धनबाद: कोयलांचल का स्वर्ग कहे जाने वाले मैथन बांध में इन दिनों सैलानियों की लापरवाही के कारण गंदगी का अंबार लगना शुरु हो गया है. झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमा पर स्थित मैथन डैम प्रकृति की गोद में बसा एक सुंदर पर्यटन स्थल है. यहां हर साल लाखों की तादाद में सैलानी आते हैं और जमकर लुत्फ उठाते हैं.
मैथन डैम में दिसंबर और जनवरी महीने में दूर दूर से सैलानी पिकनिक और नौका विहार करने आते हैं. इस दौरान सैलानी यहां खाना बनाते हैं और खाते हैं. इस दौरान प्लास्टिक का ग्लास और थर्माोकोल के पत्ते डैम के आसपास छोड़कर चले जाते हैं, जिससे डैम का पानी भी प्रदूषित हो रहा है. आसपास के इलाके में रहने वाले जानवर भी चारा खाने यहां चले आ रहे हैं और प्लास्टिक्स, थर्मोकोल के बने चीजों को खा जा रहे हैं, जिससे जानवरों को भी नुकसान हो रहा है.
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मैथन डैम की देखरेख का जिम्मा दामोदर वैली कॉर्पोरेशन का है. डीवीसी अगर डैम के किनारे डस्टबिन की व्यवस्था कर दे, तो यहां काफी हद तक गंदगी होने से रोका जा सकता है.