धनबाद: कोयलांचल, वैसे तो देश की कोयला राजधानी के नाम से जाना जाता है. इसके बावजूद जिला के ग्रामीण इलाकों में अच्छी खेती भी होती है. इस बार जिला में समय पर मानसून और खरीफ फसल का बीज पहली बार समय पर पहुंचा है. जिसके बाद किसानों और कृषि पदाधिकारियों को अच्छी फसल होने की उम्मीद जगी है.
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धनबाद को देश की कोयला राजधानी कहा जाता है. जिला के बाघमारा, निरसा, झरिया जैसे इलाकों में कोयले का अकूत भंडार है, जो धनबाद को विश्व में पहचान दिलाता है. इसके बावजूद जिला के टुंडी, तोपचांची, बलियापुर समेत कई प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों में खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. खासकर कोयलांचल में धान की खेती ज्यादा होती है. इस बार मानसून के समय पर पहुंचने से किसान काफी गदगद हैं और वो खेती में जुट गए हैं. जिन किसानों का हल टूट चुका है, वह हल बनाने में जुटे हुए हैं. किसान पिछले वर्ष की तरह इस बार भी अच्छी फसल होने की उम्मीद लगाए हुए हैं.
पिछले वर्ष कोरोना के कारण लॉकडाउन लगाया गया तो ज्यादातर किसान जो काम की तलाश में दूसरे राज्यों में गए थे, वह वापस लौट आए और उन्होंने खेती की ओर अपना कदम बढ़ाया. पिछले वर्ष बरसात भी अच्छी हुई और किसानों को उनकी मेहनत का फल भी मिला. अगर कहा जाए कि खेती का दायरा कोरोना के कारण कोयलांचल में बढ़ गया है, तो ये गलत नहीं होगा. कई लोग कोरोना की दूसरी लहर की आहट को देखते हुए इस बार बाहर काम करने नहीं गए और जो गए भी थे, वह भी वापस खेती करने अपने गांव पहुंच गए. जिससे इस साल भी अच्छी पैदावार की उम्मीद जगी है.
परेशानी के बावजूद फसल अच्छी होगी
हालांकि कुछ किसानों का कहना है कि रोहिणी नक्षत्र में अच्छी धूप होनी चाहिए. अगर धरती तपती है, तभी पैदावार अच्छी होती है. रोहिणी नक्षत्र में इस बार यास तूफान आ पहुंचा और उसके बाद से लगातार बारिश हो रही है. गर्मी के समय में लगने वाले खीरा, भिंडी, कद्दू, कोहड़ा, करेला जैसी फसल यास तूफान से नष्ट हो गया. क्योंकि बारिश का पानी गर्मी के सीजन में होने वाली फसल को नुकसान पहुंचाता है. किसानों बताते हैं कि लगातार बारिश होने से खेत गीला होने से बीज बोने में थोड़ी परेशानी हो रही है. बावजूद किसानों ने कहा कि अभी बहुत समय है और इससे कोई अंतर खेती पर नहीं पड़ेगा.
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अच्छी पैदावार की उम्मीद
इस पूरे मामले में जब जिला कृषि पदाधिकारी असीम रंजन एक्का से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यास तूफान का बहुत ज्यादा असर धनबाद में नहीं रहा है, यहां बारिश भी बहुत ज्यादा नहीं हुई है. तूफान से जो किसान खेती की तैयारी नहीं किए थे, वो भी तैयारी में जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि जिला में पहली बार ऐसा हुआ है कि खरीफ की फसल की बीज रोहिणी नक्षत्र में उपलब्ध हुई है. उन्होंने कहा कि 50% अनुदान पर किसानों को भी मुहैया कराया जा रहा है और वितरण लगातार जारी है किसान पैक्स से बीज ले रहे हैं.
कृषि पदाधिकारी ने बताया कि मानसून और बीज समय पर पहुंचने से इस बार भी अच्छी फसल होने की उम्मीद है. क्योंकि संक्रमण काल के दौरान जिला में खेती का दायरा बढ़ा है. पिछले साल अच्छी खेती होने के कारण किसान इस बार भी अच्छी खेती की उम्मीद में खेती कार्यों में जुटे हुए हैं. जिला में इस बार भी अच्छी फसल देखने को मिलेगी.