धनबाद: झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले बिजली कर्मियों ने शनिवार को काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया. बिजली कर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ बिजली कार्यालय के सामने नारेबाजी भी किया. यूनियन के नेताओं ने सरकार पर बिजली निजीकरण के नाम पर विद्युत विभाग को कॉरपोरेट घरानों को बेचने का आरोप लगाया.
यूनियन महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने कहा कि यह निजीकरण नहीं बल्कि बिक्रीकरण है. उन्होंने कहा कि सरकार एक साजिश के तहत कॉरपोरेट घरानों के हाथों विद्युत विभाग को बेचना चाहती है. यूनियन ने निजीकरण के खिलाफ अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने की भी चेतावनी दी.
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रामकृष्णा सिंह ने कहा कि साल 2009 में करीब 400 चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी में कर दिया गया, साथ ही उन्हें स्थानांतरण कर घर से बेघर कर दिया गया है. इस तरह के कार्य से कर्मचारी काफी तनाव में है. उन्होंने कहा कि सरकार निजीकरण की बात कह रही है, लेकिन कर्मियों के पेंशन ग्रेच्यूटी एवं अन्य सुविधाओं के बारे सरकार का ध्यान बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि 1 से 7 अगस्त तक असहयोग आंदोलन चलेगा, जिसमें लोग समय के अनुसार अपना काम कर वापस लौट जाएंगे. कोई भी कर्मचारी देर तक काम नही करेंगे. 8 से 10 अगस्त को राज्यव्यापी सांकेतिक हड़ताल रहेगा. उसके बाद भी यदि 22 सूत्री मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा यूनियन ने की है.