धनबाद: मतदान के वोटिंग प्रतिशत में दिव्यांग और बुजुर्ग लोगों का भी बहुत बड़ा योगदान रहा. ऐसे लोग अपनी जिम्मेवारी को समझते हुए मतदान केन्द्र पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपना योगदान दिए.
माना जाए तो दिव्यांग और बुजुर्ग बूथ तक पहुंचकर उनलोगों के लिए सबक और प्रेरणा बन गए जो वोट देना जरूरी नहीं समझते हैं. यह सोचने की बात है कि जब दिव्यांग होते हुए इतनी तकलीफ से वे वोट देने के लिए बूथ तक पहुंच सकते हैं तो हम क्यों नहीं.
बता दें कि पूरे जोश के साथ कुछ दिव्यांग मतदाता बैसाखी के सहारे मतदान केन्द्र पंहुचे, कुछ व्हील चेयर पर तो कुछ परिजनों के सहारे. वहीं, कई लेप्रोसी पीड़ित मतदाता ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में ऐसे लोग सम्मान के पात्र हैं जो कठिन परिस्थिति में भी लोकतंत्र के महान पर्व में हिस्सा लिए और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपना योगदान दिए.