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कोयला परिवहन पर जंगः रघुकुल और मेंशन समर्थक भिड़े, फोर्स तैनात

धनबाद में कोयला परिवहन पर जंग हो गई. एक बार फिर से सिंह मेंशन और रघुकुल समर्थक आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों में हाथापाई हुई, गनीमत रही कि पुलिस और सीआईएसएफ की मुश्तैदी के कारण बड़ा टकराव टल गया. बताया जा रहा है कि दोनों ही गुट एक ही संगठन के हैं.

Dispute on coal transport Raghukul and Mention supporters clash in dhanbad
रघुकुल और मेंशन समर्थक भिड़े, फोर्स तैनात
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Published : Dec 5, 2021, 11:09 PM IST

धनबाद: धनबाद में कोयला परिवहन पर जंग हो गई. एक बार फिर से सिंह मेंशन और रघुकुल समर्थक आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों में हाथापाई हुई, गनीमत रही कि पुलिस और सीआईएसएफ की मुश्तैदी के कारण बड़ा टकराव टल गया.

ये भी पढ़ें-गिरडीह में फर्नीचर व्यवसायी के घर डकैती का खुलासा, पुलिस वालों ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए बेची सब्जी

दरअसल आदिवासियों की जमीन का हक दिलाने को लेकर रघुकुल समर्थकों ने पिछले 19 दिनों से बीसीसीएल बस्ताकोला एरिया नाइन की कंपनी की ट्रांसपोर्टिंग बाधित कर रखी है. इस बीच रविवार को मेंशन समर्थक ट्रांसपोर्टिंग शुरू कराने के लिए कोल डंप पहुंच गए. ट्रांसपोर्टिंग बंद कर धरने पर बैठे रघुकुल समर्थक इस बात पर आक्रोशित हो गए. इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई. मौके पर तैनात सीआईएसएफ जवानों ने किसी तरह भीड़ को तितर-बितर किया. सूचना मिलने के बाद सिंदरी एसडीपीओ पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. हालांकि तब तक सिंह मेंशन समर्थक मौके से निकल गए.

देखें पूरी खबर


रघुकुल समर्थकों ने क्या कहा

ट्रांसपोर्टिंग बंद कर धरना दे रहे रघुकुल समर्थकों का कहना है कि पिछले 19 दिनों से आदिवासियों के हक की मांगों लेकर हम सब यहां ट्रांसपोर्टिंग बाधित कर आंदोलन कर रहे हैंं. आज मेंशन समर्थक जबरन यहां घुस आए और हाइवा लोड कराने लगे. विरोध करने पर मेंशन समर्थकों ने मारपीट की. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रघुकुल समर्थक रामकृष्ण पाठक का कहना है कि करीब 43 आदिवासी परिवारों की जमीन को ऐटीदेव प्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी ने तहस नहस कर दिया है. पीड़ित आदिवासी परिवारों को आजतक जमीन का मुआवजा नहीं मिल सका है.

विधानसभा में उठा था मामला

झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह द्वारा विधानसभा में भी इस मामले को उठाया गया था. मामला विधानसभा में उठाने के बाद सीओ से जमीन की रिपोर्ट विधानसभा में तलब की गई थी. सीओ द्वारा दो अलग अलग रिपोर्ट विधानसभा को सौंपी गई. सीओ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि जमीन पर कोई आउटसोर्सिंग का काम नहीं चल रहा है, जबकि दूसरी रिपोर्ट में मिट्टी कटाई
की बात कही थी. दो अलग अलग रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा ने काम बंद कर जांच के आदेश दिए थे.

इसके बावजूद ऐटीदेव प्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा यहां उत्खनन का कार्य कराया जा रहा है. रामकृष्ण पाठक ने चेतावनी देते हुए कहा कि जबतक आदिवासियों को उनकी जमीन को मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. इस मामले में सिंदरी एसडीपीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि जमीन मुआवजे को लेकर कुछ लोग आंदोलन कर रहे थे, जिसे लेकर दो गुटों के बीच हल्की झड़प हुई है. दोनों गुट जनता मजदूर संघ के ही हैं.

धनबाद: धनबाद में कोयला परिवहन पर जंग हो गई. एक बार फिर से सिंह मेंशन और रघुकुल समर्थक आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों में हाथापाई हुई, गनीमत रही कि पुलिस और सीआईएसएफ की मुश्तैदी के कारण बड़ा टकराव टल गया.

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दरअसल आदिवासियों की जमीन का हक दिलाने को लेकर रघुकुल समर्थकों ने पिछले 19 दिनों से बीसीसीएल बस्ताकोला एरिया नाइन की कंपनी की ट्रांसपोर्टिंग बाधित कर रखी है. इस बीच रविवार को मेंशन समर्थक ट्रांसपोर्टिंग शुरू कराने के लिए कोल डंप पहुंच गए. ट्रांसपोर्टिंग बंद कर धरने पर बैठे रघुकुल समर्थक इस बात पर आक्रोशित हो गए. इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई. मौके पर तैनात सीआईएसएफ जवानों ने किसी तरह भीड़ को तितर-बितर किया. सूचना मिलने के बाद सिंदरी एसडीपीओ पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. हालांकि तब तक सिंह मेंशन समर्थक मौके से निकल गए.

देखें पूरी खबर


रघुकुल समर्थकों ने क्या कहा

ट्रांसपोर्टिंग बंद कर धरना दे रहे रघुकुल समर्थकों का कहना है कि पिछले 19 दिनों से आदिवासियों के हक की मांगों लेकर हम सब यहां ट्रांसपोर्टिंग बाधित कर आंदोलन कर रहे हैंं. आज मेंशन समर्थक जबरन यहां घुस आए और हाइवा लोड कराने लगे. विरोध करने पर मेंशन समर्थकों ने मारपीट की. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रघुकुल समर्थक रामकृष्ण पाठक का कहना है कि करीब 43 आदिवासी परिवारों की जमीन को ऐटीदेव प्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी ने तहस नहस कर दिया है. पीड़ित आदिवासी परिवारों को आजतक जमीन का मुआवजा नहीं मिल सका है.

विधानसभा में उठा था मामला

झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह द्वारा विधानसभा में भी इस मामले को उठाया गया था. मामला विधानसभा में उठाने के बाद सीओ से जमीन की रिपोर्ट विधानसभा में तलब की गई थी. सीओ द्वारा दो अलग अलग रिपोर्ट विधानसभा को सौंपी गई. सीओ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि जमीन पर कोई आउटसोर्सिंग का काम नहीं चल रहा है, जबकि दूसरी रिपोर्ट में मिट्टी कटाई
की बात कही थी. दो अलग अलग रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा ने काम बंद कर जांच के आदेश दिए थे.

इसके बावजूद ऐटीदेव प्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा यहां उत्खनन का कार्य कराया जा रहा है. रामकृष्ण पाठक ने चेतावनी देते हुए कहा कि जबतक आदिवासियों को उनकी जमीन को मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. इस मामले में सिंदरी एसडीपीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि जमीन मुआवजे को लेकर कुछ लोग आंदोलन कर रहे थे, जिसे लेकर दो गुटों के बीच हल्की झड़प हुई है. दोनों गुट जनता मजदूर संघ के ही हैं.

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