धनबाद: अबुआ आवास योजना झारखंड सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. यह योजना अभी ठीक से धरातल पर उतरी भी नहीं, लेकिन इसे लेकर पंचायत का नेतृत्व करने वाले दो संघ आमने-सामने आ गये हैं. एक ओर जहां मुखिया संघ खुद को श्रेष्ठ और पंचायत की जनता का सच्चा हमदर्द बता रहा है, वहीं दूसरी ओर मुखिया संघ के इस बयान पर पंचायत समिति सदस्य आपत्ति जता रहे हैं और इसकी निंदा कर रहे हैं.
अबुआ आवास योजना में लाभुकों के चयन का अधिकार सरकार के निर्देश पर पंचायत समिति सदस्यों को दिया गया है. बाघमारा मुखिया संघ इस पर आपत्ति जता रहा है और मुखिया को चयन प्रक्रिया में शामिल करने की मांग कर रहा है. मुखिया संघ ने पंचायत समिति सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अबुआ आवास में पात्र लाभार्थियों का चयन न करके अपात्र लाभार्थियों का चयन किया गया है.
पंचायत समिति सदस्यों ने की निंदा: मुखिया संघ द्वारा पंचायत समिति सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाये जाने के बाद बाघमारा प्रखंड प्रमुख, उप प्रमुख और विभिन्न पंचायतों के पंचायत समिति सदस्यों ने इस पर आपत्ति जतायी और इसकी निंदा की. प्रमुख ने मुखिया संघ को आरोप लगाने से पहले सोच-विचार करने की सलाह दी.
मुखिया संघ अध्यक्ष रिंकू देवी ने कहा कि अबुआ आवास योजना में पंचायत समिति सदस्य योग्य लाभुकों का चयन नहीं कर रहे हैं. सरकार से मांग है कि चयन प्रक्रिया में मुखियाओं को भी शामिल किया जाये. मुखिया पंचायत के बेहतर जनप्रतिनिधि होते हैं. वहीं बाघमारा प्रखंड प्रमुख गीता देवी और उपप्रमुख रंजीत सिंह ने कहा कि त्रिस्तरीय प्रणाली के तहत प्रमुखों का चुनाव भी जनता से ही होता है. पंचायत समिति सदस्यों को भी वही जनता चुनकर भेजती है. पंचायत समिति सदस्य भी अपने लोगों के दुख-दर्द को भली-भांति समझते हैं. मुखिया संघ को इस तरह का उपहास नहीं उड़ाना चाहिए बल्कि साथ मिलकर पंचायत का विकास करना चाहिए.
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