौटाने का दबाव बनाया गया तो संतोष महतो ने अपनी पत्नी व अन्य लोगों के नाम से कई चेक दिए. लेकिन वह चेक बैंक में बाउंस कर गया. पुलिस से भी इसकी शिकायत की गयी. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. अंततः मामले को लेकर न्यायालय के शरण में गए. न्यायालय में शिकायतवाद के बाद अदालत में भाटडीह ओपी को आरोपियों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई पुलिस की ओर से नहीं की गयी है.


वहीं मामले की जानकारी लेने ईटीवी भारत की टीम भाटडीह ओपी पहुंची. लेकिन प्रभारी बीरेंद्र यादव मौजूद नहीं थे. फोन से बात करने पर उन्होंने कहा कि वो अभी छुट्टी पर हैं. छुट्टी से वापस लौंटने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि चार दिन पहले ही यह मामला थाना पहुंचा है.

धनबादः बेटे की नौकरी लगाने के लिए रिटायर्ड बीसीसीएलकर्मी अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई गंवा चुका है. यही नहीं रुपए चले जाने के बाद जिस पुत्र की नौकरी वह लगाना चाहता था. लेकिन नौकरी ना मिलने के सदमे से उसका मानसिक संतुलन अब बिगड़ (son mental condition deteriorated) चुका है, जिसका इलाज रांची के एक मानसिक अस्पताल से चल रहा है. ठगी के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए एक पिता न्याय की गुहार लगा रहा है.

क्या है मामलाः नौकरी के नाम पर ठगी में करीब 26 लाख की रकम पिता से ली गई है, यही नहीं बतौर फर्जी तौर पर नियुक्ति पत्र भी उसे दिया गया. उस पिता से ठगी करने वाले कोई और नहीं बल्कि पूर्व जिला परिषद सदस्य और उसका एक साथी ही है. जिला परिषद सदस्य ने अपने पद पर काबिज रहते हुए यह ठगी की है. पुलिस से न्याय की गुहार (Father pleaded for justice) लगाकर थक चुके पिता ने अंततः न्यायालय की शरण ली. सीपी केस के बाद न्यायालय ने स्थानीय थाना को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. लेकिन ठगों की पुलिस में पैठ देखिए न्यायालय के आदेश 25 दिन दिन बीत जाने के बाद भी थाना में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है.

देखें पूरी खबर
महुदा के भाटडीह, परजोड़िया बस्ती के रहने वाले रिटायर्ड बीसीसीएलकर्मी हरिगोपाल राय के इकलौते बेटे राकेश राय कभी अपने दोस्तों और परिवार के साथ हंसी ठिठोली करते समय बीतता था. लेकिन आज ना तो यह किसी के साथ बैठता है और ना ही यह कुछ बोलता है. यह युवक अकेले में ही यूं बैठा रहता है, युवक का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है. जिसका इलाज रांची के एक मानसिक अस्पताल से चल रहा है. राकेश के पिता हरिगोपाल राय का कहना है कि नौकरी नहीं लगने की वजह से बेटे को सदमा लगा है. उसे लगता है कि मेरी नौकरी लगाने के लिए पिता ने अपनी जिंदगी भर की खून पसीने की कमाई गंवा दी है.पिता हरिगोपाल राय ने जीवन भर की कमाई गंवाने (cheating in name of job in Dhanbad) की पूरी कहानी बताई. हरिगोपाल ने बताया कि बीसीसीएल से रिटार्यड होने के बाद एक मोटी रकम मिली थी, जिसे पुत्र की नौकरी लगाने में लगा दी लेकिन नौकरी नहीं हो सकी. महुदा राधा नगर के रहने वाले संतोष महतो जिला परिषद सदस्य रहते नौकरी लगाने के नाम पर कुल 26 लाख की ठगी कर ली. ठगी में उसका एक और साथी रुद्र प्रताप ग्याली भी शामिल है. रूढ़ प्रताप ब्राम्हणडीह बस्ती का रहने वाला है. दोनों ने मिलकर बेटे को नौकरी लगाने के नाम 26 लाख की ठगी कर ली.
Father appealed for justice after son mental condition deteriorated due to cheating in name of job in Dhanbad
आरोपी संतोष महतो

माडा में बाजार सर्वेक्षक के रूप नौकरी लगाने की बात कही गई थी. पैसे लेने के बाद इन लोगों ने सरकारी दस्तावेजों की फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिया. ज्वाइनिंग के लिए नक्सल इलाका टुंडी दर्शाया गया था, बाद में संतोष महतो ने यह कहा कि टुंडी नक्सल इलाका है वो उसका ट्रांसफर महुदा करा देंगे. ट्रांसफर के लिए फिर उसने एक लाख रुपए झटक लिए. लेकिन आज तक नौकरी नहीं लगी, ठगी का यह सिलसिला साल 2018 से चल रहा है.

जब पैसे लौटाने का दबाव बनाया गया तो संतोष महतो ने अपनी पत्नी व अन्य लोगों के नाम से कई चेक दिए. लेकिन वह चेक बैंक में बाउंस कर गया. पुलिस से भी इसकी शिकायत की गयी. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. अंततः मामले को लेकर न्यायालय के शरण में गए. न्यायालय में शिकायतवाद के बाद अदालत में भाटडीह ओपी को आरोपियों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई पुलिस की ओर से नहीं की गयी है.


वहीं मामले की जानकारी लेने ईटीवी भारत की टीम भाटडीह ओपी पहुंची. लेकिन प्रभारी बीरेंद्र यादव मौजूद नहीं थे. फोन से बात करने पर उन्होंने कहा कि वो अभी छुट्टी पर हैं. छुट्टी से वापस लौंटने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि चार दिन पहले ही यह मामला थाना पहुंचा है.

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