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बिजली कर्मियों का निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी

धनबाद में बिजली कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया. बिजली कर्मियों ने  निजीकरण के खिलाफ नारेबाजी किया. यूनियन के नेताओं ने सरकार पर निजीकरण के नाम पर विद्युत विभाग को कॉरपोरेट घरानों को बेचने का आरोप लगाया.

बिजली कर्मियों का प्रदर्शन
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Published : Jul 21, 2019, 7:16 AM IST

Updated : Jul 21, 2019, 8:03 AM IST

धनबाद: झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले बिजली कर्मियों ने शनिवार को काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया. बिजली कर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ बिजली कार्यालय के सामने नारेबाजी भी किया. यूनियन के नेताओं ने सरकार पर बिजली निजीकरण के नाम पर विद्युत विभाग को कॉरपोरेट घरानों को बेचने का आरोप लगाया.

देखें पूरी खबर

यूनियन महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने कहा कि यह निजीकरण नहीं बल्कि बिक्रीकरण है. उन्होंने कहा कि सरकार एक साजिश के तहत कॉरपोरेट घरानों के हाथों विद्युत विभाग को बेचना चाहती है. यूनियन ने निजीकरण के खिलाफ अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने की भी चेतावनी दी.

इसे भी पढ़ें:- मरीज की मौत पर परिजनों का बवाल, अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का लगाया आरोप

रामकृष्णा सिंह ने कहा कि साल 2009 में करीब 400 चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी में कर दिया गया, साथ ही उन्हें स्थानांतरण कर घर से बेघर कर दिया गया है. इस तरह के कार्य से कर्मचारी काफी तनाव में है. उन्होंने कहा कि सरकार निजीकरण की बात कह रही है, लेकिन कर्मियों के पेंशन ग्रेच्यूटी एवं अन्य सुविधाओं के बारे सरकार का ध्यान बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि 1 से 7 अगस्त तक असहयोग आंदोलन चलेगा, जिसमें लोग समय के अनुसार अपना काम कर वापस लौट जाएंगे. कोई भी कर्मचारी देर तक काम नही करेंगे. 8 से 10 अगस्त को राज्यव्यापी सांकेतिक हड़ताल रहेगा. उसके बाद भी यदि 22 सूत्री मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा यूनियन ने की है.

धनबाद: झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले बिजली कर्मियों ने शनिवार को काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया. बिजली कर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ बिजली कार्यालय के सामने नारेबाजी भी किया. यूनियन के नेताओं ने सरकार पर बिजली निजीकरण के नाम पर विद्युत विभाग को कॉरपोरेट घरानों को बेचने का आरोप लगाया.

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यूनियन महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने कहा कि यह निजीकरण नहीं बल्कि बिक्रीकरण है. उन्होंने कहा कि सरकार एक साजिश के तहत कॉरपोरेट घरानों के हाथों विद्युत विभाग को बेचना चाहती है. यूनियन ने निजीकरण के खिलाफ अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने की भी चेतावनी दी.

इसे भी पढ़ें:- मरीज की मौत पर परिजनों का बवाल, अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का लगाया आरोप

रामकृष्णा सिंह ने कहा कि साल 2009 में करीब 400 चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी में कर दिया गया, साथ ही उन्हें स्थानांतरण कर घर से बेघर कर दिया गया है. इस तरह के कार्य से कर्मचारी काफी तनाव में है. उन्होंने कहा कि सरकार निजीकरण की बात कह रही है, लेकिन कर्मियों के पेंशन ग्रेच्यूटी एवं अन्य सुविधाओं के बारे सरकार का ध्यान बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि 1 से 7 अगस्त तक असहयोग आंदोलन चलेगा, जिसमें लोग समय के अनुसार अपना काम कर वापस लौट जाएंगे. कोई भी कर्मचारी देर तक काम नही करेंगे. 8 से 10 अगस्त को राज्यव्यापी सांकेतिक हड़ताल रहेगा. उसके बाद भी यदि 22 सूत्री मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा यूनियन ने की है.

Intro:धनबाद।झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले बिजली कर्मियों ने शनिवार को काला बिल्ला लगाकर निजीकरण के खिलाफ बिजली कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।यूनियन के नेताओं ने निजीकरण के नाम पर विद्युत विभाग को कॉरपोरेट घरानों को बेचने का आरोप सरकार पर लगाया है।यूनियन ने निजीकरण के खिलाफ अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है।


Body:बिजली कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर निजीकरण के खिलाफ शनिवार को बिजली कार्यालय के समक्ष काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया।यूनियन के महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने कहा कि यह निजीकरण नही बल्कि बिक्रीकरण है।सरकार एक साजिश के तहत कॉरपोरेट घरानों के हांथो विद्युत विभाग को बेचना चाहती है।

साल 2009 में करीब 400 चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को पुनः तृतीय श्रेणी में कर दिया गया।यही नही उन्हें उन कर्मचारियों का स्थानांतरण कर घर से बेघर कर दिया गया।इस तरह के कार्य से कर्मचारी तनाव में है।उन्होंने कहा कि सरकार निजीकरण की बात कह रही है।लेकिन कर्मियों के पेंशन ग्रेच्यूटी एवं अन्य सुविधाओं के बारे सरकार का ध्यान बिल्कुल नही है।

उन्होंने कहा 1 से 7 अगस्त तक असहयोग आंदोलन चलेगा।जिसमे लोग समय के अनुसार अपना काम कर वापस लौट जाएंगे।कोई भी कर्मचारी देर तक काम नही करेंगे।8 से 10 अगस्त को राज्यव्यापी सांकेतिक हड़ताल रहेगा।उसके बाद भी यदि 22 सूत्री मांगे नही मानी गई तो अंततः अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा यूनियन ने की है।


Conclusion:
Last Updated : Jul 21, 2019, 8:03 AM IST
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