धनबादः कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो मौत के बाद भी अपने काम के कारण लोगों की यादों में जिंदा रहते हैं. ऐसा ही धनबाद में एक दिव्यांग है, जिसकी मौत हो गई, लेकिन वह अपनी आंखों के जरिये समाज के बीच रहेगा. गंभीर बीमारी से पीड़ित 26 साल के अक्षत ने अपने जीवन काल में नेत्रदान की इच्छा जताई थी. मृत्यु के बाद उसके मता पिता ने अक्षत का नेत्रदान कर उसकी अंतिम इच्छा पूरी की.
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झरिया थाना क्षेत्र के फतेहपुर के रहने वाले नरेश देसाई ने बेटे अक्षत देसाई की मौत के बाद उसका नेत्रदान कर दिया. इससे पहले अक्षत ने नेत्रदान की घोषणा कर रखी थी. उसके निधन के बाद अक्षत के पिता नरेश देसाई ने चिकित्सकों को इसकी सूचना दी. फिर चिकित्सकों की टीम ने आकर आंख को सुरक्षित रख लिया. अक्षत देसाई विकलांग व मस्कुलर डिस्टेंस बीमारी से ग्रसित था.
अक्षत ने दी प्रेरणा
मां ने बताया कि उसके बेटे ने समाज को एक नया संदेश और प्रेरणा दी है. इस संबंध में दृष्टि आई बैंक पीएमसीएच धनबाद के डॉ संजय कुमार ने कहा कि झरिया से आंख दान करने की सूचना पाकर पांच सदस्यीय टीम पहुंची. अक्षत के शरीर से आंखें सफलतापूर्वक निकालीं गईं. आंखें सुरक्षित हैं. कार्निया की स्थिति क्या है, इसकी जांच की जाएगी.