धनबाद: झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला स्तरीय मल्टी स्टेक होल्डर कंसल्स्टेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा, उपायुक्त संदीप सिंह और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहाय ने दीप प्रज्वलित कर किया.
यह भी पढ़ेंः 12 दिसंबर को वर्चुअल राष्ट्रीय लोक अदालत का होगा आयोजन, 46 बेंच का गठन
न्यायाधीश राम शर्मा ने कहा कि समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है, जिसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है. खासकर, सड़क दुर्घटना मामले में समय पर कागजात कोर्ट में जमा नहीं होने से परिजनों को मुआवजा नहीं मिल पाता है. इस स्थिति में पुलिस पदाधिकारियों को ससमय काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के मामले में 30 दिनों के भीतर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट कोर्ट को उपलब्ध कराना है, अन्यथा संबंधित थाना प्रभारी पर कार्रवाई हो सकती है. उन्होंने कहा कि साल 2022 में सिर्फ 6 मामलों में विभिन्न थानों द्वारा दुर्घटना सूचना रिपोर्ट दायर की गई. उन्होंने थाना प्रभारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मामले को लंबित रखने के बजाय त्वरित कार्रवाई करते हुए शीघ्र अंतिम प्रतिवेदन रिपोर्ट या चार्जशीट दायर करें, ताकि लोगों को जल्द न्याय मिल सके.
उपायुक्त संदीप कुमार सिंह ने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय मिल सके. इसको लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ लोगों तक पहुंचे. इसके लोकर भी जिला विधिक सेवा प्राधिकार संकल्पित है. धनबाद पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ितों के अधिकार की सुरक्षा में न्यायपालिका का अहम रोल है. अनुसंधान में चूक के कारण कई अपराधी बच जाते हैं. इसलिए पुलिस पदाधिकारियों को संवेदनशील होकर जांच करने की जरूरत है.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय ने कहा कि जिला प्रशासन की मदद से बार एसोसिएशन समाज के निचले स्तर न्याय पहुंचाया जा रहा है. एसोसिएशन के महासचिव जितेंद्र कुमार ने कहा कि समाज के हर तबके को न्याय दिलाने के लिए न्यायपालिका और प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे है. इस मौके पर चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के चेयरमैन उत्तम मुखर्जी, चीफ डिफेंस पैनल अधिवक्ता कुमार विमलेंदू के साथ साथ राजू कुमार, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप, अवर न्यायाधीश राजीव त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित थे.