धनबादः डेढ़ साल से बंद रेलवे फाटक खुलवाने के लिए पूर्व पार्षद ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. रेलवे ने ओवरब्रिज बनवाने के नाम पर भागा रेलवे स्टेशन के पास फाटक नंबर 34 को रेलवे ने बंद कर दिया था. लेकिन कोई काम शुरू तक नहीं हुआ और यहां आवागमन बाधित हो गया. रेलवे की मनमाना कार्यशैली के कारण फाटक के दोनों ओर की आबादी प्रभावित है. फाटक के दोनों ओर बसे लोगों को करीब आठ किलोमीटर का फेरा लगा कर गंतव्य की ओर जाना पड़ रहा है.
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बता दें कि आद्रा रेल डिवीजन के अंतर्गत पड़ने वाले भागा रेलवे स्टेशन के पास फाटक नंबर 34 पर ओवरब्रिज निर्माण के लिए डेढ़ सालों से रेलवे ने फाटक बंद कर रखा है. इसके कारण फाटक के दोनों ओर का संपर्क टूट चुका है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अनशनकारी पूर्व पार्षद मनोज साव ने बताया कि यह सड़क राज्य सरकार की है, जो झरिया से जामाडोबा, बोकारो ,पुरुलिया आदि क्षेत्र को जोड़ती है. जामाडोबा में टाटा सेंट्रल अस्पताल है, यहां फुसबंगला, भागा, लोदना मोड़ समेत अन्य इलाकों में रह रहे लोग इलाज के लिए आते-जाते थे, जिन्हें आने जाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्रॉसिंग पार करने के लिए करीब आठ किलोमीटर का फेरा लगाना पड़ता है.
चार दिनों से अनशन पर बैठे मनोज साव का कहना है कि हमें लोग आकर अपनी परेशानी बताते हुए रो पड़ते हैं. कई बार रेलवे और जिला प्रशासन से फाटक खुलवाने के लिए गुहार लगाई. लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया, लोगों की परेशानी को देखते हुए मुझे आमरण अनशन करना पड़ रहा है. जब तक यह फाटक नहीं खुल जाता तब तक आमरण अनशन जारी रखेंगे.
अनशनकारी पूर्व पार्षद के समर्थन में धरने पर बैठे आजसू के केंद्रीय सदस्य वीरेंद्र निषाद का कहना है कि राज्य सरकार और रेलवे दोनों के अधिकारियों को लोगों की चिंता नहीं है. इसी वजह से डेढ़ साल से बिना मतलब के इस सड़क को बंद कर रखा है. उन्होंने झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि झरिया विधायक ने इतनी बड़ी समस्या को सदन में उठाना तक मुनासिब नहीं समझा.