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धनबाद में घर की लाज की दिल पर दस्तक, गृह प्रवेश के लिए सात दिन से कर रही इंतजार

धनबाद में बेरहम पति ने शादी के महज कुछ महीने में ही अपनी पत्नी को दिल से निकाल फेंका. राजगंज थाने के जरमुनई गांव की ससुराल में महिला अब घर से बाहर सात दिन से घर में जगह देने की गुहार लगा रही है.

family dispute in Dhanbad Husband evicted woman from home
धनबाद में घर की लाज की दिल पर दस्तक
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Published : Aug 1, 2021, 12:03 PM IST

धनबादः विवाह के महज कुछ महीने बाद ही विवाहिता के लिए ससुराल वालों ने घर का दरवाजा बंद कर दिया. मजबूरन पीड़िता अपने पति के घर के दरवाजे के सामने एक सप्ताह से पड़ी है. उसकी मां भी साथ में है. पड़ोस के लोगों से भोजन लेकर दोनों किसी तरह वहां पड़े हैं और घर की 'लाज' दिल में जगह पाने के लिए संघर्ष कर रही है. मामला राजगंज थाना अंतर्गत जरमुनई का है. पीड़िता ने स्थानीय थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.

ये भी पढ़ें-पारिवारिक विवादः बहू से हुआ था झगड़ा, कुएं में कूदकर मां-बेटी ने दे दी जान

दरअसल, डाल्टेनगंज के रहनेवाले डिकी अग्रवाल का विवाह वर्ष 2020 के नवंबर माह में बगोदर स्थित हरिहर धाम में मनीष अग्रवाल के साथ हुआ था. पीड़िता ने थाने में आवेदन देकर बताया है कि उसका पति कोलकाता में काम करता है. उसकी शादी के वक्त पिता ने अपने साम‌र्थ्य के अनुसार दान दहेज दिया था. शादी होने के बाद वह जरमुनई में अपनी ससुराल आ गई. करीब 2 माह के बाद पति कोलकाता ले गया. वहां एक माह रहने के बाद उसे मायके पहुंचा दिया. कई माह गुजर जाने के बाद उसने पति को बुलाया, लेकिन वह नहीं आया.

इसके बाद वह अपनी मां शोभा देवी के साथ 24 जुलाई को ससुराल जरमुनई आई. उस वक्त घर में सास और ससुर थे, दोनों ने घर में घुसने नहीं दिया और ताला बंद कर कहीं चले गए. ये लोग अब तक नहीं लौटे हैं. वह अब भी ससुराल में प्रवेश के लिए घर के बाहर इंतजार कर रही है.

ससुराल के दरवाजे पर कर रही इंतजार

इधर, दो दिन बाद 27 जुलाई को उसने राजगंज थाने में लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई. स्थानीय पुलिस ने मामला महिला थाने को सुपुर्द कर दिया है. धीरे-धीरे एक सप्ताह हो गए हैं और पीड़िता न्याय की आस में ससुराल के दरवाजे पर इंतजार कर रही है.

धनबादः विवाह के महज कुछ महीने बाद ही विवाहिता के लिए ससुराल वालों ने घर का दरवाजा बंद कर दिया. मजबूरन पीड़िता अपने पति के घर के दरवाजे के सामने एक सप्ताह से पड़ी है. उसकी मां भी साथ में है. पड़ोस के लोगों से भोजन लेकर दोनों किसी तरह वहां पड़े हैं और घर की 'लाज' दिल में जगह पाने के लिए संघर्ष कर रही है. मामला राजगंज थाना अंतर्गत जरमुनई का है. पीड़िता ने स्थानीय थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.

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दरअसल, डाल्टेनगंज के रहनेवाले डिकी अग्रवाल का विवाह वर्ष 2020 के नवंबर माह में बगोदर स्थित हरिहर धाम में मनीष अग्रवाल के साथ हुआ था. पीड़िता ने थाने में आवेदन देकर बताया है कि उसका पति कोलकाता में काम करता है. उसकी शादी के वक्त पिता ने अपने साम‌र्थ्य के अनुसार दान दहेज दिया था. शादी होने के बाद वह जरमुनई में अपनी ससुराल आ गई. करीब 2 माह के बाद पति कोलकाता ले गया. वहां एक माह रहने के बाद उसे मायके पहुंचा दिया. कई माह गुजर जाने के बाद उसने पति को बुलाया, लेकिन वह नहीं आया.

इसके बाद वह अपनी मां शोभा देवी के साथ 24 जुलाई को ससुराल जरमुनई आई. उस वक्त घर में सास और ससुर थे, दोनों ने घर में घुसने नहीं दिया और ताला बंद कर कहीं चले गए. ये लोग अब तक नहीं लौटे हैं. वह अब भी ससुराल में प्रवेश के लिए घर के बाहर इंतजार कर रही है.

ससुराल के दरवाजे पर कर रही इंतजार

इधर, दो दिन बाद 27 जुलाई को उसने राजगंज थाने में लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई. स्थानीय पुलिस ने मामला महिला थाने को सुपुर्द कर दिया है. धीरे-धीरे एक सप्ताह हो गए हैं और पीड़िता न्याय की आस में ससुराल के दरवाजे पर इंतजार कर रही है.

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