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मछ्ली पालन के लिए 24 लाख में हुई तोपचांची झील की बंदोबस्ती, बिरहोर समुदाय ने जताया एतराज

धनबाद के तोपचांची झील में मछली पालन के लिए बंदोबस्ती की प्रक्रिया गुरुवार को पूरी कर ली गई है. झामाडा परिसर में इसके लिए खुले डाक के जरिए बोली लगाई गई. कतरास के रहने वाले मुकेश सिंह ने सबसे अधिक 24 लाख 31 हजार की बोली लगाकर बंदोबस्ती हासिल की है. बंदोबस्ती के दौरान बिरहोर समुदाय के लोगों ने जमकर हंगामा किया.

Endowment process completed for fisheries in Topchanchi lake Dhanbad
Endowment process completed for fisheries in Topchanchi lake Dhanbad
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Published : Jul 30, 2020, 12:46 PM IST

धनबाद: जिले के तोपचांची झील में मछली पालन के लिए बंदोबस्ती की प्रक्रिया गुरुवार को पूरी कर ली गई है. झामाडा परिसर में इसके लिए खुले डाक के जरिए बोली लगाई गई. बंदोबस्ती के लिए 14 लाख 64 हजार की सुरक्षित राशि निर्धारित की गई थी. कतरास के रहने वाले मुकेश सिंह ने सबसे अधिक 24 लाख 31 हजार की बोली लगाकर बंदोबस्ती हासिल की है.

Endowment process completed for fisheries in Topchanchi lake Dhanbad
तोपचांची झील
इस बंदोबस्ती के कारण झामाडा को सीधे तौर पर 10 लाख अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हुई है. 2020-21, 2021-22 और 2020-23 के लिए यह बंदोबस्ती की गई है. झामाडा के अधिकारी इंद्रेश शुक्ला की उपस्थिति में बंदोबस्ती की गई, जिसमें कुल 8 लोग शामिल हुए थे. जिसमें तोपचांची के मत्स्य जीबी सहयोग समिति का आवेदन रद्द कर दिया गया. इनकी ओर से बोली लगाने के लिए राशि जमा नहीं कराई गई थी. खुली बोली में सूरज कुमार बरमसिया, गौरव कुमार सिंह बरमसिया, पिंटू कुमार, जरवाटुंडा निमियाघाट, शेखर सिन्हा, जेसी मल्लिक रोड, संजय कुमार सिंह, ओम भवन धनसार और पूजा देवी, तोपचांची शामिल थी.

इसे भी पढ़ें- बरसात में भी पानी के लिए तरस रहे पाकुड़ के लोग, ड्राई जोन बना नगर निगम का तीन वार्ड

बंदोबस्ती के दौरान बिरहोरों ने हंगामा भी किया. मत्स्यजीवी समिति के अध्यक्ष अनिल हेम्ब्रम ने कहा कि तोपचांची झील की बंदोबस्ती हम सभी बिरहोर के लिए ही होता आया है, लेकिन खुली बोली कर दूसरों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. जबकि 2007 और 2010 में तीन-तीन वर्ष के लिए हमारी समिति के नाम पर ही बंदोबस्ती की गई थी. झामाडा राजस्व के नाम पर हमारे हितों की अनदेखी की जा रही है. इसी तरह बोली में शामिल तोपचांची आजीविका महिला समिति की अध्यक्ष पूजा देवी ने कहा कि 20 लाख से अधिक की बोली नहीं लगनी चाहिए थी.

धनबाद: जिले के तोपचांची झील में मछली पालन के लिए बंदोबस्ती की प्रक्रिया गुरुवार को पूरी कर ली गई है. झामाडा परिसर में इसके लिए खुले डाक के जरिए बोली लगाई गई. बंदोबस्ती के लिए 14 लाख 64 हजार की सुरक्षित राशि निर्धारित की गई थी. कतरास के रहने वाले मुकेश सिंह ने सबसे अधिक 24 लाख 31 हजार की बोली लगाकर बंदोबस्ती हासिल की है.

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तोपचांची झील
इस बंदोबस्ती के कारण झामाडा को सीधे तौर पर 10 लाख अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हुई है. 2020-21, 2021-22 और 2020-23 के लिए यह बंदोबस्ती की गई है. झामाडा के अधिकारी इंद्रेश शुक्ला की उपस्थिति में बंदोबस्ती की गई, जिसमें कुल 8 लोग शामिल हुए थे. जिसमें तोपचांची के मत्स्य जीबी सहयोग समिति का आवेदन रद्द कर दिया गया. इनकी ओर से बोली लगाने के लिए राशि जमा नहीं कराई गई थी. खुली बोली में सूरज कुमार बरमसिया, गौरव कुमार सिंह बरमसिया, पिंटू कुमार, जरवाटुंडा निमियाघाट, शेखर सिन्हा, जेसी मल्लिक रोड, संजय कुमार सिंह, ओम भवन धनसार और पूजा देवी, तोपचांची शामिल थी.

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बंदोबस्ती के दौरान बिरहोरों ने हंगामा भी किया. मत्स्यजीवी समिति के अध्यक्ष अनिल हेम्ब्रम ने कहा कि तोपचांची झील की बंदोबस्ती हम सभी बिरहोर के लिए ही होता आया है, लेकिन खुली बोली कर दूसरों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. जबकि 2007 और 2010 में तीन-तीन वर्ष के लिए हमारी समिति के नाम पर ही बंदोबस्ती की गई थी. झामाडा राजस्व के नाम पर हमारे हितों की अनदेखी की जा रही है. इसी तरह बोली में शामिल तोपचांची आजीविका महिला समिति की अध्यक्ष पूजा देवी ने कहा कि 20 लाख से अधिक की बोली नहीं लगनी चाहिए थी.

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