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धनबाद के पूर्व एसपी शीतल उरांव, डीएसपी संजय रंजन सिंह, इंस्पेक्टर रामाशंकर सिंह बरी, थानेदार ने लगाया था यह आरोप - धनबाद न्यूज

थानेदार गिरिजेश कुमार के साथ मारपीट के मामले में तत्कालीन एसपी शीतल उरांव, डीएसपी संजय रंजन सिंह और इंस्पेक्टर रमाशंकर सिंह को धनबाद कोर्ट ने बरी कर दिया है.

Dhanbad court acquits IPS officer Shitar Oraon of assault charges
Dhanbad court acquits IPS officer Shitar Oraon of assault charges
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Published : Apr 6, 2022, 9:23 PM IST

धनबाद: साल 2008 में धनबाद के तत्कालीन एसपी शीतल उरांव और विधि व्यवस्था डीएसपी संजय रंजन सिंह के खिलाफ तत्कालीन बरवाअड्डा थानेदार ने मारपीट का आरोप लगाते हुए अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया था. मामला ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ा हुआ था.

थानेदार के मुताबिक मैथन थाना में पोस्टिंग करने के लिए एसपी को लाखों रुपये दिए थे, लेकिन अदालत में मारपीट का सीपी केस दर्ज हुआ था. यह मामला कोयलांचल में काफी चर्चित हुआ था. इस विवाद की शोर पूरे झारखंड में सुनाई दी थी. इस मामले में आज प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रतिभा उरांव की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान तत्कालीन बरवाअड्डा थानेदार गिरिजेश कुमार लगाए गए आरोपों को अदालत में साबित नहीं कर सके. जिसके बाद अदालत ने एसपी शीतल उरांव, विधि व्यवस्था डीएसपी संजय रंजन सिंह और रामा शंकर सिंह को बरी कर दिया है.

बरवाअड्डा थाना के पूर्व थानेदार और घटना के समय पीसीआर में तैनात गिरिजेश कुमार ने तीन अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में सीपी केस 24 मार्च 2008 को दायर किया गया था. आरोप लगाया था कि 18 मार्च 2008 को तत्कालीन एसपी शीतल उरांव ने टेलीफोन कर अपने आवासीय कार्यालय में बुलाया था. वहां जाने पर एसपी ने सर्विस रिवाल्वर जमा करने का आदेश दिया. रिवाल्वर लेने के बाद एसपी शीतल उरांव तथा तत्कालीन डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) संजय रंजन सिंह व पूर्व इंस्पेक्टर रामा शंकर सिंह ने मारपीट की. घटना एसपी के आवासीय चेंबर में घटी थी. वर्तमान में शीतल उरांव आईजी के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

धनबाद: साल 2008 में धनबाद के तत्कालीन एसपी शीतल उरांव और विधि व्यवस्था डीएसपी संजय रंजन सिंह के खिलाफ तत्कालीन बरवाअड्डा थानेदार ने मारपीट का आरोप लगाते हुए अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया था. मामला ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ा हुआ था.

थानेदार के मुताबिक मैथन थाना में पोस्टिंग करने के लिए एसपी को लाखों रुपये दिए थे, लेकिन अदालत में मारपीट का सीपी केस दर्ज हुआ था. यह मामला कोयलांचल में काफी चर्चित हुआ था. इस विवाद की शोर पूरे झारखंड में सुनाई दी थी. इस मामले में आज प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रतिभा उरांव की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान तत्कालीन बरवाअड्डा थानेदार गिरिजेश कुमार लगाए गए आरोपों को अदालत में साबित नहीं कर सके. जिसके बाद अदालत ने एसपी शीतल उरांव, विधि व्यवस्था डीएसपी संजय रंजन सिंह और रामा शंकर सिंह को बरी कर दिया है.

बरवाअड्डा थाना के पूर्व थानेदार और घटना के समय पीसीआर में तैनात गिरिजेश कुमार ने तीन अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में सीपी केस 24 मार्च 2008 को दायर किया गया था. आरोप लगाया था कि 18 मार्च 2008 को तत्कालीन एसपी शीतल उरांव ने टेलीफोन कर अपने आवासीय कार्यालय में बुलाया था. वहां जाने पर एसपी ने सर्विस रिवाल्वर जमा करने का आदेश दिया. रिवाल्वर लेने के बाद एसपी शीतल उरांव तथा तत्कालीन डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) संजय रंजन सिंह व पूर्व इंस्पेक्टर रामा शंकर सिंह ने मारपीट की. घटना एसपी के आवासीय चेंबर में घटी थी. वर्तमान में शीतल उरांव आईजी के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

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