धनबाद: कोयलांचल के जाने-माने समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने झारखंड के साहिबगंज के बरहेट इलाके की एक लड़के को परिवार से मिलाने में बढ़-चढ़कर योगदान दिया है. उनके सहयोग से दिल्ली में बेची गई लड़की परिवार वालों को मिली. समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने पूरे मामले में मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाने की मांग की है.
दिल्ली जाकर बेचा था
गौरतलब है कि बड़े इलाके की एक लड़की को एक दलाल ने दिल्ली में जाकर बेच दिया था, जिसके बाद लड़की दिल्ली के किसी इलाके में एक परिवार में बंधक बनकर झाड़ू-पोछा का काम करने लगी. उसके बाद उसे शारीरिक यातनाएं भी दी जाने लगी और दुष्कर्म की कोशिश का भी प्रयास किया गया. लड़की ने हिम्मत दिखाते हुए छत से कूदकर वहां से भाग निकली काफी दिनों के बाद वह मध्यप्रदेश के पुलिस को बेहोशी की हालत में मिली. जिसके बाद वहां से उचित प्रयास से लड़की परिवार वालों को मिली.
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छत से कूदकर भागी
समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने बताया कि उन्हें सिद्धि बालगृह की संचालिका का फोन आया था कि झारखंड की एक लड़की जो आदिवासी में सिर्फ बोल रही है वह अपने परिवार वालों से बिछड़ गई है. फिर अंकित ने एक संथाली मित्र की पत्नी से बात करवाने के बाद सारा मामला सामने आ गया. अंकित राजगढ़िया ने बताया कि लड़की ने जो अपनी आपबीती सुनाई वह रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी थी. लड़की ने उन्हें बताया कि दिल्ली में एक परिवार ने उसे बंधक बनाकर रखा था. गर्म रॉड से शरीर पर भी दागा जाता था और दुष्कर्म करने की कोशिश भी की गई थी लेकिन वह छत से कूदकर वहां से भाग निकली. काफी दिनों तक वहां से भागते-भागते होटलों में मांग कर खाते हुए, रात में पेड़ पर होते हुए अपनी इज्जत को बचाने में कामयाब रही और अंत में बेहोशी की हालत में सिद्धि पुलिस को मिली.
घर की हालात ठीक नहीं
बालगृह से फोन आने के बाद अंकित राजगढ़िया साहिबगंज के बरहेट इलाके में उस लड़की के घर गए. वहां जाकर उन्होंने सिद्धि बालगृह की संचालिका से निवेदन किया कि इसके घर की माली हालत ठीक नहीं है और इसकी मां भी बीमार रहती है. ऐसे में अगर पुलिस ही किसी तरह उसे साहिबगंज पहुंचाने का कष्ट करें तो बेहतर होगा. अंकित के इस निवेदन पर सिद्धि पुलिस ने वहां की कागजी प्रक्रिया को पूरी करते हुए उस लड़की को लेकर साहिबगंज के बरहेट पहुंची. तब जाकर वह लड़की अपने परिवार वालों से मिली.
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जांच की मांग
अंकित राजगढ़िया का कहना है कि जो दलाल उसे बेचने के लिए गया हुआ था. उसने भी बालगृह में फोन किया था, लेकिन बालगृह में फोन करने के बाद वह बालगृह की ओर से मांगे गए कागजातों को उपलब्ध नहीं करा पाया. तब बालगृह की संचालिका को भी उसके बात पर शंका होने लगा. बालगृह की संचालिका ने समाजसेवी को उसका नाम और मोबाइल नंबर बता दिया है. उस दलाल का नाम मोबाइल नंबर आदि सभी कुछ दुमका डीआईजी को समाजसेवी ने उपलब्ध करा दिया है. अंकित का कहना है कि मोबाइल पर बात तो होने पर उस दलाल ने दिल्ली में ले जाकर दो लड़की को बेचे जाने का खुलासा भी किया है. ऑडियो रिकॉर्डिंग भी दुमका डीआईजी को उपलब्ध करा दी गई है. साथ ही साथ अंकित राजगढ़िया ने बरहेट से स्थानीय विधायक और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच करने की मांग की है.