धनबाद. धनबाद जज मौत मामले में सीबीआई ने दोनों आरोपियों को 10 दिन के लिए रिमांड पर लिया है. इसके बाद सीबीआई दोनों आरोपियों को लेकर दिल्ली गई है. इससे पहले सीबीआई ने धनबाद एडीजे उत्तम आनंद मौत मामले में दोनों आरोपियों को सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया था. इस दौरान सीबीआई ने 10 दिनों की रिमांड मांगी थी. सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि कुछ ऐसी जांच हैं, जिसमें लगभग 7 दिन का समय लग सकता है और आरोपियों को धनबाद से बाहर ले जाना पड़ेगा. रिमांड मिलने के बाद सीबीआई की टीम दोनों आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा को लेकर धनबाद के सदर अस्पताल पहुंची जहां उनका कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया.
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बुधवार को धनबाद के जज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के हाईप्रोफाइल मामले में सीबीआई ने दोनों आरोपियों राहुल वर्मा और लखन वर्मा को फिर से पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड पर लिया. इससे पूर्व 6 अगस्त को अदालत ने दोनों आरोपियों को 5 दिनों के लिए सीबीआई को सौंपा था, जिसकी अवधि गुरुवार को खत्म हो रही थी. सीबीआई की स्पेशल टीम एसपी जगरूप एस सिन्हा और एएसपी सह कांड के अनुसंधानकर्ता विजय कुमार शुक्ला के नेतृत्व में 3 गाड़ियों में बुधवार को सुबह लगभग 11 बजे आरोपियों को लेकर कोर्ट पहुंचे. यहां धनबाद सीबीआई की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत में अभियुक्तों को पेश किया और 10 दिनों के लिए सीबीआई हिरासत में फिर से देने की मांग की.
सीबीआई ने इस आधार पर मांगी रिमांड
इस दौरान सीबीआई ने अदालत को बताया कि अभियुक्तों का और टेस्ट किया जाना बाकी है. जिससे सच्चाई का पता लग सके, जिसमें कम से कम 7 दिनों का समय और लगेगा. सीबीआई ने अदालत को बताया कि टेस्ट कराने के लिए आरोपियों को धनबाद से बाहर भी ले जाना पड़ सकता है. जिस कारण 10 दिनों की रिमांड दी जाए. इसके बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को 10 दिनों के लिए सीबीआई को रिमांड पर दे दिया.
आरोपियों के होंगे कई टेस्ट
जानकारी के अनुसार दोनों आरोपियों को सीबीआई की टीम नार्को टेस्ट के लिए दिल्ली लेकर गई है. इससे पहले सीबीआई की टीम ने 9 अगस्त को अदालत से दोनों आरोपियों के कई टेस्ट के लिए अनुमति ली थी.
क्या है मामला
28 जुलाई को सुबह एडीजे उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. इसी दौरान धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर उन्हें एक ऑटो ने टक्कर मार दी, जिसके बाद वे गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर गिर गए. कुछ देर बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उसी दिन सीसीटीवी फुटेज का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें हादसे की परिस्थिति संदिग्ध लग रही थी. फुटेज में ऐसा नजर रहा था कि ऑटो संदिग्ध स्थिति में सड़क किनारे जज आनंद के करीब पहुंचा था. ऑटो में कुछ लोग भी बैठे थे. घटना के बाद जज उत्तम आनंद की पत्नी के बयान पर धनबाद के सदर थाने में अज्ञात ऑटो चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
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एसआईटी ने नहीं पाया था कोई साक्ष्य
हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद झारखंड राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने अबतक की जांच में सुनियोजित हत्या से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं पाया था. वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. मामले में झारखंड हाईकोर्ट द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है. 30 जुलाई को झारखंड सरकार ने सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा की थी. सीबीआई ने इस मामले में ऑटो ड्राइवर और उसके साथी को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने धनबाद में घटना का सीन भी रीक्रिएट कराया है और उसकी वीडियोग्राफी कराई है. अब नार्को टेस्ट समेत चार टेस्ट किए जाने हैं.
रंजय आनंद हत्याकांड की कर रहे थे सुनवाई
झारखंड के धनबाद में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) चर्चित रंजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे. रंजय सिंह धनबाद के बाहुबली नेता और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के काफी करीबी माने जाते थे. कुछ दिन पहले ही शूटर अभिनव सिंह और रवि ठाकुर की जमानत याचिका उन्होंने खारिज कर दी थी. आशंका जताई जा रही है कि रंजय सिंह हत्याकांड मामले में सुनवाई से उनकी हादसे में मौत के तार जुड़े हो सकते हैं.