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योग्य किसानों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ, कमजोर मानसून भी कर रहा परेशान - झारखंड न्यूज

मौसम में आए बदलाव ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. जिससे किसानों का खेती से मोहभंग हो रहा है. योजनाओं का लाभ भी योग्य किसानों को नहीं मिल पाता है.

जिला कृषि भवन
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Published : Jul 3, 2019, 1:46 PM IST

धनबादः पूरी तरह से बारिश पर निर्भर कृषि व्यवस्था में किसान कमजोर मानसून से काफी परेशान हैं. इसबार मानसून की बारिश लगभग आधी हुई है. गौरतलब है कि अभी तक जिले में मानसून की बारिश 205.8mm होनी चाहिए थी, जो 104.2 mm ही हुई है. ऐसे में किसान अभी तक अपना बिचड़ा नहीं डाल पाए हैं. किसानों का कहना है कि समय बीत जाने के बाद बिचड़ा देकर कोई फायदा नहीं है. समय के बाद फसल नहीं होती है.

देखें पूरी खबर

विशेषकर रोहिणी नक्षत्र में किसान डालते हैं बिचड़ा

गौरतलब है कि किसान अपना बिचड़ा खासकर रोहिणी नक्षत्र में ही डालते हैं. इस बार रोहिणी नक्षत्र में काफी गर्मी थी. कुछ दिनों पहले ही मानसून ने दस्तक दी है लेकिन मानसून की बारिश उतनी नहीं हुई. हालांकि कुछ जगहों पर किसानों ने बिचड़ा डाला है जो नाकाफी है.

अभी तक जिले में नहीं आया है बीज

जिला संयुक्त कृषि भवन से पता चला कि कुछ दिन पहले ही धान के बीज का टेंडर हुआ था और अभी तक बीज नहीं आ पाया है. धान के बीज की पहली किस्त जिले में पहुंची, जो महज 7 क्विंटल है. ऐसे में पूरे जिले को बीज की सप्लाई करना अधिकारियों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है. हालांकि उन्होंने कुछ दिनों में बीज के आ जाने का भरोसा दिलाया है. अब सवाल ये उठता है कि समय बीत जाने के बाद इन बीजों का क्या होगा.

किसानों ने कहा अब खेती से हो रहा मोहभंग

इधर किसानों ने कहा कि खेती करने का अब मन नहीं करता. किसानों का खेती से मोहभंग हो गया है. समय पर बारिश नहीं होने से खेती करके भी कोई फायदा नहीं होता. साग-सब्जी तक नहीं उग पा रहे हैं. समय पर बिचड़ा नहीं होने से खेती करने के बाद फसल उतनी मात्रा में नहीं हो पाती है. जिसके कारण किसानों को हानि उठानी पड़ती है. किसानों ने कहा कि अब खेती छोड़कर मजदूरी का काम करने में ही ज्यादा फायदा दिख रहा है.

ये भी पढ़ें- गिरिडीहः सीसीएल कोलियरी सुरक्षा में तैनात इंस्पेक्टर लापता, पुलिस कर रही है तलाश

योजनाओं का लाभ योग्य किसानों को नहीं मिल पा रहा

किसानों ने बताया कि सरकार ने बहुत तरह की घोषणाएं कर रखी है. किसानों के खातों में पैसा भेजा जा रहा है लेकिन कई किसानों को अब तक कोई पैसा नहीं मिला है. पैसा उन्हीं लोगों का आया है जिनकी प्रखंड कार्यालय में पैरवी चलती है. गोविंदपुर के जियलगढ़ा पंचायत के कृषक मित्र ने बताया कि सही किसानों को पैसा नहीं मिल रहा है और बिचौलिए इस पर हावी हो रहे हैं. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

धनबादः पूरी तरह से बारिश पर निर्भर कृषि व्यवस्था में किसान कमजोर मानसून से काफी परेशान हैं. इसबार मानसून की बारिश लगभग आधी हुई है. गौरतलब है कि अभी तक जिले में मानसून की बारिश 205.8mm होनी चाहिए थी, जो 104.2 mm ही हुई है. ऐसे में किसान अभी तक अपना बिचड़ा नहीं डाल पाए हैं. किसानों का कहना है कि समय बीत जाने के बाद बिचड़ा देकर कोई फायदा नहीं है. समय के बाद फसल नहीं होती है.

देखें पूरी खबर

विशेषकर रोहिणी नक्षत्र में किसान डालते हैं बिचड़ा

गौरतलब है कि किसान अपना बिचड़ा खासकर रोहिणी नक्षत्र में ही डालते हैं. इस बार रोहिणी नक्षत्र में काफी गर्मी थी. कुछ दिनों पहले ही मानसून ने दस्तक दी है लेकिन मानसून की बारिश उतनी नहीं हुई. हालांकि कुछ जगहों पर किसानों ने बिचड़ा डाला है जो नाकाफी है.

अभी तक जिले में नहीं आया है बीज

जिला संयुक्त कृषि भवन से पता चला कि कुछ दिन पहले ही धान के बीज का टेंडर हुआ था और अभी तक बीज नहीं आ पाया है. धान के बीज की पहली किस्त जिले में पहुंची, जो महज 7 क्विंटल है. ऐसे में पूरे जिले को बीज की सप्लाई करना अधिकारियों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है. हालांकि उन्होंने कुछ दिनों में बीज के आ जाने का भरोसा दिलाया है. अब सवाल ये उठता है कि समय बीत जाने के बाद इन बीजों का क्या होगा.

किसानों ने कहा अब खेती से हो रहा मोहभंग

इधर किसानों ने कहा कि खेती करने का अब मन नहीं करता. किसानों का खेती से मोहभंग हो गया है. समय पर बारिश नहीं होने से खेती करके भी कोई फायदा नहीं होता. साग-सब्जी तक नहीं उग पा रहे हैं. समय पर बिचड़ा नहीं होने से खेती करने के बाद फसल उतनी मात्रा में नहीं हो पाती है. जिसके कारण किसानों को हानि उठानी पड़ती है. किसानों ने कहा कि अब खेती छोड़कर मजदूरी का काम करने में ही ज्यादा फायदा दिख रहा है.

ये भी पढ़ें- गिरिडीहः सीसीएल कोलियरी सुरक्षा में तैनात इंस्पेक्टर लापता, पुलिस कर रही है तलाश

योजनाओं का लाभ योग्य किसानों को नहीं मिल पा रहा

किसानों ने बताया कि सरकार ने बहुत तरह की घोषणाएं कर रखी है. किसानों के खातों में पैसा भेजा जा रहा है लेकिन कई किसानों को अब तक कोई पैसा नहीं मिला है. पैसा उन्हीं लोगों का आया है जिनकी प्रखंड कार्यालय में पैरवी चलती है. गोविंदपुर के जियलगढ़ा पंचायत के कृषक मित्र ने बताया कि सही किसानों को पैसा नहीं मिल रहा है और बिचौलिए इस पर हावी हो रहे हैं. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

Intro:धनबाद. मानसून की दस्तक के बारे जिले के किसान परेशान है क्योंकि मानसून की बारिश लगभग आधी हुई है गौरतलब है कि अभी तक जिले में मानसून की बारिश 205.8mm होनी चाहिए थी लेकिन बारिश 104.2 mm ही हुई है.ऐसे में किसान अभी तक अपना बिचड़ा भी नहीं डाल पाए हैं. किसानों का कहना है कि समय बीत जाने के बाद पीछे से बिछड़ा देकर कोई फायदा नहीं है क्योंकि समय पर होने के बाद फसल नहीं होती हैं.


Body:विशेषकर रोहिणी नक्षत्र में किसान डालते हैं बिचड़ा

गौरतलब है कि किसान अपना बिछड़ा खासकर रोहिणी नक्षत्र में ही डालते हैं लेकिन इस बार उस समय बिछड़ा नहीं डाला जा सका क्योंकि उस समय आसमान आग बोल रही थी उगल रही थी कुछ दिनों पहले ही मानसून ने धनबाद में दस्तक दी है लेकिन मानसून की बारिश उतनी नहीं हुई है कि सभी खेतों में हल लग सके खेत में हल नहीं लग पाने के कारण किसान बिछड़ा नहीं डाल पा रहे हैं हालांकि कुछ जगहों पर किसानों ने बिछड़ा डाला है जो नाकाफी है.

अभी तक जिले में नहीं आया है बीज

इन सभी के विपरीत जिला संयुक्त कृषि भवन में जाने के बाद पता चला कि कुछ दिन पहले ही धान के बीज का टेंडर हुआ था और अभी तक बीज नहीं आ पाया है. धान के बीज की पहली किस्त धनबाद जिले में सोमवार को पहुंची जो महज 7 क्विंटल है. ऐसे में पूरे जिले को कैसे बीज की सप्लाई होगी इस सोच में अधिकारी भी पड़े हुए हैं, हालांकि उन्होंने कुछ दिनों में बीज के आ जाने का भरोसा दिलाया. पर सवाल यह उठता है कि समय बीत जाने के बाद इन बीजों का क्या होगा.

किसानों ने कहा अब खेती से हो रहा मोहभंग

इधर किसानों ने कहा की खेती करने का अब मन नहीं करता अब खेती से मोहभंग हो गया है क्योंकि समय पर बारिश नहीं होने से खेती करके भी कोई फायदा नहीं होता. साग सब्जी तक नहीं उग पा रहे हैं. समय पर बिचड़ा नहीं होने से खेती करने के बाद फसल उतनी मात्रा में नहीं हो पाती है जिसके कारण किसानों को हानि उठानी पड़ती है. किसानों ने कहा कि अब खेती छोड़कर लेबर का काम करने में ही ज्यादा फायदा दिख रहा है.

सही किसानों के अकाउंट में नहीं आ रहा पैसा

इधर किसानों ने कहा कि सरकार ने बहुत तरह की घोषणा कर रखी है कि किसानों के अकाउंट में पैसा जाएगा लेकिन किसानों को आज तक कोई पैसा नहीं मिला है.पैसा अगर कुछ लोगों का आया भी है तो उन्हीं लोगों का आया है जिनकी प्रखंड कार्यालय में पैरवी चलती है.गोविंदपुर के जियलगढ़ा पंचायत के कृषक मित्र ने बतलाया कि सही किसानों को पैसा नहीं मिल रहा है और बिचौलिए इस पर हावी हैं सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.


Conclusion:हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है और भारत की पहचान खेती ही रही है, लेकिन जिस तरीके से कुछ दिनों से लोगों का खेती से मोहभंग हो रहा है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में खाद्य सामग्रियों के लिए हमारे देश में हाहाकार मच जाएगी. क्योंकि किसान धीरे-धीरे खेती से अपना मुंह मोड़ रहे हैं समय रहते इस सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.

बाइट
1. विश्वनाथ गोस्वामी- किसान
2. निमाई गोप-किसान
3. प्रकाश गिरी -कृषक मित्र सह मीडिया प्रभारी कृषक मित्र संघ
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